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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के ये है हालात, बदहाल हुआ मल्टी मॉडल टर्मिनल

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जिस टर्मिनल का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों हुआ था, अब वह बदहाल है. बरसात का मौसम शुरू होते ही टर्मिनल के परिसर में चारों तरफ सिर्फ कीचड़ नजर आ रहा है.

बदहाली बना मल्टी मॉडल टर्मिनल.
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Published : Jul 9, 2019, 8:59 AM IST

वाराणसी: जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा गंगा पर बना मल्टी मॉडल टर्मिनल इस वक्त बदहाली के आंसू रो रहा है. जिस टर्मिनल का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों हुआ था. आज वहां की स्तिथि दयनीय बनी हुई है. बरसात का मौसम शुरू होते ही टर्मिनल के परिसर में चारों तरफ सिर्फ कीचड़ नजर आ रहा है. स्तिथि यह है कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों का चलना मुश्किल है.

जानकारी देती संवादताता.

पीएम मोदी ने किया था लोकार्पण

  • उत्तर प्रदेश जल परिवहन विभाग के अनुसार अक्टूबर 2018 में भारत और बांग्लादेश के बीच जल परिवहन समझौता हुआ था.
  • समझौते के तहत दोनों देशों के बीच व्यापार और पुरुष की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए मल्टी मॉडल टर्मिनल पोर्ट बनाया गया था.
  • स्पोर्ट्स का दावा किया गया था कि लॉजिस्टिक की लागत कम हो जाएगी और उसके साथ ही वाराणसी के अलावा झारखंड पश्चिम बंगाल और विकास तेजी से होगा.
  • वाराणसी से हल्दिया के बीच शुरू हुआ मल्टी मॉडल टर्मिनल से कंटेनर शिपिंग कंपनी में जुड़ चुकी है.
  • विश्व भर में इस कंपनी के 12 मिलीयन कंटेनर चलते हैं विश्व की सबसे बड़ी कंटेनर कंपनी है.
  • वाराणसी का इनलैंड वॉटर हाईवे देश का पहला मल्टी मॉडल टर्मिनल है, जिसका लोकार्पण 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ था.

वाराणसी: जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा गंगा पर बना मल्टी मॉडल टर्मिनल इस वक्त बदहाली के आंसू रो रहा है. जिस टर्मिनल का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों हुआ था. आज वहां की स्तिथि दयनीय बनी हुई है. बरसात का मौसम शुरू होते ही टर्मिनल के परिसर में चारों तरफ सिर्फ कीचड़ नजर आ रहा है. स्तिथि यह है कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों का चलना मुश्किल है.

जानकारी देती संवादताता.

पीएम मोदी ने किया था लोकार्पण

  • उत्तर प्रदेश जल परिवहन विभाग के अनुसार अक्टूबर 2018 में भारत और बांग्लादेश के बीच जल परिवहन समझौता हुआ था.
  • समझौते के तहत दोनों देशों के बीच व्यापार और पुरुष की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए मल्टी मॉडल टर्मिनल पोर्ट बनाया गया था.
  • स्पोर्ट्स का दावा किया गया था कि लॉजिस्टिक की लागत कम हो जाएगी और उसके साथ ही वाराणसी के अलावा झारखंड पश्चिम बंगाल और विकास तेजी से होगा.
  • वाराणसी से हल्दिया के बीच शुरू हुआ मल्टी मॉडल टर्मिनल से कंटेनर शिपिंग कंपनी में जुड़ चुकी है.
  • विश्व भर में इस कंपनी के 12 मिलीयन कंटेनर चलते हैं विश्व की सबसे बड़ी कंटेनर कंपनी है.
  • वाराणसी का इनलैंड वॉटर हाईवे देश का पहला मल्टी मॉडल टर्मिनल है, जिसका लोकार्पण 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ था.
Intro:वाराणसी। वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा गंगा पर बना मल्टी मॉडल टर्मिनल इस वक्त बदहाली के आंसू रो रहा है। जिस टर्मिनल का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों हुआ था आज वहां की स्तिथि दयनीय हैं। बरसात का मौसम शुरू होते ही टर्मिनल के परिसर में चारो तरफ सिर्फ कीचड़ नजर आ रहा है स्तिथि यह है कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों का चलना मुश्किल है इसके साथ ही टर्मिनल से माल लेकर जाने वाले ट्रक भी मिट्टी में फंस जा रहा है। गौरतलब है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यालय में आए आम बजट 2019 में गंगा जल परिवहन के तहत वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग 2020 तक पूरा करने की बात की गई कहीं गई है लेकिन अगर इस हालात में कोई देख भी ले तो यह कार्य कैसे पूरा होगा इस बात पर अभी भी प्रश्न चिन्ह लगा नज़र आ रहा है।


Body:VO1: उत्तर प्रदेश जल परिवहन विभाग के अनुसार अक्टूबर 2018 में भारत और बांग्लादेश के बीच जल परिवहन समझौता हुआ था। समझौते के तहत दोनों देशों के बीच व्यापार और पुरुष की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए मल्टी मॉडल टर्मिनल पोर्ट बनाया गया था स्पोर्ट्स का दावा किया गया था कि लॉजिस्टिक की लागत कम हो जाएगी और उसके साथ ही वाराणसी के अलावा झारखंड पश्चिम बंगाल और विकास तेजी से होगा। गौरतलब है कि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण कर रहा है वाराणसी से हल्दिया के बीच शुरू हुआ मल्टी मॉडल टर्मिनल से कंटेनर शिपिंग कंपनी में जुड़ चुकी है। विश्व भर में इस कंपनी के 12 मिलीयन कंटेनर चलते हैं विश्व की सबसे बड़ी कंटेनर कंपनी है।

वॉक थ्रू: अर्निमा द्विवेदी


Conclusion:VO2: वाराणसी का इनलैंड वॉटर हाईवे देश का पहला मल्टी मॉडल टर्मिनल है, जिसका लोकार्पण 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ था। उस दिन कोलकाता से वाराणसी पहुंचे देश के पहले कंटेनर कार्गो को विकसित किया गया था। इस पोर्ट पर पेप्सीको, एमामी एग्रोटेक, इफको और डाबर जैसी कंपनियां कंटेनर भेजती हैं और मंगवाती भी हैं। जल परिवहन के लिए वाराणसी से हल्दिया 1390 किलोमीटर लंबे जल मार्ग पर करीब 42 सौ करोड़ की लागत आई है। अगस्त में 2016 में ट्रायल रन के तहत वाराणसी से मारुति कार की खेप भी भेजी गई थी और तब से जल मार्ग के कई खंडों में 15 बार कारों की आवाजाही हो चुकी है।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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