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वाराणसी में आम की नई प्रजातियों की डिमांड, जानिए क्या है रेट और खासियत? - गुलाब खास आम की मांग

वाराणसी के बाजारों में आम की नई प्रजातियां उपलब्ध हैं. यह आम दूसरे प्रदेशों से बाजार में पहली बार आए हैं, इसके बाद भी खूब मांग है. आइए जानते हैं कि इन आमों की खासियत और रेट क्या हैं?

Varanasi mango news
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Published : May 16, 2023, 3:19 PM IST

वाराणसी: गर्मी के मौसम में आम की डिमांड काफी बढ़ गई है. इस बार बाजार में कई तरह के आम दिखाई पड़ रहे हैं. वाराणसी के बाजारों में किशनभोग और गुलाब खास आम आ गया है. ये दोनों ही प्रकार के आम लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. इसके साथ ही कई ऐसी प्रजातियां भी आई हैं जो पहले से बाजारों में आती रही हैं. लेकिन इस बार इनकी भी डिमांड बाजार में बहुत अधिक है.

वाराणसी के पहड़िया मंडी में आम के बाजार सजे हुए हैं. यहां पर कई तरह की आम की प्रजातियां दिखने लगी हैं. इस बार लोग इन्हें खूब पसंद भी कर रहे हैं. बाजार में बैंगनफली, तोतापरी, लंगड़ा और दशहरी आम खूब देखने को मिल रहे हैं. इसके साथ ही किशन भोग और गुलाब खास की मांग तो देखते ही बन रही है.

किशनभोग और गुलाब खास की खूब मांग
व्यापारियों ने बताया कि वाराणसी में आंध्र प्रदेश से बैंगनफली व तोतापरी की आवक हुई है. इसके साथ ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लंगड़ा और दशहरी आम आ चुके हैं. ओडिशा से किशनभोग और गुलाब खास की प्रजाति ही आई है. व्यापारियों का कहना है कि किशनभोग और गुलाब खास नई प्रजातियां है, इसके बाद भी इनकी डिमांड मार्केट में खूब है. दशहरी और लंगड़ा आम तो हर सीजन में अपने डिमांड में रहते ही हैं.

मार्केट में आमों का रेट
गुलाब खास 40-50 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं किशन भोग 20-30 रुपये किलो बिक रहा है. बैंगनफली, तोतापरी, लंगड़ा और दशहरी आम 25-28 रुपये किलो बाजार में बिक रहे हैं. ये थोक के दाम हैं. फुटकर में ये सभी आम 60-90 रुपये किलो में बिक रहे हैं. इनका रेट मार्केट में पिछली बार से कहीं कहीं अधिक भी देखने को मिल रहा है. बावजूद इसके इनकी खरीद पर कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

तरबूज-खरबूज की रोजाना आ रहीं 10 गाड़ियां
गर्मी बढ़ने के साथ ही अन्य फलों की भी मांग बढ़ी है. वाराणसी में तरबूज और खरबूज की रोजाना 10 गाड़ियां आ रही हैं. वहीं बंगलुरू से अंगूर आ रहे हैं, जबकि लीची बंगाल से मंगाई जा रही है. इसके साथ ही महाराष्ट्र के सोलापुर और नासिक में इस बार मौसम की वजह से अंगूर की सप्लाई नहीं हो सकी है. अंगूर की फसल यहां पूरी तरह से खराब हो गई थी. इस वजह से बंगलुरू से अंगूर की सप्लाई मंगानी पड़ी है. कुछ व्यापारी तो पहले से ही अंगूर बंगलुरू से ही मंगा रहे थे.

इस बार लीची और अंगूर के क्या हैं रेट?
बंगाल से आने वाली लीची 170-200 रुपये किलो बिक रही है. वहीं मंडी में आए बंगलुरू के अंगूर नासिक से सस्ते हैं. थोक में इनकी कीमत 50-60 रुपये किलो है, जबकि नासिक का अंगूर 70-80 रुपये किलो मिलता है. वहीं, बंगाल से आ रही लीची इस बार ट्रेन से आ रही है. ये लीची काफी महंगी बताई जा रही है. व्यापारियों का कहना है कि इनकी कीमत बिहार की लीची से अधिक है. एक सप्ताह बाद मार्केट में बिहार से लीची आएगी, जिसके बाद दाम में कमी आएगी.

वाराणसी: गर्मी के मौसम में आम की डिमांड काफी बढ़ गई है. इस बार बाजार में कई तरह के आम दिखाई पड़ रहे हैं. वाराणसी के बाजारों में किशनभोग और गुलाब खास आम आ गया है. ये दोनों ही प्रकार के आम लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. इसके साथ ही कई ऐसी प्रजातियां भी आई हैं जो पहले से बाजारों में आती रही हैं. लेकिन इस बार इनकी भी डिमांड बाजार में बहुत अधिक है.

वाराणसी के पहड़िया मंडी में आम के बाजार सजे हुए हैं. यहां पर कई तरह की आम की प्रजातियां दिखने लगी हैं. इस बार लोग इन्हें खूब पसंद भी कर रहे हैं. बाजार में बैंगनफली, तोतापरी, लंगड़ा और दशहरी आम खूब देखने को मिल रहे हैं. इसके साथ ही किशन भोग और गुलाब खास की मांग तो देखते ही बन रही है.

किशनभोग और गुलाब खास की खूब मांग
व्यापारियों ने बताया कि वाराणसी में आंध्र प्रदेश से बैंगनफली व तोतापरी की आवक हुई है. इसके साथ ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लंगड़ा और दशहरी आम आ चुके हैं. ओडिशा से किशनभोग और गुलाब खास की प्रजाति ही आई है. व्यापारियों का कहना है कि किशनभोग और गुलाब खास नई प्रजातियां है, इसके बाद भी इनकी डिमांड मार्केट में खूब है. दशहरी और लंगड़ा आम तो हर सीजन में अपने डिमांड में रहते ही हैं.

मार्केट में आमों का रेट
गुलाब खास 40-50 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं किशन भोग 20-30 रुपये किलो बिक रहा है. बैंगनफली, तोतापरी, लंगड़ा और दशहरी आम 25-28 रुपये किलो बाजार में बिक रहे हैं. ये थोक के दाम हैं. फुटकर में ये सभी आम 60-90 रुपये किलो में बिक रहे हैं. इनका रेट मार्केट में पिछली बार से कहीं कहीं अधिक भी देखने को मिल रहा है. बावजूद इसके इनकी खरीद पर कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

तरबूज-खरबूज की रोजाना आ रहीं 10 गाड़ियां
गर्मी बढ़ने के साथ ही अन्य फलों की भी मांग बढ़ी है. वाराणसी में तरबूज और खरबूज की रोजाना 10 गाड़ियां आ रही हैं. वहीं बंगलुरू से अंगूर आ रहे हैं, जबकि लीची बंगाल से मंगाई जा रही है. इसके साथ ही महाराष्ट्र के सोलापुर और नासिक में इस बार मौसम की वजह से अंगूर की सप्लाई नहीं हो सकी है. अंगूर की फसल यहां पूरी तरह से खराब हो गई थी. इस वजह से बंगलुरू से अंगूर की सप्लाई मंगानी पड़ी है. कुछ व्यापारी तो पहले से ही अंगूर बंगलुरू से ही मंगा रहे थे.

इस बार लीची और अंगूर के क्या हैं रेट?
बंगाल से आने वाली लीची 170-200 रुपये किलो बिक रही है. वहीं मंडी में आए बंगलुरू के अंगूर नासिक से सस्ते हैं. थोक में इनकी कीमत 50-60 रुपये किलो है, जबकि नासिक का अंगूर 70-80 रुपये किलो मिलता है. वहीं, बंगाल से आ रही लीची इस बार ट्रेन से आ रही है. ये लीची काफी महंगी बताई जा रही है. व्यापारियों का कहना है कि इनकी कीमत बिहार की लीची से अधिक है. एक सप्ताह बाद मार्केट में बिहार से लीची आएगी, जिसके बाद दाम में कमी आएगी.

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