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वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये के गबन के अभियुक्त को EOW ने किया गिरफ्तार

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को दुर्लभ पांडुलिपियों एवं ग्रंथों के मुद्रण/प्रकाशन हेतु विशेष अनुदान की धनराशि 10 करोड़ 20 लाख 22 रुपये आवंटित की गई थी. पांडुलिपियों और ग्रंथों का बिना मुद्रण कराए ही लगभग 5.68 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान करके गबन कर लिया गया.

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Published : May 1, 2023, 3:41 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को वित्तीय वर्ष 2000-2001 से 2009-10 के मध्य दुर्लभ पांडुलिपियों एवं ग्रंथों के मुद्रण/प्रकाशन हेतु विशेष अनुदान की धनराशि 10 करोड़ 20 लाख 22 रुपये आवंटित की गई थी. मुद्रण के लिए जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रकाशन संस्थान के तात्कालीन निदेशक के द्वारा वित्त विभाग के अधिकारियों, प्रिंटिंग प्रेस मालिकों और अन्य लोगों से मिलीभगत करके दुर्लभ पांडुलिपियों और ग्रंथों का बिना मुद्रण कराए ही लगभग 5.68 करोड़ रुपए शासकीय धन का फर्जी भुगतान करके आपस में गबन कर लिया गया. वहीं, प्रकाशन विभाग द्वारा लगभग 3.67 करोड़ रुपये का मात्र वैध मुद्रण कार्य कराया गया.

इस प्रकरण में सोमवार को एक अभियुक्त रमेश कुमार पटेल की गिरफ्तारी ईओडब्ल्यू वाराणसी के द्वारा की गई है. इस सम्बंध में वर्ष 2014 में थाना चेतगंज पर धोखाधड़ी सहित कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर साजिशन सरकारी धन गबन का अभियोग पंजीकृत है. अभियोग में शामिल दो प्रेस संचालकों की गिरफ्तारी पिछले माह की जा चुकी है. अभियुक्त रमेश कुमार पटेल को गिरफ्तार करने वाली टीम का नेतृत्व निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा कर रहे थे. उनकी टीम में मुख्य आरक्षी विनीत पांडे, हेमन्त सिंह, रामाश्रय सिंह एवं आरक्षी सरफराज अंसारी शामिल थे. जिनके संयुक्त प्रयास से रमेश कुमार की गिरफ्तारी संभव हो पाई है.

ये भी पढ़ेंः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर सहित तीन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

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इस प्रकरण में सोमवार को एक अभियुक्त रमेश कुमार पटेल की गिरफ्तारी ईओडब्ल्यू वाराणसी के द्वारा की गई है. इस सम्बंध में वर्ष 2014 में थाना चेतगंज पर धोखाधड़ी सहित कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर साजिशन सरकारी धन गबन का अभियोग पंजीकृत है. अभियोग में शामिल दो प्रेस संचालकों की गिरफ्तारी पिछले माह की जा चुकी है. अभियुक्त रमेश कुमार पटेल को गिरफ्तार करने वाली टीम का नेतृत्व निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा कर रहे थे. उनकी टीम में मुख्य आरक्षी विनीत पांडे, हेमन्त सिंह, रामाश्रय सिंह एवं आरक्षी सरफराज अंसारी शामिल थे. जिनके संयुक्त प्रयास से रमेश कुमार की गिरफ्तारी संभव हो पाई है.

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