वाराणसी: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मदरसों के सर्वे करने के आदेश के बाद सियासत जोरों पर है. मदरसों की वास्तविक हकीकत और वहां शिक्षा का स्तर कैसा है इसको जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी के मदरसे का वास्तविक हाल जाना. जहां पर क्लास रूम ठीक मिली. लेकिन बच्चे कहीं कहीं पर सवाल के जवाब में पीछे रह गए.
बता दें कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे (Survey of Recognized Madrasas) कराने का आदेश दिया है. इस सर्वे का उद्देश्य सरकार ने मदरसों को सुविधा मुहैया कराना बताया है. सरकार का कहना है कि हम उन मदरसों को मान्यता देंगे जो अच्छे हैं और गैर मान्यता प्राप्त हैं.
ईटीवी की टीम पहुंची मान्यता प्राप्त मदरसे में
ऐसे में ईटीवी की टीम सरकारी मान्यता प्राप्त खान अनजान मदरसा पहुंची. जहां सबसे पहले मूलभूत सुविधाओं की तस्वीरें देखी. इसके बाद मदरसे की मूलभूत सुविधाओं देखा. जहां पर छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग क्लास रूम की व्यवस्था की गई है. अरबी फारसी के लिए उर्दू के लिए जो कक्षाएं चलती हैं. वह पारंपरिक मदरसे के रूप में चलती हैं. इसके साथ ही यहां पर हिंदी अंग्रेजी गणित व अन्य विषयों की शिक्षा एनसीईआरटी के आधार पर कराई जाती है.
सवालों के जवाब में उलझे छात्र
इसके साथ ही टीम ने वहां शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों से बातचीत करके उनके ज्ञान को भी समझने की कोशिश की. बच्चों ने अंग्रेजी व गणित के सवालों का खुलकर जवाब दिया. लेकिन सामान्य ज्ञान के प्रश्नों में छात्र थोड़ा उलझे हुए पाए गए.
'योगी आदित्या हैं मुख्यमंत्री'
हालांकि कुछ बच्चे ऐसे थे जिन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं पता था. एक बच्चे ने मुख्यमंत्री का नाम 'योगी आदित्या' बताया तो वहीं उप मुख्यमंत्री के नाम पर वह चुप रहा यानि इन बच्चों में कहीं पर विषयों की पकड़ तो है लेकिन सामान्य अध्ययन में इन्हें सामान्य प्रश्नों के भी जवाब नहीं पता है.
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मदरसा शिक्षक ने दी जानकारी
इस दौरान ईटीवी की टीम ने बच्चों को शिक्षा दे रहे शिक्षक से भी बातचीत की. मदरसा के शिक्षक मौलाना अजहर ने बताया कि यहां पर उर्दू अरबी फारसी के साथ-साथ अन्य विषयों की भी शिक्षा दी जाती है. इस मदरसे में जो बच्चे अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते वो एडमिशन लेते हैं. इसके अलावा हमारी तरफ से उनके लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी कराई जाती है.
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