वाराणसी: धर्म नगरी काशी में गंगा का पानी इन दिनों सड़कों से होते हुए गलियों तक पहुंच चुका है. लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और खतरे के निशान से गंगा वर्तमान में 53 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है और गंगा का जलस्तर वर्तमान में 71.79 मीटर है. गंगा के इस रौद्र रूप से जहां तटीय इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं. वहीं अब मोक्ष की राह में भी गंगा बड़ा रोड़ा बन रही हैं.
गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से मणिकर्णिका घाट पर परेशानियां हो रही हैं. गंगा गलियों में प्रवेश करने के साथ ही उस प्लेटफार्म के चारों ओर पहुंच चुकी हैं, जहां शवों का दाह संस्कार होता है. इसके कारण अब लोग शवों को पानी में डूबो कर ले जा रहे हैं और जगह कम होने की वजह से एक शव को जलाने में 5 से 6 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.
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लकड़ी के लिए लगानी पड़ रही लाइन-
महाश्मशान मणिकर्णिका का विशेष महत्व माना जाता है. यही वजह है कि सिर्फ वाराणसी नहीं बल्कि देश और विदेश के कोने-कोने से लोग अपनों के मरणोपरांत उनका दाह संस्कार करने के लिए काशी के इसी श्मशान घाट पर आते हैं. इन दिनों यहां आने वाले शवों को मोक्ष के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
इसकी बड़ी वजह है गंगा गलियों में प्रवेश कर गई हैं और अब जगह बची ही नहीं है. जगह कम होने के कारण सिर्फ 10 प्लेटफार्म वाले स्थान पर एक बार में 10 शव ही जलाए जा रहे हैं. यहां आने वाले शवों की संख्या प्रतिदिन 50 से 60 है. इतना ही नहीं पहली बार शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ी की दुकानों पर नंबर लग रहे हैं. एक शव को जलाने के लिए 5 से 6 घंटे की वेटिंग है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
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फिलहाल गंगा के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि गंगा का जलस्तर दोपहर में स्थिर हुआ था, लेकिन अभी गंगा का पानी नीचे उतरना शुरू नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि एक बार गंगा का जलस्तर अभी फिर से बढ़ेगा.