वाराणसी: कोविड की रफ्तार अभी पूरी तरह से थमी भी नहीं थी कि संचारी रोग को लेकर हालात बिगड़ने लगे हैं. सबसे ज्यादा बुरे हालात डेंगू की वजह से बन रहे हैं. वाराणसी में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 पार कर चुकी है और संदिग्ध मरीज लगभग 900 से ज्यादा हो गए हैं. इसे देखते हुए अब महकमा पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है. अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है और कोविड कंट्रोल रूम की तर्ज पर डेंगू रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है.
बैठक में सख्त दिखाई दिए डीएम
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा मंगलवार को विकास भवन सभाकक्ष में जनपद के विकास कार्यों के प्रगति की विस्तार से समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डेंगू और अन्य बुखार से बचाव हेतु कोविड कंट्रोल प्रबंधन की तरह ही कार्यवाही होगी. डेंगू कंट्रोल रूम से हॉस्पिटलाइजेशन, दवाई वितरण, एंबुलेंस सेवा, परीक्षण, फागिग, एंटी लारवा छिड़काव, मरीज की चिकित्सा और उसके ठीक होने का अनुश्रवण, आरआरटी टीमों के मोबिलाइजेशन, सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में मरीज की भर्ती आदि का प्रतिदिन पर्यवेक्षण व आवश्यक व्यवस्था होगी. बैठक में जिलाधिकारी ने आज से ही यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए. सेंट्रल कंट्रोल रूम और विभिन्न विभागों में कार्यरत कंट्रोल रूम से प्रतिदिन सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की प्रातः 8:15 बजे उपस्थिति चेक होगी. तहसीलों और ब्लॉक मुख्यालयों पर अधिकारियों व कर्मचारियों की सुबह 10 बजे और शाम 6 बजे उपस्थिति की जानकारी फोन से ली जाएगी. 7 सितंबर से 16 सितंबर तक फीवर ट्रैकिंग का विशेष अभियान चलाया जाएगा. जिसमें विभिन्न प्रकार जैसे डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया, कालाजार आदि के फीवर, टीबी के केस, 0-2 वर्ष तक के टीकाकरण से छूटे बच्चे और 45 से 60 वर्ष आयु के कोविड वैक्सीनेशन से छूटे व्यक्तियों को ट्रेस कर उनका टीकाकरण और उपचार की कार्रवाई की जाएगी. डेंगू कंट्रोल हेतु मरीज के सोर्स ट्रेनिंग ट्रेस कर वहां सैनिटाइजेशन होगा. वाटर लॉगिंग क्षेत्रों को डीईसेक्टिसाइड किया जाएगा.
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