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वाराणसी में क्षय रोगियों को पुष्टाहार थैली का हुआ वितरण - प्रोफेसर टीएन सिंह

यूपी के वाराणसी जिले में क्षय रोगियों को पुष्टाहार थैली का वितरण किया गया. वहीं रोग की रोकथाम और सुपोषण हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने दो क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लिया और उनके भविष्य को बेहतर बनाने का संकल्प भी लिया.

वाराणसी में क्षय रोगियों को पुष्टाहार थैली का हुआ वितरण
वाराणसी में क्षय रोगियों को पुष्टाहार थैली का हुआ वितरण
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Published : Oct 31, 2020, 7:14 PM IST

वाराणसी: क्षय रोग की रोकथाम और सुपोषण हेतु वाराणसी जिले में चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वयं सेवी संस्थाओं व अन्य लोगों से इन बच्चों को गोद लेने का आह्वान किया गया था. इसके तहत शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने जनपद के दो छय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लिया और उनके भविष्य को बेहतर बनाने का संकल्प भी लिया.


इस बारे में प्रोफेसर टीएन सिंह ने बताया कि लल्लापुर निवासी 13 वर्षीय मुस्कान बेगम और शिवदासपुर निवासी 18 वर्षीय राजा बाबू को गोद लिया. इनके समुचित देखभाल की दायित्व राष्ट्रीय सेवा योजना, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को दिया है.

बच्चो में वितरित किया गया पोषण पोटली
वहीं इस अवसर पर इनके परिवार को संपूर्ण आहार के लिए पोषण की पोटली भी प्रदान की गई. प्रोफेसर टी एन सिंह ने कहा कि इस आहार की पोटली का मुख्य उद्देश्य कुपोषण से बचने के लिए आहार में आयरन, प्रोटीन और विटामिन की प्रचुर मात्रा प्रदान करना था. पोषण की पोटली के द्वारा संबंधित परिवार को संपूर्ण आहार के प्रति संबंधित परिवार एवं समाज को जागरूक करना था.

बच्चों के लिए संतुलित पोषण जरूरी
आहार वितरण के अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति ने कहा कि हमारा सामाजिक दायित्व जियो और जीने दो के साथ ही सबको संपूर्ण आहार उपलब्ध कराना भी है. आज के बच्चे ही कल के भविष्य हैं, इसलिए हमें इनको संतुलित आहार देना चाहिए. समाज में एक भी कुपोषित बच्चा तो क्षयरोग होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए आज समाज के प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को एक बच्चे और एक क्षय रोगी को गोद लेने की आवश्यकता है.

राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक केके सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना ने हमेशा अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया है. आगे भी इस तरह खास तौर से समाज से कुपोषण और रोगों को मिटाने के दायित्व का निर्वहन करता रहेगा.

वाराणसी: क्षय रोग की रोकथाम और सुपोषण हेतु वाराणसी जिले में चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वयं सेवी संस्थाओं व अन्य लोगों से इन बच्चों को गोद लेने का आह्वान किया गया था. इसके तहत शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने जनपद के दो छय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लिया और उनके भविष्य को बेहतर बनाने का संकल्प भी लिया.


इस बारे में प्रोफेसर टीएन सिंह ने बताया कि लल्लापुर निवासी 13 वर्षीय मुस्कान बेगम और शिवदासपुर निवासी 18 वर्षीय राजा बाबू को गोद लिया. इनके समुचित देखभाल की दायित्व राष्ट्रीय सेवा योजना, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को दिया है.

बच्चो में वितरित किया गया पोषण पोटली
वहीं इस अवसर पर इनके परिवार को संपूर्ण आहार के लिए पोषण की पोटली भी प्रदान की गई. प्रोफेसर टी एन सिंह ने कहा कि इस आहार की पोटली का मुख्य उद्देश्य कुपोषण से बचने के लिए आहार में आयरन, प्रोटीन और विटामिन की प्रचुर मात्रा प्रदान करना था. पोषण की पोटली के द्वारा संबंधित परिवार को संपूर्ण आहार के प्रति संबंधित परिवार एवं समाज को जागरूक करना था.

बच्चों के लिए संतुलित पोषण जरूरी
आहार वितरण के अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति ने कहा कि हमारा सामाजिक दायित्व जियो और जीने दो के साथ ही सबको संपूर्ण आहार उपलब्ध कराना भी है. आज के बच्चे ही कल के भविष्य हैं, इसलिए हमें इनको संतुलित आहार देना चाहिए. समाज में एक भी कुपोषित बच्चा तो क्षयरोग होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए आज समाज के प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को एक बच्चे और एक क्षय रोगी को गोद लेने की आवश्यकता है.

राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक केके सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना ने हमेशा अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया है. आगे भी इस तरह खास तौर से समाज से कुपोषण और रोगों को मिटाने के दायित्व का निर्वहन करता रहेगा.

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