वाराणसी: काशी नगरी के रामनगर थाना अंतर्गत पीएम मोदी के आदर्श गांव डोमरी की बदहाली की खबर गांव की ही एक अनुसूचित जाति की महिला के बयान के आधार पर छापी गई थी. इसके चलते एक न्यूज पोर्टल की एडिटर सुप्रिया शर्मा के खिलाफ वाराणसी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.
पुलिस के मुताबिक सुप्रिया ने डोमरी निवासी मालादेवी के हवाले से पोर्टल पर एक खबर लिखी थी. इस खबर में यह बताया गया था कि लॉकडाउन में डोमरी गांव के लोग भूखे हैं, लोगों का राशन कार्ड नहीं बना है. यह खबर छपने के बाद वाराणसी से लेकर राजधानी दिल्ली तक हड़कंप मच गया.
जाति और गरीबी का मजाक बनाया
शिकायतकर्ता मालादेवी ने बताया कि एडिटर सुप्रिया ने न सिर्फ गलत खबर छापी है, बल्कि उसकी गरीबी का भी मजाक उड़ाया है. हालांकि उसने यह स्वीकार किया कि गांव में राशन कार्ड नहीं बना है. मालादेवी के अलावा कुछ दूसरे ग्रामीणों ने भी इस बात की तस्दीक की कि गांव में राशन कार्ड नहीं बना है. मालादेवी नगर निगम में काम करती है. उसने बताया कि महिला पत्रकार ने अपनी खबर के जरिये मेरी और मेरी जाति का मजाक बनाया है, इसलिए मैंने एफआईआर दर्ज कराई है, जहां जाती हूं लोग मुझसे पूछते हैं.
एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिले के रामनगर थाना अंतर्गत एक महिला ने केस दर्ज कराया है. महिला का कहना है कि किसी ने सोशल मीडिया और पोर्टल पर उसकी जाति और गरीबी के बारे में जो लिखा है, उससे वह आहत है. पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.