वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कालाबाजारी करने वालों को सख्त चेतावनी दी है कि वो जल्द से जल्द इन आदतों को छोड़ दें. जनता से निर्धारित कीमत से ज्यादा न वसूलें. उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं, बावजूद इसके कुछ प्रतिष्ठानों और अस्पतालों ने इस पर अमल किया है लेकिन अभी पूरी तरह से यह बंद नहीं हुआ है. ऐसे में प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा.
इनकम टैक्स रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम होगी सक्रिय
जिलाधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि जिले में किसी तरह की भी कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसलिए अब सभी मेडिकल सेवाओं की कीमत और कालाबाजारी पर निगरानी के लिए दो टीमें गठित कर दी गई हैं. इस निगरानी टीम में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य तथा आयकर विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है.
पहली बार जनपद में एनफोर्समेंट के कार्य हेतु आयकर के रेवेन्यू इंटेलिजेंस के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत पुलिस, प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ लगाया गया है. ये अस्पतालों, मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन ट्रेडर्स में ग्राहकों से वसूल किये जाने वाली धनराशि का रिकॉर्ड चेक करेंगे तथा उसके अनुसार भविष्य में आयकर और GST का मूल्यांकन करेंगे, जो धनराशि दवा दुकानों, पैथोलॉजी लैब, अस्पतालों, ऑक्सीजन वेंडर और अन्य मेडिकल सर्विस प्रोवाइडर द्वारा वर्तमान में ली जा रही या जमा कराई जा रही है.
हर एक बिल की होगी जांच
जिलाधिकारी का कहना है कि जनता को राहत देने के लिए हर एक बिल की जांच की जाएगी. निर्धारित दरों और वस्तुओं के वास्तविक मूल्य से तुलना की जाएगी. इस प्रॉफिट मार्जिन को टैक्स की गणना का हिस्सा बनाया जाएगा. इसके लिए जनता से फीडबैक और गुप्त सूचना भी इकट्ठा की जाएगी कि किस अस्पताल द्वारा इलाज में मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं. टीम ऑक्सीजन की कीमत, मेडिकल स्टोर पर दवा की कालाबाजारी और बिचौलियों पर नजर रखेगी. बिचौलियों और दलालों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उन्हें पकड़ा जाएगा और एफआईआर करते हुए उन पर कड़ी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.
अधिकारियों को अभद्रता न दिखाने के निर्देश
टीम के सभी सदस्यों को विशेष ब्रीफिंग में बताया गया कि किसी भी अस्पताल, मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन वेंडर आदि की शिकायतों को चेक करने के लिए जाएं तो इज्जत से पेश आएं और छापेमारी का माहौल न बनाएं. किसी अस्पताल या दुकान को सील न करें, जिससे मरीजों को देख रहे डॉक्टरों को परेशानी हो.
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अकाउंट्स मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान
अकाउंट्स के रिकॉर्ड, ग्राहकों से ली जाने वाली धनराशि का विवरण, सप्लाई के बिल आदि ही चेक करें और अकाउंटेंट, मैनेजमेंट या सुपरिंटेंडेंट आदि अधिकारियों से ही इनकी जानकारी लें. रिकार्ड्स में जो प्रॉफिट मार्जिन दर्शाया गया है उसे आयकर और GST विभाग नोट करें और भविष्य के असेसमेंट का हिस्सा बनाएं. अस्पतालों या मेडिकल शॉप के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच करें और आरोप सही होने पर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें.