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रोज़ शाम को होती थी पढ़ाई, भावुक होकर बच्चों ने दी पुलिस अंकल को विदाई - अम्बिया मंडी पुलिस चौकी में गरीब बच्चों की क्लास

उत्तर प्रदेश सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने वाली प्रदेश की पुलिस अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी जानी जाती है. इसके साथ ही कुछ काम देखकर लोग पुलिस पर गर्व भी महसूस करने लगते हैं. ऐसे ही काम किया है कोतवाली थाने की अम्बिया मंडी चौकी के इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा ने. इन्होंने नन्हें मुन्ने बच्चों के मन में अपनी अलग ही छवि बनाकर दिखाई है.

बच्चों को बिस्किट देते दरोगा अनिल कुमार मिश्रा.
बच्चों को बिस्किट देते दरोगा अनिल कुमार मिश्रा.
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Published : Mar 16, 2021, 2:31 AM IST

वाराणसीः उत्तर प्रदेश सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने वाली प्रदेश की पुलिस अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी जानी जाती है. इसके साथ ही कुछ काम देखकर लोग पुलिस पर गर्व भी महसूस करने लगते हैं. ऐसे ही काम किया है कोतवाली थाने की अम्बिया मंडी चौकी के इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा ने. इन्होंने नन्हें मुन्ने बच्चों के मन में अपनी अलग ही छवि बनाकर दिखाई है. दरोगा अनिल कुमार मिश्रा अपनी चौकी में शाम के समय रोजाना बच्चों को पढ़ाते थे. इस क्लास में वह क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले अमर शहीद क्रांतिकारियों की कहानियां भी सुनाते थे. अब पुलिस चौकी से उनकी विदाई का समय आया तो यह बच्चे भावुक हो गए.

यह भी पढ़ेंः गंगा का लगाव किसी संप्रदाय या वर्ग से नहीं: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद

कपसेठी हुआ ट्रांसफर, बच्चे हुए भावुक
दारोगा अनिल कुमार मिश्रा का तबादला कोतवाली से कपसेठी थाने में हो गया है. ऐसे में दरोगा अनिल कुमार मिश्रा भी भावुक हो गए. बच्चो ने अपने दरोगा अंकल से रुकने के लिए कहा. साथ ही बच्चों ने अलग-अलग तरह के बातों से अपने पुलिस अंकल को मनाने का भी प्रयास किया. मासूम बच्चों को पुलिस में होने वाली ट्रांसफर प्रक्रिया का आभास नही था. इस दौरान ऐसा भावुक दृश्य बना, जिसे देखकर लोगों को सोचने के लिए विवश जाएं कि समाज के लोगों के साथ पुलिस का ऐसा भी रिश्ता हो सकता है.

यह भी पढ़ेंः यूपी स्टेट जोन-5 सीनियर जनरल चैंपियनशिप में वाराणसी की टीम बनी विजेता

बच्चों को प्रदान करते थे शिक्षा
इस अनूठे प्रयास के बारे में चौकी इंचार्ज अम्बिया मंडी रहे अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने भी मुफलिसी में पढ़ाई की है. यहां आया तो देखा कि आसपास निम्न वर्ग के लोग रहते हैं. उनके बच्चे पढ़ते तो हैं पर खाली समय में इधर-उधर घूमते हैं. उन्हें गलत संगत से बचाने के लिए ही उन्होंने ये क्लास शुरू की थी. दरोगा अनिल कुमार मिश्रा बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उन्हें टॉफ़ी -बिस्किट वैगरह भी दिया करते थे. यही कारण था कि बच्चे भी अपने दरोगा अंकल का बेसब्री से इंतेज़ार करते.

वाराणसीः उत्तर प्रदेश सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने वाली प्रदेश की पुलिस अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी जानी जाती है. इसके साथ ही कुछ काम देखकर लोग पुलिस पर गर्व भी महसूस करने लगते हैं. ऐसे ही काम किया है कोतवाली थाने की अम्बिया मंडी चौकी के इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा ने. इन्होंने नन्हें मुन्ने बच्चों के मन में अपनी अलग ही छवि बनाकर दिखाई है. दरोगा अनिल कुमार मिश्रा अपनी चौकी में शाम के समय रोजाना बच्चों को पढ़ाते थे. इस क्लास में वह क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले अमर शहीद क्रांतिकारियों की कहानियां भी सुनाते थे. अब पुलिस चौकी से उनकी विदाई का समय आया तो यह बच्चे भावुक हो गए.

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कपसेठी हुआ ट्रांसफर, बच्चे हुए भावुक
दारोगा अनिल कुमार मिश्रा का तबादला कोतवाली से कपसेठी थाने में हो गया है. ऐसे में दरोगा अनिल कुमार मिश्रा भी भावुक हो गए. बच्चो ने अपने दरोगा अंकल से रुकने के लिए कहा. साथ ही बच्चों ने अलग-अलग तरह के बातों से अपने पुलिस अंकल को मनाने का भी प्रयास किया. मासूम बच्चों को पुलिस में होने वाली ट्रांसफर प्रक्रिया का आभास नही था. इस दौरान ऐसा भावुक दृश्य बना, जिसे देखकर लोगों को सोचने के लिए विवश जाएं कि समाज के लोगों के साथ पुलिस का ऐसा भी रिश्ता हो सकता है.

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बच्चों को प्रदान करते थे शिक्षा
इस अनूठे प्रयास के बारे में चौकी इंचार्ज अम्बिया मंडी रहे अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने भी मुफलिसी में पढ़ाई की है. यहां आया तो देखा कि आसपास निम्न वर्ग के लोग रहते हैं. उनके बच्चे पढ़ते तो हैं पर खाली समय में इधर-उधर घूमते हैं. उन्हें गलत संगत से बचाने के लिए ही उन्होंने ये क्लास शुरू की थी. दरोगा अनिल कुमार मिश्रा बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उन्हें टॉफ़ी -बिस्किट वैगरह भी दिया करते थे. यही कारण था कि बच्चे भी अपने दरोगा अंकल का बेसब्री से इंतेज़ार करते.

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