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वाराणसी: उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना पारिवारिक कलह का शिकार

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Published : Aug 20, 2020, 4:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना वर्तमान समय में परिवारिक विवाद के कारण खतरे में चल रहा है. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का मकान अब जर्जर हो चुका है. जिसे परिवार का एक पक्ष सिरे से तोड़कर नया बनवाना चाहता है, जबकि दूसरा पक्ष इसे संरक्षित करना चाहता है.

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

वाराणसी: शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना वर्तमान समय में परिवारिक विवाद का कारण बन गया है. वह समय अलग था जब उनकी शाहनाई की धुन सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके निवास स्थान पर जाते थे, लेकिन यह जगह पारिवारिक जंग का अखाड़ा बन गयी है. वाराणसी के हड़हा सराय में स्थित उनका मकान अब जर्जर हो चुका है. जिसे परिवार का एक पक्ष सिरे से तोड़कर नया बनवाना चाहता है, जबकि दूसरा पक्ष इसे संरक्षित करना चाहता है. उनका कहना है कि यहां खान साहब की यादें हैं जिन्हें हम नहीं मिटाना चाहते हैं.

जानकारी देती संवाददाता.

जर्जर हो चुका है मकान
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के पौत्र मोहम्मद सिब्तैंन ने बताया कि मकान काफी जर्जर हो गया है. जिसको बनवाने के लिए वह ऊपर के कुछ कमरे तुड़वाने के लिए मजदूर लगवा चुके थे. छत का कुछ ही हिस्सा टूटा ही था कि तभी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की बड़ी पुत्री जरीना बेगम वहां पहुंची और काम को रुकवा दिया. सिब्तैंन ने बताया कि यह मकान काफी जर्जर है. इस बिल्डिंग में परिवार के 40 लोग रहते हैं. भविष्य में कोई अनहोनी न हो जाए, इसको देखते हुए मकान का कुछ हिस्सा तोड़कर नया निर्माण कराना चाह रहे हैं. उन्होंने बताया कि दादा की निशानी तोड़ना कभी भी नहीं चाहूंगा. दादा का निधन हो जाने के बाद उनकी सारी निशानी को संभाल कर रखा है.

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना

बड़ी पुत्री और पोते की चाह कि न टूटे मकान
बिस्मिल्लाह खान की बड़ी पुत्री जरीना बेगम का कहना है कि वह अपने पिता की निशानी पर हथौड़ा नहीं चलने देंगी. उन्होंने बताया कि इस मकान को भले ही वह प्रशासन को सौंप देंगी, लेकिन अपने जीते जी मकान को टूटने नहीं देंगी. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की बड़ी पुत्री और पोते दोनों की एक ही कामना है कि बिस्मिल्लाह खां की आखिरी निशानी को तोड़ना ना पड़े. वहीं इस बारे में उनके नवासे नदीम हसन का कहना है कि यदि मकान का कुछ हिस्सा दुरुस्त नहीं कराया गया तो मकान गिर जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मकान को तोड़ कर पुनः बनवाना है तो इस मकान को प्रशासन के हवाले छोड़ दिया जाए ताकि मकान बन कर म्यूजियम खोला जाए. जिसमें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की आखिरी निशानी और उनके द्वारा उपयोग की गई हर चीज होगी.

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना

वाराणसी: शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना वर्तमान समय में परिवारिक विवाद का कारण बन गया है. वह समय अलग था जब उनकी शाहनाई की धुन सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके निवास स्थान पर जाते थे, लेकिन यह जगह पारिवारिक जंग का अखाड़ा बन गयी है. वाराणसी के हड़हा सराय में स्थित उनका मकान अब जर्जर हो चुका है. जिसे परिवार का एक पक्ष सिरे से तोड़कर नया बनवाना चाहता है, जबकि दूसरा पक्ष इसे संरक्षित करना चाहता है. उनका कहना है कि यहां खान साहब की यादें हैं जिन्हें हम नहीं मिटाना चाहते हैं.

जानकारी देती संवाददाता.

जर्जर हो चुका है मकान
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के पौत्र मोहम्मद सिब्तैंन ने बताया कि मकान काफी जर्जर हो गया है. जिसको बनवाने के लिए वह ऊपर के कुछ कमरे तुड़वाने के लिए मजदूर लगवा चुके थे. छत का कुछ ही हिस्सा टूटा ही था कि तभी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की बड़ी पुत्री जरीना बेगम वहां पहुंची और काम को रुकवा दिया. सिब्तैंन ने बताया कि यह मकान काफी जर्जर है. इस बिल्डिंग में परिवार के 40 लोग रहते हैं. भविष्य में कोई अनहोनी न हो जाए, इसको देखते हुए मकान का कुछ हिस्सा तोड़कर नया निर्माण कराना चाह रहे हैं. उन्होंने बताया कि दादा की निशानी तोड़ना कभी भी नहीं चाहूंगा. दादा का निधन हो जाने के बाद उनकी सारी निशानी को संभाल कर रखा है.

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना

बड़ी पुत्री और पोते की चाह कि न टूटे मकान
बिस्मिल्लाह खान की बड़ी पुत्री जरीना बेगम का कहना है कि वह अपने पिता की निशानी पर हथौड़ा नहीं चलने देंगी. उन्होंने बताया कि इस मकान को भले ही वह प्रशासन को सौंप देंगी, लेकिन अपने जीते जी मकान को टूटने नहीं देंगी. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की बड़ी पुत्री और पोते दोनों की एक ही कामना है कि बिस्मिल्लाह खां की आखिरी निशानी को तोड़ना ना पड़े. वहीं इस बारे में उनके नवासे नदीम हसन का कहना है कि यदि मकान का कुछ हिस्सा दुरुस्त नहीं कराया गया तो मकान गिर जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मकान को तोड़ कर पुनः बनवाना है तो इस मकान को प्रशासन के हवाले छोड़ दिया जाए ताकि मकान बन कर म्यूजियम खोला जाए. जिसमें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की आखिरी निशानी और उनके द्वारा उपयोग की गई हर चीज होगी.

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का आशियाना
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