वाराणसी: देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं, जिसका असर लगभग हर प्रदेश में दिखाई दे रहा है. दिल्ली से लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हर स्टेट अब एक बार फिर से लॉकडाउन को लागू करने की शुरुआत कर चुका है. कहीं पर लॉकडाउन लग रहा है तो कहीं पर नाइट कर्फ्यू का समय बढ़ाया जा रहा है. इन सब के बीच अब टेंशन उनको होने लगी है, जो लंबे समय से 2019 से बिगड़े हालात के सुधरने के इंतजार में थे. इसमें फूल कारोबारियों को 2022 से काफी उम्मीदें थी, क्योंकि 2021 में दूसरी लहर ने कारोबार को पूरी तरह से बर्बाद करके रख दिया था. उम्मीद थी कि अब जब यह लहर धीमी पड़ी है तो 2022 की शुरुआत नए साल और फिर खरमास खत्म होने के बाद अच्छे लगन के साथ होगी. लेकिन नए वेरिएंट के खतरे से बढ़ रही बंदी से एक तरफ जहां फूलों को मुरझाने पर मजबूर (Varanasi Flowers market) कर रही हैं तो वहीं फूल कारोबार से जुड़े लोगों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
दरअसल, वाराणसी फूल कारोबार के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि यहां पर एक तरफ जहां धार्मिक कार्यों और मंदिरों में फूलों का इस्तेमाल हर रोज होता है तो वहीं बनारस से पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में फूल की सप्लाई और फूल कारोबारियों के आर्डर जाते हैं. जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़ यहां तक कि बिहार तक यहां के फूल कारोबारियों का काम होता है. जिसकी वजह से चोलापुर चौबेपुर, कैथी, चंदौली और अन्य आसपास के जिले से फूल किसान यहां की फूल मंडियों में अपना फूल लेकर पहुंचते हैं.
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फूल किसानों को भी कोरोना की दूसरी लहर की धीमी हुई रफ्तार से काफी उम्मीदें थी. नए साल में गुलाब की आमद जबरदस्त की गई. इस आशा से कि इस बार नया साल बीते 2 साल की भरपाई करके जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और मंडियों में गुलाब के फूल डंप ही पड़े रह गए. अब उम्मीद आने वाले शादियों के सीजन से है, लेकिन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू और शादियों में सीमित लोगों के आमंत्रण की गाइडलाइन कारोबारियों के माथे पर पसीना लाने के लिए काफी है.
फूल कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि जनवरी को लेकर हमें नवंबर-दिसंबर में ही आर्डर मिल गए थे. ऑर्डर बुक करने के बाद हमने फूल के ऑर्डर भी देने शुरू कर दिए थे, लेकिन नई गाइडलाइन ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है. अब तक सैकड़ों आर्डर कैंसिल हुए हैं और कई ऑर्डर को सीमित कर दिया गया है, जो काम हमें 50 हजार का मिला था, उसे समेटकर 10 से 20 हजार में करने को कहा जा रहा है.
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