वाराणसी : काशी को उत्सवों का शहर कहा जाता है. काशी में दीपावली के बाद देव दीपावली का त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है. देव दीपावली के मौके पर भगवान शिव की नगरी कही जाने वाली काशी एक अलग ही रंग में नजर आती है. वहीं इस बार देव दीपावली का उत्सव 19 नवंबर को मनाया जाएगा.
देव दीपावली के त्यौहार से पूर्व सामाजिक और गंगा से जुड़ी संस्थाओं की तैयारियां जोर-शोर से चल रहीं हैं. शासन-प्रशासन द्वारा भी देव दीपावली को लेकर तैयारियां शुरू कर दीं गईं हैं. बता दें, कि हर साल लाखों की संख्या में 84 घाटों की लंबी श्रंखला दीपों से जगमगाती है.
इस बार प्रशासन और गंगा समितियां मिलकर 12 लाख से अधिक दीपक जलाने की तैयारियां कर रहीं हैं. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि की नियमित गंगा आरती भी इस बार अलग रूप में नजर आएगी. काशी में देव दीपावली के अवसर पर इस बार देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों को सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की झलक दिखाई देगी.
दशाश्वमेध घाट पर 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की स्मृति में आकाश दीप जलाए जाएंगे. साथ ही गंगा के तट पर दीपक की कलाकृतियों से बना इंडिया गेट का भव्य नजारा दिखेगा. देव दीपावली के कार्यक्रम में सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगें. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गायिका अनुराधा पौडवाल शामिल होंगी.
इस वर्ष देव दीपावली के अवसर पर आयोजित होने वाली भव्य महाआरती में 51 महिलाओ द्वारा मां गंगा की आरती उतारी जाएगी. शायद यह पहला मौका होगा जब महिलाएं गंगा की आरती उतारेंगी. देव दीपावली पर होने वाली महाआरती में 123 ब्राह्मणों के साथ 42 रिद्धि-सिद्धि कन्याएं मौजूद रहेंगी. बता दें, कि आम दिनों में होने वाली आरती में 7 पुरोहित मौजूद रहते हैं. लेकिन देव दीपावली के अवसर पर 21 पुरोहित मां गंगा की भव्य आरती उतारेंगे.
इसे पढ़ें- राज्यमंत्री सोनम किन्नर बोलीं-आम आदमी को परेशान न करें किन्नर, जनता भी ध्यान रखे...