वाराणसी: लखनऊ में मुठभेड़ में मारे गए D-11 गिरोह के शार्प शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया डॉक्टर वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के लखनपुर गांव का निवासी था. मुठभेड़ में मारे जाने के बाद गिरधारी के गांव में ईटीवी भारत की ने जाकर उसने परिजनों से बात की. शातिर अपराधी गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा से ईटीवी भारत के संवाददाता ने बातचीत की. इस दौरान राकेश ने कहा कि पुलिस ने उनके भाई की हत्या की है. गिरधारी के पिता टग्गर विश्वकर्मा ने भी पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है.
गिरधारी के परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप. गिरधारी के भाई ने बताया कि उन्हें पहले से ही गिरधारी की हत्या की आशंका थी इसीलिए उन्होंने बीती 8 फरवरी को वाराणसी के सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर उसकी जान की सुरक्षा की गुहार लगाई थी. गिरधारी के बड़े भाई संजय विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर अपने भाई की जान को पुलिस से खतरा बताया था. उसने अदालत से अनुरोध किया था कि गिरधारी को उत्तर प्रदेश में पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस अपनी अभिरक्षा में लेकर आए. संजय विश्वकर्मा का कहना है कि उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं था और जिस बात का डर था वैसा ही हुआ.परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
परिजनों ने बताया कि गिरधारी के लखनऊ में मारे जाने की सूचना उन्हें चोलापुर पुलिस द्वारा दी गई. पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना मिलते ही गिरधारी विश्वकर्मा की माता कर्मा देवी और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. गिरधारी के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है.
कई घरों में नहीं जला चूल्हा
गिरधारी को लेकर ग्रामीणों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. लोगों का कहना है कि वह आठवीं कक्षा से ही मनबढ़ किस्म का हो गया था. ग्रामीणों ने बताया कि हरिशचंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीए में एडमिशन कराने के बाद वह अपराध जगत को अपनी दुनिया मान बैठा था. वहीं गिरधारी के एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना पर गांव के कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले.
पत्नी से हो गया था तलाक
गिरधारी के पिता टग्गर विश्वकर्मा ने बताया कि गिरधारी की शादी वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र में हुई थी. पति-पत्नी के विवाद के चलते तलाक हो गया था. उन दोनों का कोई बच्चा नहीं था.
चार-भाइयों में तीसरे नंबर पर था गिरधारी
गिरधारी विश्वकर्मा चार भाइयों में तीसरे नंबर पर था. उसके बड़े भाई का नाम राजेश विश्वकर्मा और दूसरे भाई का नाम संजय विश्वकर्मा तथा चौथे भाई का नाम राकेश विश्वकर्मा है. वहीं गिरधारी को एक बहन ममता भी है. गिरधारी विश्वकर्मा ने लॉकडाउन में हजारों गरीबों को निशुल्क अनाज का वितरण कराया था.
क्या था मामलालखनऊ में बीते 6 जनवरी को पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया विश्वकर्मा को पुलिस ने सोमवार को मुठभेड़ में मार गिराया. पुलिस घटना में प्रयुक्त असलहे की बरामदगी के लिए उसे सहारा हॉस्पिटल के पीछे खरगापुर क्रॉसिंग के पास लाई थी, लेकिन जैसे ही गाड़ी रुकी तुरंत उपनिरीक्षक अख्तर उस्मानी को घायल कर गिरधारी विश्वकर्मा उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा. पुलिस के द्वारा जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी इसके बाद पुलिस उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गई जहां उसकी मौत हो गई.