वाराणसी: विश्वनाथ धाम बनने के बाद वाराणसी पर्यटकों से गुलजार है. ऐसे में होटल से लेकर सड़कों तक और घाटों से लेकर बीच गंगा तक ट्रैफिक जाम है. गंगा की गोद में हर दिन हजारों पर्यटक नाव से सवारी करते हैं. भीड़ भी ऐसी कि मानो जैसे नदी नहीं, बल्कि कोई सड़क है, जहां गाड़ियों की भरमार लगी हुई है. बड़ी नाव से लेकर छोटी नाव तक में गंगा की गोद में बेधड़क सवारी बैठती हैं. लेकिन, सुरक्षा व्यवस्था ताक पर रहती है.
बता दें कि बनारस में कई सारी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें नाव बीच गंगा में पलट गई और कइयों की जान चली गई. हाल की बात करे तो पिछले दिनों ऐसी ही घटना वाराणसी के प्रभु घाट पर सामने आई थी, जहां बीच गंगा में 4 लोगों की जान चली गई. लेकिन, नगर निगम और पुलिस द्वारा अब तक सतर्कता नहीं बरती गई है. जी हां, नियम जरूर बना दिए गए हैं. लोग लाइफ जैकेट पहन कर बोटिंग करें, लेकिन यह धरातल पर कभी नहीं नजर आता है. गिने चुने ही लोग इसे मानते हैं, बाकी सब ऐसे ही काम चलाते हैं. कोई घटना होती है तो तस्वीर एक-दो दिन कुछ बेहतर नजर आती है. लेकिन, बाद में कहानी फिर वही शुरू हो जाती है.
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वर्तमान में क्या हकीकत है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम वाराणसी के अस्सी घाट पर पहुंची. यहां तस्वीरें कुछ अलग ही नजर आई. लोग बिना लाइफ जेकेट सवारी कर रहे थे. कुछ नावों पर मानक से ज्यादा सवारी को बैठाया जा रहा था. इस बारे में जब लोगों से बातचीत की तो उन्होंने माना कि नियमों का पालन करना जरूरी है. वहीं, नाविकों ने भी नियम के पालन का वादा किया. लेकिन, प्रशासन यहां पूरी तरीके से फेल दिखा. किसी तरीके की न पेट्रोलिंग, न ही गंगा में नाव पर ओवरलोड करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही थी.
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