वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में बुधवार को एक शोध छात्र अभय जायसवाल की कोविड-19 के संक्रमण की वजह से मौत हो गई. शोध छात्र के मित्र और बीएचयू के छात्रों ने इसे लेकर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. जिसे लेकर गुरुवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई ने एमएस के इस्तीफे की मांग की.
सुरक्षाकर्मी और छात्रों में नोकझोंक
हाथों में पोस्टर लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और बीएचयू के छात्र सर सुंदरलाल अस्पताल के एमएस ऑफिस पहुंच गए. जहां पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोका. इसी दौरान छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच में जमकर नोकझोंक हुई. इस दौरान बीएचयू प्रशासन और छात्रों ने कोविड-19 के प्रोटोकॉल को तोड़ दिया. 2 गज दूरी का ध्यान न रखते हुए जमकर एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की की.
एमएस तुरंत दें इस्तीफा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश मंत्री साक्षी सिंह ने बताया आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यकर्ता और विद्यार्थी यहां पर एकत्रित हुए हैं. कल जिस तरह से एक शोध छात्र की बीएचयू के डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से मौत हो गई, हमारे एक कर्मचारी की मौत हो गई. उसके साथ ही हमारे एक प्रोफेसर की भी मौत हो चुकी है. विश्वविद्यालय प्रशासन इस बात को एकदम हल्के में ले रहा है, जिससे इनका गैर जिम्मेदाराना रवैया नजर आ रहा है. हमारी यह मांग है कि इन सारी घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए एमएस तुरंत इस्तीफा दें.
एमएस का बयान
प्रोफेसर एस के माथुर ने बताया कल शोध छात्र के तबीयत खराब होने की जानकारी मिली. उनके चीफ ने हमसे बात किया. उन्होंने कहा छात्र का शरीर नीला पड़ गया है हमने तुरंत उनसे पूछा उसका कोविड-19 हुआ है कि नहीं. हमने तुरंत कोविड-19 इमरजेंसी में उनका कोविड-19 टेस्ट कराया, जिसमें वह पॉजिटिव पाए गए. उनको तुरंत कोविड-19 अस्पताल में भेजा गया वहां पर उनको जाने में डिले हो गया.