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नए साल पर मुर्झाया फूलों का बाजार - फूल विक्रेताओं में निराशा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नए साल पर फूल नहीं बिके. इससे फूल विक्रेताओं में निराशा छाई हुई है. नए साल का जश्न भी फूल कारोबारियों के व्यापार को रोशन नहीं कर सका.

flowers not sold on new year in varanasi
वाराणसी में फूल विक्रेताओं में छाई उदासी.
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Published : Jan 3, 2021, 3:43 PM IST

वाराणसी : कोरोना महामारी ने उद्योग-धंधों को एकदम धीमी गति पर लाकर छोड़ दिया है. नए साल में लोगों को उम्मीद है कि यह साल व्यापार व अन्य दृष्टि से काफी अच्छा रहेगा, लेकिन फूल व्यापारियों के लिए नए साल की शुरुआत काफी उदासी भरी रही. नए साल का जश्न भी फूल कारोबारियों के व्यापार को रोशन नहीं कर सका. इस बार उनका व्यापार मुरझाया हुआ नजर आया. ईटीवी भारत की टीम ने फूल व्यापारियों से बातचीत की, जहां उन्होंने अपनी बातों को साझा किया.

फूल विक्रेताओं में छाई उदासी.
'मुर्झा गया हमारा व्यापार'ईटीवी भारत से बातचीत में फूल विक्रेता इंद्र शेखर सैनी ने बताया कि कोरोना की वजह से पहले से यह बाजार काफी मंदा चल रहा था. नए साल से हमें थोड़ी उम्मीद थी, लेकिन इस बार हर त्योहार की तरह नया साल भी फीका रहा. उन्होंने बताया कि हर बार नए साल के पहले दिन ही फूलों के सारे स्टॉक खत्म हो जाते थे, लेकिन नया साल बीत जाने के बाद अभी भी फूलों के बंडल पड़े हुए हैं. इस बार हमारे फूलों का व्यापार भी इसी तरीके से मुरझाया हुआ है.
flowers not sold on new year in varanasi
सफेद फूल.
'नहीं निकल पाई लागत'फूल विक्रेता संजय का कहना है कि हमने फूलों के बंडल काफी महंगे खरीदे. इतने महंगे फूलों के बंडल नहीं मिलते थे, लेकिन उसकी बिक्री इस बार एकदम साधारण दामों पर हुई. इस बार नए साल पर हम लागत भी नहीं कमा पाए. साल की शुरुआत ही काफी मंदी के साथ हुई है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में व्यापार थोड़ा अच्छा होगा.
flowers not sold on new year in varanasi
गुलाब का फूल.

20 से 30 रुपये में बिके गुलाब
बता दें कि 300 रुपये दर्जन के हिसाब से खरीदा हुआ गुलाब 20 से 30 रुपये में बिके. जबकि नए साल पर गुलाब का फूल 10 से लेकर 100 रुपये तक में मिलता था, लेकिन इस बार खरीदारों की कमी के वजह से जहां गुलाब की बिक्री में कमी हुई तो वहीं इसके दामों में भी कमी नजर आई.

flowers not sold on new year in varanasi
फूल.

वाराणसी : कोरोना महामारी ने उद्योग-धंधों को एकदम धीमी गति पर लाकर छोड़ दिया है. नए साल में लोगों को उम्मीद है कि यह साल व्यापार व अन्य दृष्टि से काफी अच्छा रहेगा, लेकिन फूल व्यापारियों के लिए नए साल की शुरुआत काफी उदासी भरी रही. नए साल का जश्न भी फूल कारोबारियों के व्यापार को रोशन नहीं कर सका. इस बार उनका व्यापार मुरझाया हुआ नजर आया. ईटीवी भारत की टीम ने फूल व्यापारियों से बातचीत की, जहां उन्होंने अपनी बातों को साझा किया.

फूल विक्रेताओं में छाई उदासी.
'मुर्झा गया हमारा व्यापार'ईटीवी भारत से बातचीत में फूल विक्रेता इंद्र शेखर सैनी ने बताया कि कोरोना की वजह से पहले से यह बाजार काफी मंदा चल रहा था. नए साल से हमें थोड़ी उम्मीद थी, लेकिन इस बार हर त्योहार की तरह नया साल भी फीका रहा. उन्होंने बताया कि हर बार नए साल के पहले दिन ही फूलों के सारे स्टॉक खत्म हो जाते थे, लेकिन नया साल बीत जाने के बाद अभी भी फूलों के बंडल पड़े हुए हैं. इस बार हमारे फूलों का व्यापार भी इसी तरीके से मुरझाया हुआ है.
flowers not sold on new year in varanasi
सफेद फूल.
'नहीं निकल पाई लागत'फूल विक्रेता संजय का कहना है कि हमने फूलों के बंडल काफी महंगे खरीदे. इतने महंगे फूलों के बंडल नहीं मिलते थे, लेकिन उसकी बिक्री इस बार एकदम साधारण दामों पर हुई. इस बार नए साल पर हम लागत भी नहीं कमा पाए. साल की शुरुआत ही काफी मंदी के साथ हुई है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में व्यापार थोड़ा अच्छा होगा.
flowers not sold on new year in varanasi
गुलाब का फूल.

20 से 30 रुपये में बिके गुलाब
बता दें कि 300 रुपये दर्जन के हिसाब से खरीदा हुआ गुलाब 20 से 30 रुपये में बिके. जबकि नए साल पर गुलाब का फूल 10 से लेकर 100 रुपये तक में मिलता था, लेकिन इस बार खरीदारों की कमी के वजह से जहां गुलाब की बिक्री में कमी हुई तो वहीं इसके दामों में भी कमी नजर आई.

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फूल.
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