वाराणसी: भारत योग की जननी है और यहीं से सेहत को हमेशा दुरुस्त रखने का ये नुस्खा पूरी दुनिया ने सीखा है. अगर यही योग विद्यार्थी अपनी रोज़ाना की जीवनशैली में ले आए तो उनको अपने जीवन से तनाव दूर करने में बेहद आसानी हो जाती है. तो आइए जानते हैं कि आने वाले परीक्षा के तनाव को योग और प्राणायाम के जरिए कैसे दूर किया जा सकता है.
विद्यार्थियों के लिए सबसे कठिन समय परीक्षा का होता है. अगर इस समय मे उनको एक बेहतर मार्गदर्शन ओर दिमाग को थोड़ा सुकून मिल जाए तो हर छात्र अपने इम्तेहान में उम्मीद से बढ़िया प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है. परीक्षा के इन दिनों तनाव का बाद जाना, बच्चों का चिड़चिड़ा हो जाना, बात बात पर मायूस रहना और अंदर का डर काफी बढ़ जाता है जिसका कारण होता है तनाव या स्ट्रेस.
अगर कोई ऐसी जड़ी बूटी है जो इस मुश्किल समय मे छात्रों को तनाव से उबार सकती है तो वो है योगा. भारत ने इस योगा को पूरे विश्व में फैलाया है और भारत के ही छात्र अगर इस योग को अपनी जीवन शैली में ले आते हैं तो सिर्फ 15 मिनट इसके लिए निकलना उनके लिए संजीवनी बूटी का काम कर सकता है. सबसे बड़ी बात है कि ये योग देश में परीक्षार्थियों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाओं को भी रोकने में बेहद सफल होता है.
योग एक्सपर्ट पुष्पांजलि शर्मा की मानें प्राणायाम में वो ताकत होती है जो पूरे शरीर का तनाव खींच कर बाहर फेंक देती है. प्राणायाम करते हुए बस तीन बार ॐ का जाप और गहरी लंबी सांस ले कर उसको बाहर निकलना, आपके दिमाग से स्ट्रेस बाहर फेंक के आपको एक नई ऊर्जा दे देता है, अपनी परीक्षा की घड़ी में एक बेहतरीन योधन बन कर उभरने के लिए.
इस प्राणायाम के साथ साथ अगर आप अनुलोम विलोम को पांच बार कर लें तो सिर्फ 10 मिनट या उससे भी कम में आप काफी बेहतर महसूस करने लगते हैं. अनुलोम विलोम एक बहुत आसान तरह से किया जा सकता है. बस आपको नाक के दाएं हिस्से को दबा कर बाएं हिस्से से सांस लेनी है और कुछ सेकंड उसे रोक कर बाएं हिस्से को दबा कर दाएं से सांस छोड़नी है.
इसे सिर्फ 5 बार कर के विद्यार्थी अपने दिमाग को रिलैक्स ओर स्ट्रेस फ्री कर सकते हैं. अगर पढ़ते-पढ़ते किसी भी स्टूडेंट को ये लगने लगता है कि उसका कंसंट्रेशन पावर कमज़ोर हो रहा है तो वो एक मोमबत्ती जल कर उसपर ध्यान लगा कर भी अपने स्ट्रेस को रिलीस कर सकते हैं.