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वाराणसी में डॉक्टर का अनोखा कारनामा, घर की छत पर ही बना डाला खेत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वाले एक डॉक्टर ने अपने घर की छत पर ही खेत बना दिया है. जहां वह बदलते मौसम के हिसाब से फल और सब्जियों की पैदावार कर रहे हैं.

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Published : Aug 16, 2019, 11:57 AM IST

डॉक्टर ने अपने घर की छत पर बनाया खेत.

वाराणसी: कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ अलग और अनोखा करने का जज्बा हो तो कोई भी काम किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ लोहता के केराकतपुर क्षेत्र में रहने वाले ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. आर एस पाल ने कर दिखाया है. उन्होंने अपने घर की छत को ही खेत में तब्दील कर दिया है. जिसमें वह फल और सब्जियां उगा रहे हैं.

डॉक्टर ने घर की छत पर बनाया खेत.

इस वजह से छत पर की खेती शुरूआत
डॉ. पाल का कहना है कि तेजी से रसायनिक खादों के इस्तेमाल की वजह से खेतों में होने वाली फल सब्जियों की पौष्टिकता खत्म होती जा रही है. जिसकी की वजह से उन्होंने यह तरीका अपनाया है.

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छत पर खेती के लिए इंजीनियर्स से किया संपर्क
डॉ. पाल का कहना है कि उनके पास खेत खलिहान नहीं है, लेकिन दूसरे के खेतों से आने वाली फल सब्जियां नुकसान पहुंचा रही थीं. घर के छोटे बच्चे हो या बड़े या फिर वृद्ध रसायनिक खादों के प्रयोग की वजह से सभी को दिक्कतें हो रही थीं. इसे लेकर उन्होंने इंजीनियर्स से संपर्क किया और अपने घर की छत को जिसे नॉरमल यूजलेस माना जाता है. उसे खेत में ही डेवेलप करने की प्लानिंग की.

सीजन के अनुसार करते हैं खेती

डॉ. पाल सीजन के अनुसार सब्जी और फलों की खेती करते हैं. बारिश का मौसम में ककड़ी, मक्का और अन्य हरी सब्जियों की खेती करते हैं. ठंड के मौसम में उस समय की सीजनल सब्जियां और गर्मी में उस मौसम की सीजनल सब्जियों की खेती करते हैं.

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डॉ. पाल ने खेती को लेकर कहा कि
डॉ. पाल का कहना है कि आज के युग में जैविक खेती पर ज्यादा जोर देना चाहिए. रासायनिक चीजों के बल पर खेती जल्दी और बेहतर तो होती है लेकिन इससे काफी नुकसान है. यही वजह है कि मैंने अपने घर की छत को ही खेत में तब्दील कर दिया. जैविक खेती की मदद से स्वास्थ्यवर्धक सब्जी और फल खाकर अपने परिवार की रक्षा कर रहा हूं.

वाराणसी: कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ अलग और अनोखा करने का जज्बा हो तो कोई भी काम किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ लोहता के केराकतपुर क्षेत्र में रहने वाले ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. आर एस पाल ने कर दिखाया है. उन्होंने अपने घर की छत को ही खेत में तब्दील कर दिया है. जिसमें वह फल और सब्जियां उगा रहे हैं.

डॉक्टर ने घर की छत पर बनाया खेत.

इस वजह से छत पर की खेती शुरूआत
डॉ. पाल का कहना है कि तेजी से रसायनिक खादों के इस्तेमाल की वजह से खेतों में होने वाली फल सब्जियों की पौष्टिकता खत्म होती जा रही है. जिसकी की वजह से उन्होंने यह तरीका अपनाया है.

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छत पर खेती के लिए इंजीनियर्स से किया संपर्क
डॉ. पाल का कहना है कि उनके पास खेत खलिहान नहीं है, लेकिन दूसरे के खेतों से आने वाली फल सब्जियां नुकसान पहुंचा रही थीं. घर के छोटे बच्चे हो या बड़े या फिर वृद्ध रसायनिक खादों के प्रयोग की वजह से सभी को दिक्कतें हो रही थीं. इसे लेकर उन्होंने इंजीनियर्स से संपर्क किया और अपने घर की छत को जिसे नॉरमल यूजलेस माना जाता है. उसे खेत में ही डेवेलप करने की प्लानिंग की.

सीजन के अनुसार करते हैं खेती

डॉ. पाल सीजन के अनुसार सब्जी और फलों की खेती करते हैं. बारिश का मौसम में ककड़ी, मक्का और अन्य हरी सब्जियों की खेती करते हैं. ठंड के मौसम में उस समय की सीजनल सब्जियां और गर्मी में उस मौसम की सीजनल सब्जियों की खेती करते हैं.

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डॉ. पाल ने खेती को लेकर कहा कि
डॉ. पाल का कहना है कि आज के युग में जैविक खेती पर ज्यादा जोर देना चाहिए. रासायनिक चीजों के बल पर खेती जल्दी और बेहतर तो होती है लेकिन इससे काफी नुकसान है. यही वजह है कि मैंने अपने घर की छत को ही खेत में तब्दील कर दिया. जैविक खेती की मदद से स्वास्थ्यवर्धक सब्जी और फल खाकर अपने परिवार की रक्षा कर रहा हूं.

Intro:वाराणसी: कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ अलग और अनोखा करने का जज्बा हो तो फिर काम खुद ब खुद आसान हो जाता है, और ऐसा ही कुछ अलग और अनोखा करने का प्रयास किया है वाराणसी के एक ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ आर एस पाल ने. डॉक्टर पाल ने अपने घर की छत को खेत में तब्दील कर दिया है. यह तरीका उनको आया है तेजी से रसायनिक खादों के इस्तेमाल की वजह से खेतों में होने वाली फल सब्जियों की पौष्टिकता के खत्म होने की वजह से, इसके बाद डॉक्टर पाल ने अपने घर की छत पर रासायनिक खेती को छोड़ जैविक खेती की मदद से अपने और अपने कुछ करीबियों के खाने पीने के लिए फल और सब्जियों की खेती शुरू कर दी है.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल लोहता के केराकतपुर इलाके में रहने वाले डॉक्टर पाल का घर है इसी रोड पर है, बाहर से देखने पर ही आप समझ जाएंगे यह घर दूसरे घरों से कुछ अलग है, क्योंकि घर की हर मंजिल पर हरियाली आप को साफ देखने को मिलेगी, लेकिन जब आप ऊपर घर की छत पर पहुंचेंगे तो आपका चौंकना लाजमी होगा, क्योंकि घर की छत खेत में तब्दील है. इसके पीछे डॉक्टर पाल की एक यूनीक सोच है, डॉ पाल का कहना है की उनके पास खेत खलिहान नहीं है लेकिन दूसरे के खेतों से आने वाली फल सब्जियां नुकसान पहुंचा रही थी. घर के छोटे बच्चे हो या बड़े या फिर वृद्ध रसायनिक खादों के प्रयोग की वजह से लोगों को दिक्कतें हो रहीं थीं. इसे लेकर उन्होंने इंजीनियर्स से संपर्क किया और अपने घर की छत को जिसे नॉरमल यूजलेस माना जाता है उसे खेत में ही डेवेलप करने की प्लानिंग कर ली.


Conclusion:वीओ-02 डॉ पाल ने इंजीनियर्स की मदद से घर की छत को इस लायक बनाया कि उस पर खेती करना संभव हो सके. फिर उसके बाद शुरू किया सीजनल सब्जी और फलों की खेती का काम, बारिश का मौसम है तो उन्होंने ककड़ी, मक्का और अन्य हरी सब्जियों खेती कर डाली. इसके बाद ठंड के मौसम में उस समय की सीजनल सब्जियां और गर्मी में उस मौसम की सीजनल सब्जियों की खेती डॉक्टर पाल करते हैं. उनका कहना है कि आज के युग में जैविक खेती पर ज्यादा जोर देना चाहिए रसायनिक चीजों के बल पर खेती जल्दी और बेहतर तो होती है लेकिन इसके बहुत से नुकसान है. यही वजह है कि मैंने अपने घर की छत को ही खेत में तब्दील किया और जैविक खेती की मदद से स्वास्थ्य वर्धक सब्जी और फल खाकर अपने अपने परिवार की रक्षा कर रहा हूं.

बाइट- डॉ आर एस पाल, खेती करने वाले

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

गोपाल मिश्र

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