वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता की अलख जगाने के लिए बनारस को चुना था. बनारस के अस्सी घाट पर हाथों में फावड़ा लिए प्रधानमंत्री मोदी का वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर वायरल होता है. साफ सफाई के मामले में प्रधानमंत्री मोदी हमेशा लोगों को सीख देते हुए उनसे स्वच्छता की अपील करते हैं. यही वजह है कि उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम बहुत ही ज्यादा एहतियात बरत रहा है, लेकिन लोगों का साथ न मिलने की वजह से निगम भी परेशान है. इस कारण नगर निगम ने अब ऐसी प्लानिंग की है जो स्वच्छता से खिलवाड़ करने वालों के लिए मुसीबत का सबब बन जाएगी. हर प्वाइंट पर स्वच्छता से खिलवाड़ करना अब आपकी जेब पर सीधा असर डालेगा. कूड़ा कचरा फेंकने से लेकर इधर-उधर शौच करने या फिर यूरिनल की जगह सार्वजनिक स्थान पर गंदगी करना आदि को लेकर निगम चालान की कड़ी कार्रवाई करने जा रहा है.
बनारस को नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर एक करने के लिए हर हथकंडे अपना रहा है. खास तौर पर लोगों को जागरूक करने के लिए दीवारों पर वॉल पेंटिंग से लेकर पंपलेट वितरण का काम हो रहा है, लेकिन लोग हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत बनारस से की थी इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में बनारस को नंबर वन बनाने के लिए चालान की पूरी लिस्ट तैयार की है. इसमें सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फैलाने से लेकर घाटों की सीढ़ियों डिवाइडर पर पोस्टर चिपकाने और अन्य अलग-अलग तरह के कार्य करके स्वच्छता को खराब करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है.
चालान पर एक नजर (रुपए में)
- सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फेंकने या फैलाने ओर पर 200.
- सार्वजनिक स्थल पर थूकने यूरिन करने पर 100.
- खुले में शौच करने पर 500.
- सार्वजनिक स्थल पर वाहनों, कपड़े धोने और नदी तालाब कुंड में गंदगी फैलाने पर 500.
- घाटों की सीढ़ियों रोड डिवाइडर, नामपट, मार्गदर्शक बोर्ड, सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत रूप से पोस्टर या बैनर लगाने पर 500.
- पालतू पशुओं को सार्वजनिक स्थलों पर खुला छोड़ने पर और उनके मल मूत्र इत्यादि से गंदगी फैलने की स्थिति में 500.
- सीवर सिस्टम में गंदगी फेंकने, गोबर बहाने इत्यादि किसी भी तरह की गंदगी फैलाने पर 1000 से 10000 तक का चालान.
- कूड़ेदान में स्टोरेज कंटेनर के बाहर कूड़ा फेंकने पर 500.
- किसी परिसर में 24 घंटे से अधिक अवधि के लिए कूड़े करकट को इकट्ठा करने पर 500.
- कानून का उल्लंघन करते हुए शव का सही तरीके से निस्तारण ना होने पर 1000.
- अपने परिसर को स्वच्छ रखने पर असफल होने पर 500 से 2000 (इसमें मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, अपार्टमेंट, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं).
- दुकान, रेहड़ी, ठेले के साथ कूड़ेदान ना रखने पर 100.
- सार्वजनिक सम्मेलन समारोह के बाद गंदगी फैलाने और कूड़ा कचरा सड़क पर फेंकने पर 5000.
- गंगा घाट पर कपड़ा धोने पर पहली बार में 5000 और तृतीय बार में 25000 रुपये.
- पूजा सामग्री, कपड़े, शीशा, मूर्तियां गंगा में फेंकने पर 10000.
- गंगा किनारे मूत्र विसर्जन करने पर 1000.
- गंगा किनारे खुले में शौच करने पर 2000.
- गंगा किनारे के भवन स्वामी द्वारा गंगा में नाली और सीवरेज मिलाने पर 25000.
- गंगा के किनारे होटल, गेस्टहाउस, रेस्टोरेंट द्वारा गंगा में नाली या सीवरेज या गंदगी फेंकने पर 1,00,000.
- सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर 1000 से 25000 तक का चालान.
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