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DM और SSP ने दुर्गा पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ की बैठक, दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में जिलाधिकारी और एसएसपी ने दुर्गा पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने सभी से कोविड-19 को देखते हुए सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक दुर्गा पूजा आयोजित करने के निर्देश दिए.

dm and ssp meeting in varanasi
जिलाधिकारी और एसएसपी ने दुर्गा पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
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Published : Oct 14, 2020, 4:48 PM IST

वाराणसी: जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कैम्प कार्यालय पर जिले की सभी दुर्गा पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19 को देखते हुए शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार दुर्गा पूजा आयोजित करने की जानकारी दी. दुर्गा पूजा एवं दशहरा के अवसर पर जिले में विभिन्न समितियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना किये जाने एवं दशमी के दिन रावण का पुतला दहन करने की परम्परा निभाई जाती है. इस धार्मिक परम्परा में अपार भीड़ द्वारा दुर्गा पूजा/दर्शन और रावण पुतला दहन देखने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.

dm and ssp meeting in varanasi
बैठक करते जिलाधिकारी और एसएसएपी.

सड़कों और चौराहों पर नहीं लगेगा पंडाल
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक रूप से सड़कों और चौराहों पर कोई पंडाल नहीं लगाया जाएगा. सड़क से हटकर शासन द्वारा निर्धारित साइज का पंडाल ही लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शासन ने कोरोना महामारी से सुरक्षित रहते हुए सीमित तरीके से त्योहार मनाने की अनुमति दी है. 15x15 फिट के तीन चांदनी लगाने की अनुमति दी गई है. खुली जगह पर एक समय में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई है.

जिलाधिकारी ने कहा कि कैम्पस या बंद परिसर में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं. पांच फीट ऊंची व पांच फीट तक चौड़ी मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी. पंडाल चारों ओर से खुला न हो. प्रवेश द्वार पर स्कैनर से जांच कर ही अन्दर लोगों को जाने दिया जाएगा. किसी बीमार को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं उन्होंने निम्न बिन्दुओं पर सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए;

  • समितियों को पंडाल में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अपने वालंटियर रखना होगा, जो नेम प्लेट लगा कर सेवा देंगे.
  • पंडाल में लाउडस्पीकर पर भजन संगीत के अलावा कोरोना से बचाव हेतु प्रसारण भी किया जाएगा.
  • सार्वजनिक रूप से भोज आदि का कोई आयोजन प्रतिबंधित है.
  • प्रसाद का वितरण पैकेट में किया जाएगा.
  • कन्या भोजन केवल 9 लोगों से अधिक न करायें.
  • सभी समितियों के पदाधिकारियों को कहा गया कि गुरुवार तक सम्बन्धित थाने पर मूर्ति/कलश स्थापना का स्थान, स्थल की क्षमता विसर्जन की तिथि आदि की सूचना अवश्य जमा करा दें, ताकि थाने से विसर्जन का क्रम निर्धारित कर दिया जाए, उसी के अनुसार विसर्जन किया जा सकेगा.
  • विसर्जन के लिए केवल एक छोटी गाड़ी टाटा मैजिक की अनुमति दी गई है, जिस पर मूर्ति विसर्जन किया जाएगा.
  • बड़े डीजे को गाड़ी पर न लगाने का निर्देश दिया गया है.
  • मूर्ति विसर्जन में अधिकतम 10 लोग ही शामिल हो सकेंगे.
  • अबीर-गुलाल उड़ाना और नाच गाना प्रतिबंधित रहेगा.
  • विसर्जन का मार्ग और विसर्जन के पश्चात वापसी का मार्ग अलग-अलग निर्धारित किया जाएगा.
  • विसर्जन के पश्चात लोग शांति से वापस आएंगे.
  • सभी समितियों द्वारा शासन के दिशा निर्देशों के अनुपालन में ऐसे बड़े आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है, जिसमें भीड़ होने की संभावना हो.
  • रामलीला समितियों की बैठक में पदाधिकारियों को बताया गया कि दुर्गापूजा के नियम ही रामलीला के लिए भी लागू रहेंगे, जिसमें खुले स्थान पर अधिकतम 100 लोग व बंद परिसर में 200 लोग ही आयोजन में इकट्ठा हो सकते हैं.
  • रामलीला समितियों को अपने वालंटियर लगाकर भीड़ नियंत्रित करने और सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन कराये जाने का कार्य किया जाएगा.
  • डीएलडब्ल्यू व रामनगर रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि रावण का पुतला दहन नहीं किया जाएगा. केवल रामायण पाठ कराया जाएगा.
  • भरत मिलाप और नक्कटैया का कार्यक्रम भी समितियों द्वारा निरस्त कर दिया गया है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी समितियां अपने-अपने प्लान लिख कर उपलब्ध कराएंगे, जिसमें स्थान का नाम, स्थल की क्षमता, वालंटियर की सूची आदि के विवरण हों. जिससे पुलिस बल तैनात किया जा सके. जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे नगर निगम व पंचायत विभाग द्वारा साफ-सफाई और सुचारू विद्युत आपूर्ति आदि कराएगा.

वाराणसी: जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कैम्प कार्यालय पर जिले की सभी दुर्गा पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19 को देखते हुए शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार दुर्गा पूजा आयोजित करने की जानकारी दी. दुर्गा पूजा एवं दशहरा के अवसर पर जिले में विभिन्न समितियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना किये जाने एवं दशमी के दिन रावण का पुतला दहन करने की परम्परा निभाई जाती है. इस धार्मिक परम्परा में अपार भीड़ द्वारा दुर्गा पूजा/दर्शन और रावण पुतला दहन देखने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.

dm and ssp meeting in varanasi
बैठक करते जिलाधिकारी और एसएसएपी.

सड़कों और चौराहों पर नहीं लगेगा पंडाल
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक रूप से सड़कों और चौराहों पर कोई पंडाल नहीं लगाया जाएगा. सड़क से हटकर शासन द्वारा निर्धारित साइज का पंडाल ही लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शासन ने कोरोना महामारी से सुरक्षित रहते हुए सीमित तरीके से त्योहार मनाने की अनुमति दी है. 15x15 फिट के तीन चांदनी लगाने की अनुमति दी गई है. खुली जगह पर एक समय में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई है.

जिलाधिकारी ने कहा कि कैम्पस या बंद परिसर में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं. पांच फीट ऊंची व पांच फीट तक चौड़ी मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी. पंडाल चारों ओर से खुला न हो. प्रवेश द्वार पर स्कैनर से जांच कर ही अन्दर लोगों को जाने दिया जाएगा. किसी बीमार को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं उन्होंने निम्न बिन्दुओं पर सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए;

  • समितियों को पंडाल में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अपने वालंटियर रखना होगा, जो नेम प्लेट लगा कर सेवा देंगे.
  • पंडाल में लाउडस्पीकर पर भजन संगीत के अलावा कोरोना से बचाव हेतु प्रसारण भी किया जाएगा.
  • सार्वजनिक रूप से भोज आदि का कोई आयोजन प्रतिबंधित है.
  • प्रसाद का वितरण पैकेट में किया जाएगा.
  • कन्या भोजन केवल 9 लोगों से अधिक न करायें.
  • सभी समितियों के पदाधिकारियों को कहा गया कि गुरुवार तक सम्बन्धित थाने पर मूर्ति/कलश स्थापना का स्थान, स्थल की क्षमता विसर्जन की तिथि आदि की सूचना अवश्य जमा करा दें, ताकि थाने से विसर्जन का क्रम निर्धारित कर दिया जाए, उसी के अनुसार विसर्जन किया जा सकेगा.
  • विसर्जन के लिए केवल एक छोटी गाड़ी टाटा मैजिक की अनुमति दी गई है, जिस पर मूर्ति विसर्जन किया जाएगा.
  • बड़े डीजे को गाड़ी पर न लगाने का निर्देश दिया गया है.
  • मूर्ति विसर्जन में अधिकतम 10 लोग ही शामिल हो सकेंगे.
  • अबीर-गुलाल उड़ाना और नाच गाना प्रतिबंधित रहेगा.
  • विसर्जन का मार्ग और विसर्जन के पश्चात वापसी का मार्ग अलग-अलग निर्धारित किया जाएगा.
  • विसर्जन के पश्चात लोग शांति से वापस आएंगे.
  • सभी समितियों द्वारा शासन के दिशा निर्देशों के अनुपालन में ऐसे बड़े आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है, जिसमें भीड़ होने की संभावना हो.
  • रामलीला समितियों की बैठक में पदाधिकारियों को बताया गया कि दुर्गापूजा के नियम ही रामलीला के लिए भी लागू रहेंगे, जिसमें खुले स्थान पर अधिकतम 100 लोग व बंद परिसर में 200 लोग ही आयोजन में इकट्ठा हो सकते हैं.
  • रामलीला समितियों को अपने वालंटियर लगाकर भीड़ नियंत्रित करने और सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन कराये जाने का कार्य किया जाएगा.
  • डीएलडब्ल्यू व रामनगर रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि रावण का पुतला दहन नहीं किया जाएगा. केवल रामायण पाठ कराया जाएगा.
  • भरत मिलाप और नक्कटैया का कार्यक्रम भी समितियों द्वारा निरस्त कर दिया गया है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी समितियां अपने-अपने प्लान लिख कर उपलब्ध कराएंगे, जिसमें स्थान का नाम, स्थल की क्षमता, वालंटियर की सूची आदि के विवरण हों. जिससे पुलिस बल तैनात किया जा सके. जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे नगर निगम व पंचायत विभाग द्वारा साफ-सफाई और सुचारू विद्युत आपूर्ति आदि कराएगा.

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