गोरखपुर: उद्यान विभाग ने दिवाली के अवसर पर एक अनोखी पहल की है. जिले के विंध्यवासिनी पार्क में उद्यान विभाग ने स्वयं सहायता समूह द्वारा पैदा किए जा रहे विभिन्न प्रकार के फल और हर्बल उत्पादों का स्टॉल लगाया. इन उत्पादों को पैकिंग के साथ लोगों को उपहार के लिए उपलब्ध कराया गया. कोरोना महामारी के बीच इन उत्पादों को उपहार के रूप में पेश करने का मकसद लोगों को शुद्ध, सस्ता सामान उपलब्ध कराना और स्थानीय छोटे-छोटे उद्योग समूह को बढ़ावा देना है.
उद्यान विभाग की हर्बल उत्पादों की प्रदर्शनी
हर्बल उत्पादों की श्रेणी में मौसमी फलों की प्रदर्शनी बेहतरीन प्रकार के पैकिंग के साथ स्टॉल में पेश किया गया. शहद, तुलसी, अश्वगंधा, सतावर के पौधे, आंवला से तैयार होने वाले उत्पाद स्टॉल पर उपलब्ध थे. यह स्टॉल सहकारी संघ के सहयोग से उद्यान विभाग ने लगाया था. यहां से औषधीय पौधे खरीदने पर उद्यान विभाग उसका रोपण और पोषण भी करेगा.
शुद्धता का केंद्र बनेगा उद्यान विभाग में लगने वाला स्टॉल
उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीके वर्मा और जिला उद्यान अधिकारी बलजीत सिंह ने स्टॉल का उद्घाटन किया और मौजूद उत्पादकों का हौसला बढ़ाया. स्टाल पर खरीदार भी नजर आए जो इस विश्वास से आए थे कि उन्हें जो पदार्थ मिलेगा वह शुद्धता के साथ सस्ता भी होगा. वह जब चाहेंगे यहां आकर उसे खरीद भी सकेंगे. इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर उद्यान ने कहा कि स्टॉल को लगाए जाने के पीछे का उद्देश्य शुद्धता को लोगों के बीच पहुंचाना है. दिवाली पर इससे बेहतरीन उपहार कुछ नहीं हो सकता.
दिवाली के अवसर पर पूरी बाजार कई तरह के उपहारों से सजे हैं, लेकिन कोरोना महामारी के बीच लोग कौन सा उपहार खरीदें और अपनों को दें. इसको लेकर निश्चित रूप से संशय में हैं. वह मिठाई, ड्राई फ्रूट्स खरीद रहे हैं. इस बीच उद्यान विभाग ने जो उपहार का कॉन्सेप्ट पेश किया है वह बेहद ही अच्छा है. फलों की एक बेहतरीन पैकिंग जहां लोगों को आकर्षित करेगी. वहीं हर्बल उत्पादों का इस अवसर पर लोगों को भेंट दिया जाना बेहद उपयोगी सिद्ध होगा. विभाग की इस पहल से स्थानीय लघु उद्यमी भी अपने उत्पाद को एक बाजार भी दें पाएंगे.