वाराणसी: कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. वहीं आंदोलन को लेकर भाजपा पूरी तरह से अपना बचाव कर रही है और हर जिले में किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. एक तरफ पीएम मोदी किसानों से वर्चुअल संवाद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी अपनी चिट्ठी के जरिए किसानों के बीच अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी कार्यकर्ता किसानों तक पत्र पहुंचा रहे हैं और अभियान चलाकर किसानों के भ्रम को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. कानून और कृषि मंत्री की चिट्ठी को लेकर ईटीवी भारत ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के किसानों से बातचीत की.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के किसानों का कहना है कि एमएसपी की व्यवस्था खत्म करने की बात गलत है. पीएम मोदी पर भरोसा जताते हुए किसानों ने कहा कि, पीएम मोदी कह रहें हैं कि एमएसपी सिस्टम जारी रहेगा, उसे खत्म नहीं किया जाएगा. किसानों ने बताया कि मंडियां कायम रहेंगी और एपीएमसी मंडिया इस कानून की परिधि के बाहर रखी जाएंगी. इस दौरान किसान अतुल पटेल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां भ्रम फैला रही हैं कि किसानों की जमीन खतरे में है.
किसान राजनारायण ने कहा कि हम अपनी फसलों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कंपनियों को देंगे न कि अपनी जमीन. इसलिए जमीन को कोई खतरा नहीं है. वहीं किसानों ने कहा कि भुगतान न होने की बात भी गलत है. हाल ही में अपनी फसल बेचने के बाद 3 दिन के अंदर ही हमारे खाते में पैसा आ गया था.
किसानों ने बताया कि कृषि मंत्री की चिट्ठी में कही गई बातें सही हैं. किसानों का कहना है कि कृषि कानून किसानों के हित में है. कुछ लोगों की तरफ से गलत जानकारी और भ्रम फैलाने के कारण किसान गफलत में आ गए हैं. वहीं किसानों ने कहा कि कानून थोपने की बात भी गलत है.