वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में अंनत चतुर्दशी से सैकड़ों वर्ष पुरानी रामलीला का आगाज होगा. यह विश्वप्रसिद्ध रामलीला 5 कोस में की जाती है. जिसमें पांच पात्र राम, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत और जानकी निभाते हैं. ये पांच पात्र 2 महीने तक आश्रम में रहकर रामलीला के बारे में अध्ययन करते हैं. जिले के रामनगर में होने वाली रामलीला की बात करें तो यह रामलीला सन् 1835 से आयोजित हो रही है, यह रामलीला अनंत चतुर्दशी से प्रारंभ होकर अश्विनी पूर्णिमा तक चलती है.
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रामलीला की शुरुआत महाराजा उदय नारायण सिंह ने कराई थी
रामनगर रामलीला की शुरुआत महाराजा उदय नारायण सिंह ने 1835 में कराई थी, तब से लेकर आज तक परंपराओं को उनके मूल रूप में कैसे निरंतरता दी जाती है. इसका जीवंत उदाहरण देखना हो तो आज से रामनगर की रामलीला में आइए रामनगर और राज्य परिवार दोनों करीब दो दशकों से अपने नियमों पर अटल हैं.
रामलीला के पात्र रामदास भगत ने दी जानकारी
रामलीला तो सैकड़ों वर्ष पुरानी है, लेकिन जब यह रामलीला होती है तो जैसे लगता है कि साक्षात प्रभु यहां विराजमान हैं. रामलीला प्रतिदिन शाम पांच बजे से शुरू होती है और रात्रि नौ बजे तक चलती है, ऐसा प्रतिदिन 30 दिनों तक चलता है. वहीं विशेष रामलीला राजगद्दी और भरत मिलाप के दिन रात्रि 11 बजे तक चलती है.