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वाराणसी: गंगा घाट पर हुई जिला स्तरीय मॉक ड्रिल - गंगा घाट

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बाढ़ के दौरान प्रभावित होने वाले गांवों के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. आपदा मॉडल का आयोजन 40 जिलों में एक साथ किया जा रहा है.

मॉक ड्रिल के आयोजन को बताते उपजिलाधिकारी
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Published : Jul 18, 2019, 10:21 PM IST

वाराणसी: बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए और विभिन्न विभागों की तैयारियों की परीक्षा लेने के लिए वाराणसी के गंगा घाट पर बाढ़ आपदा मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया. योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की देखरेख में बाढ़ आपदा मॉडल का आयोजन 40 जिलों में एक साथ किया जा रहा है.

मॉक ड्रिल के आयोजन के बारे में बताते उपजिलाधिकारी

क्या है मॉक एक्सरसाइज

  • वाराणसी के रमना गांव सहित कई गांव ऐसे हैं जो बाढ़ के सीजन में अत्यधिक प्रभावित होते हैं.
  • उन गांवों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है.
  • वाराणसी के विभिन्न विभागों जैसे एनडीआरएफ,अग्निशमन, पीएसी, पुलिस सूचना विभाग, पंचायत विभाग जैसे अधिकारियों ने भाग लिया.
  • मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ का नकली दृश्य बनाकर उस पर चर्चा की गई और राहत देने के बारे में भी बताया गया.
  • गंगा नदी में अचानक पानी बढ़ने से रमना गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिरता हुआ दिखाया गया.
  • सूचना केंद्रीय जल आयोग ने जिलाधिकारी कार्यालय में दी और एनडीआरएफ कार्यालय को दी.
  • मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ की 45 सदस्य टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची और बाढ़ में फंसे हुए लोगों की सहायता की.
  • अगर कुछ लोग डूबने लगते हैं तो एनडीआरएफ के प्रशिक्षित गोताखोर किस तरह बचाकर प्राथमिक उपचार देते हैं.
  • जिला चिकित्सा की टीम एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले जाती है.
  • 12 पालतू जानवरों को भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर पहुंचाने की एक्सरसाइज पूरी की गई.

वाराणसी: बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए और विभिन्न विभागों की तैयारियों की परीक्षा लेने के लिए वाराणसी के गंगा घाट पर बाढ़ आपदा मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया. योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की देखरेख में बाढ़ आपदा मॉडल का आयोजन 40 जिलों में एक साथ किया जा रहा है.

मॉक ड्रिल के आयोजन के बारे में बताते उपजिलाधिकारी

क्या है मॉक एक्सरसाइज

  • वाराणसी के रमना गांव सहित कई गांव ऐसे हैं जो बाढ़ के सीजन में अत्यधिक प्रभावित होते हैं.
  • उन गांवों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है.
  • वाराणसी के विभिन्न विभागों जैसे एनडीआरएफ,अग्निशमन, पीएसी, पुलिस सूचना विभाग, पंचायत विभाग जैसे अधिकारियों ने भाग लिया.
  • मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ का नकली दृश्य बनाकर उस पर चर्चा की गई और राहत देने के बारे में भी बताया गया.
  • गंगा नदी में अचानक पानी बढ़ने से रमना गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिरता हुआ दिखाया गया.
  • सूचना केंद्रीय जल आयोग ने जिलाधिकारी कार्यालय में दी और एनडीआरएफ कार्यालय को दी.
  • मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ की 45 सदस्य टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची और बाढ़ में फंसे हुए लोगों की सहायता की.
  • अगर कुछ लोग डूबने लगते हैं तो एनडीआरएफ के प्रशिक्षित गोताखोर किस तरह बचाकर प्राथमिक उपचार देते हैं.
  • जिला चिकित्सा की टीम एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले जाती है.
  • 12 पालतू जानवरों को भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर पहुंचाने की एक्सरसाइज पूरी की गई.
Intro:वाराणसी। प्रदेश में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए और विभिन्न विभागों की तैयारियों की परीक्षा लेने के लिए वाराणसी के गंगा घाट पर बाढ़ आपदा मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। सुबह के मुखिया योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की देखरेख में बाढ़ आपदा मॉडल का आयोजन प्रदेश के 40 जिलों में एक साथ किया जा रहा है जिसको लेकर वाराणसी में भी हर विभाग की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जमीनी स्तर पर हर कर्मचारी की जिम्मेदारी के साथ इस एक्सरसाइज का आयोजन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया।


Body:VO1: वाराणसी में रमना गांव और ऐसे ही कई अन्य गांव में जो बाढ़ के सीजन में अत्याधिक प्रभावित होते हैं मॉक ड्रिल का आयोजन किया जारहा है। स्नैपडील वाराणसी के विभिन्न विभागों जैसे एनडीआरएफ, अग्निशमन, पीएसी, पुलिस, होमगार्ड, जेल पुलिस, सिंचाई विभाग, चिकित्सा विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, सिविल डिफेंस, राजस्व विभाग, सूचना विभाग, पंचायत विभाग, नेहरू युवा केंद्र और आदि विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ का नकली दृश्य बनाकर उस पर विस्तृत चर्चा की गई और बचाव द्वारा राहत देने के बारे में भी जवानों को बताया गया। गंगा नदी में अचानक पानी बढ़ने से रमना गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से गिरता हुआ दिखाया गया जिसकी सूचना केंद्रीय जल आयोग ने जिलाधिकारी कार्यालय में दी और एनडीआरएफ कार्यालय को दी मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ की 45 सदस्य टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची और बाढ़ में फंसे हुए लोगों की सहायता कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इसी बीच इस बात की भी ट्रेनिंग लोगों को दी गई कि अगर कुछ लोग डूबने लगते हैं तो एनडीआरएफ के प्रशिक्षित गोताखोर किस तरह उनको बचाकर प्राथमिक उपचार देते हैं और जिला चिकित्सा की टीम एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले जाती है।

बाइट: आलोक कुमार सिंह, डीआईजी, एनडीआरएफ, वाराणसी


Conclusion:VO2: मॉक ड्रिल को अपने निर्देशन में करा रहे एनडीआरएफ के डीआईजी आलोक कुमार सिंह ने बताया एनडीआरएफ की टीम के कुल 46 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर अपनी ड्रिल पूरी करी जिसमें 2 लोगों की जान बची बचाई गई। साथ ही 12 पालतू जानवरों को भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर पहुंचाने की एक्सरसाइज भी पूरी की गई। मॉक एक्सरसाइज के पूरा होने के बाद जिलाधिकारी वाराणसी ने सभी विभागों की डी ब्रीफिंग की और इस मॉडल के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। आलोक कुमार सिंह का कहना है कि इस तरीके की मॉडल की सहायता से निश्चित रूप से सभी विभागों का ऐसी आपदा में प्रतिक्रिया करने का अभ्यास हो गया है, जिससे अगर एकदम से कोई आपदा आती है तो आप दा प्रबंधन को सुंदर बनाने में सभी विभाग अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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