वाराणसी: यूं तो 2014 के चुनाव में ही डिजिटल प्लेटफॉर्म की तस्वीर दिखने लगी थी, लेकिन 2022 में 5 राज्यों में होने वाले चुनाव प्रचार पारंपरिक ढंग से बिल्कुल अलग डिजिटल रंग में रंगे हुए दिखाई दे रहे हैं. मौका है कोरोना काल गाइडलाइन का और चुनाव आयोग ने सभी बड़ी सभा व रैलियों पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को हरी झंडी दिखा दी है जिसके बाद से सभी राजनीतिक दल सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी व उनके घोषणा पत्रों का गुणगान कर रहे हैं, लेकिन आचार संहिता का उल्लंघन यहां भी हो रहा है और नियम कानून को पालन कराने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है. ऐसे में निर्वाचन आयोग ने भी अपने आप को पूरी तरीके से अपग्रेड बना लिया है. जिससे इन पर पैनी नजर रखी जा सके. जिसकी तस्वीर इन दिनों वाराणसी में भी दिख रही है.
दरअसल, राजनीतिक दलों के वॉर रूम की एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए वाराणसी निर्वाचन विभाग में एक स्पेशल वॉर रुम बनाया है. जहां पर डिजिटल, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक सभी तरीके के प्रचारों पर बखूबी नजर रखा जा रहा है. देखें क्या है यह वॉर रूम, कैसे काम करता है. हमारे इस रिपोर्ट में.
इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट और सोशल मीडिया के लिए तैयार है वॉर रूम
वाराणसी के विकास भवन के प्रथम तल को वॉर रुम के रूप में बदल दिया गया है. यहां 3 कार्यालय बनाए गए हैं. जहां आंकड़ों से लेकर के शिकायत तक नोट किए जाते हैं. एक रूम में जहां विधानसभा क्षेत्रवार आंकड़ों पर कार्य हो रहा हैं, तो वहीं दूसरे में सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है. जिसमें सबसे ज्यादा सियासी पार्टियों के कंटेंट को परखा-जांचा जा रहा है. खासतौर पर टि्वटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर बकायदा निगरानी की जा रही है. वहीं तीसरे कार्यालय में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ प्रिंट मीडिया की खबरों पर नजर रखी जा रही है, जिससे कोई भी नियम के खिलाफ कार्य न करें.
24 घंटे रखी जा रही है नजर
यहां काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि इस वॉर रूम में 3 शिफ्ट में काम हो रहा है. सुबह 10 बजे से शुरू ही ड्यूटी दूसरे दिन 10 बजे तक चलती रहती है. जिसके लिए एक शिफ्ट में 12 लोग काम करते हैं. सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. सोशल मीडिया रूम की बात करें तो यहां एक सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया गया है. जिसे अपलोड करने से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भी चुनावी कंटेंट को आसानी से जांचा परखा जा सकता है. इसके साथ ही फोन कॉल से भी 24 घंटे शिकायत दर्ज की जा रही है और 100 मिनट के अंदर उन शिकायतों की जांच कर उसका निस्तारण भी किया जा रहा है.
सक्रिय है चुनाव आयोग
गौरतलब हो कि भले ही राजनीतिक पार्टियां पारंपरिक चुनाव प्रचार को पीछे रखकर आधुनिकता का चोला औढ़ चुकी हैं, लेकिन इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने भी अपने आप को अपग्रेड कर लिया है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वाराणसी में बना वॉर रूम है, जहां पूरे जोन पर नजर रखी जा रही है.
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