वाराणसी: उत्तर दक्षिण के संबंधों को मजबूत करने के लिए काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) का आयोजन हो रहा है. इसके तहत पूरे शहर में अलग-अलग कार्यक्रमों किए जा रहे हैं.रविवार को बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में संगोष्ठी हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए.
बता दें कि, काशी तमिल संगमम् के अन्तर्गत काशी विद्वत्परिषद् के द्वारा आयोजित संगोष्ठी काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर आडिटोरियम त्रयंम्बक हाल में सम्पन्न हुई. इसमें मुख्य अतिथि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि काशी और तमिल के मंदिरों की देन है कि आज भी हिन्दू समाज अपने संस्कारों के साथ कनेक्ट है. हमारे मंदिरों का योगदान समाज को जोड़ना है.
मंदिर है समाज का दर्पण: उन्होंने कहा कि, काशी विद्वत्परिषद् की परम्परा को सराहा. उन्होंने कहा कि,आज का जो विषय रखा गया है- समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में मन्दिरों का योगदान. यह विषय ही अपने आप उत्तर दें रहा है. मंदिरों का योगदान समाज के संस्कारों तथा हिन्दू धर्म सभ्यता संस्कृति को सुरक्षित रखकर हमारे पूर्वजों ने ऋषियों ने इन मंदिरों को प्रयोग शाला के रुप में उपयोग किया. समाज के प्रत्येक क्षेत्र के लोगों को मंदिरों ने जोड़ा जब कभी कोई संकट राष्ट्र के सामने आया, तो इन्हीं मंदिरों के प्रतिनिधियों ने उसको दूर किया. इसके अनेकानेक उदाहरण हमारे सामने है. समरसता के प्रतिक है मंदिर राष्ट्रीय चेतना के संवाद है.
पीएम का साथ बदल रहा मंदिरों का स्वरूप: इस दौरान मंदिर के प्रो द्विवेदी ने कहा कि, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देन है कि आज हमारे मंदिरों को संवारने का काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि, तमिलनाडु के मंदिरों में आज भी हिन्दू धर्म सुरक्षित है. सरकार ने मंदिरों व समाज को जोड़ने का काम किया है.
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