वाराणसी: यूपी में सीएम के रूप में दूसरी बार शपथ लेने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ और भी तल्ख तेवर में दिखाई दे रहे है. शुक्रवार को करप्शन पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करते हुए जिले में पैसे मांगे जाने की शिकायत पर आधिकारियों ने तीन लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है. अलग-अलग मामलों में तीनों पर रिश्वत लेने की गुप्त तरीके से आधिकारियों ने जांच कराई थी. इससे पहले भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर सोनभद्र के डीएम पर कार्रवाई हो चुकी है.
जानकारी के अनुसार जीरो टॉलरेंस के तहत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक अप्रैल को एसडीएम राजातालाब को शिकायत मिली थी कि सजोई की लेखपाल करुणा कन्नौजिया ने घरौनी बनाने के लिए सरिता गिरि पत्नी महेंद्र प्रताप गिरि से 10 हजार की मांग की है. जिसपर प्रार्थी ने पांच हजार रुपए देकर पांच हज़ार बाद में देने की बात कही. इस वार्ता की ऑडियो रिकार्डिंग भी कर ली.
दूसरे मामले में कपसेठी के लेखपाल कृष्ण मुरारी लाल श्रीवास्तव जो कि लेखपाल संघ के महामंत्री हैं. कृष्ण मुरारी ने हाजी सय्यद अली वल्द रज़्जाक से 10 हजार की मांग की थी. हाजी सय्यद अली ने दो हजार रुपए दिये और गुप्त रूप से फोटो खींच ली और साथ ही आडियो रिकार्डिंग भी कर ली. दोनों मामलों में नायब तहसीलदार ने जांच कराई. जांच के आधार पर एसडीएम राजातालाब ने एक अप्रैल रात में ही दोनों लेखपाल को निलम्बित कर दिया और कार्यवाही के लिए चार्जशीट दे दी.
वहीं, तीसरा मामला भी संज्ञान में आया. इसमें वीरभानपुर के वकील शोभनाथ ने लेखपाल संजय कुमार वर्मा की कई बार सरकारी जमीन का कब्जा खाली न कराने की जिलाधिकारी से शिकायत की थी. इसपर जिलाधिकारी ने सरकारी जमीन खाली कराने का आदेश दिया था. इस प्रकरण में लेखपाल ने आदेश की अवहेलना की. इस कारण एसडीएम राजातालाब ने लेखपाल को निलम्बित करते हुए उसके खिलाफ इन्क्वायरी सेटअप की गई है.
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एसडीएम राजातालाब द्वारा गठित टीम की जांच के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्यवाही करते हुए तीनों लेखपालों को तत्काल प्रभाव से एक अप्रैल को निलंबित कर दिया गया और विभागीय कार्यवाही के लिए चार्जशीट दी गयी है.
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