वाराणसी: शासन की मंशा के अनुरूप काम में जरा सी भी लापरवाही बरतने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर लगातार गाज गिर रही है. मुख्यमंत्री स्वयं ऐसे मामलों की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों को जरा सी ढील देने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि वाराणसी में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी कार्यालय में चकबंदीकर्ताओं द्वारा शासकीय विभागीय कार्यों में उदासीनता व अनियमितता बरते जाने पर कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. किसी से नोटिस के जरिए जवाब मांगा गया है तो किसी को अलग-अलग बृहद दंड का नोटिस जारी किए जाने के आदेश दिए गए हैं.
सूचना निदेशालय की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट के मुताबिक जिलाधिकारी वाराणसी ने चकबंदीकर्ता सुभाष चंद्र द्वारा ग्राम पहाड़ी परगना देहात अमानत तहसील व जिले के अंतिम भूचित्र की जांच में लापरवाही बरते जाने व त्रुटिपूर्ण भूचित्र निर्मित करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित कर्मचारी को वृहद दंड का नोटिस दिए जाने का आदेश दिया है.
वहीं चकबंदीकर्ता अशोक लाल को भी काम में घोर अनियमितता बरते जाने पर जन सामान्य को सुविधा पहुंचाए जाने के आरोप में जांच अधिकारी की जांच आख्या में आरोप सिद्ध होने के बाद 4 वेतन वृद्धि संचई प्रभाव से रोकने की प्रविष्टि कर्मचारी की सर्विस बुक में किए जाने के आदेश दिए हैं. वहीं चकबंदी कर्ता अमित कुमार सिंह द्वारा मृतक खातेदारों के संबंध में अति विलंब से रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही बरते जाने पर सत्य निष्ठा संदिग्ध होने के आरोप में वेतन वृद्धि संचई प्रभाव से रोकने की प्रविष्टि कर्मचारी की सर्विस बुक में करने के आदेश दिए हैं.
इसके अलावा 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त हुए चकबंदी कर्ता शंभू नारायण प्रसाद द्वारा कार्य पूर्ण न किए जाने के आरोप में जांच आख्या मिलने के बाद चकबंदीकर्ता की सर्विस बुक में लघु दंड के रूप में कार्रवाई कर परिनिंदा अंकित कराए जाने व कर्मचारी पर विभागीय कार्यो में गंभीर लापरवाही के प्रमाण होने के बाद उन पर भी सत्य निष्ठा संदिग्ध किए जाने के आदेश दिए हैं. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आगे भी निरंतर शासकीय कार्यालयों में विभागीय अधिकारियों व अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जांच ऐसे ही कराई जाएगी और जो भी लापरवाह मिलेंगे. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय है.