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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले के सात अलग-अलग मुकदमों की एक जगह सुनवाई पर आ सकता है फैसला

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई जारी है. ऐसे में 22 मार्च को कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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सात अलग अलग मुकदमों की एक जगह सुनवाई पर कोर्ट मार्च को सुना सकता है फैसला
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Published : Mar 20, 2023, 6:24 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई जारी है और सबसे महत्वपूर्ण प्रकरण सात अलग-अलग मुकदमों को एक ही जगह सुनने को लेकर जिला जज न्यायालय में भी विचाराधीन है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश को आज अपना फैसला सुनाना था कि 7 अलग-अलग मामलों की सुनवाई एक कोर्ट में होगी या नहीं लेकिन किन्ही कारणों से आज इस पर फैसला आ नहीं सका. अब कोर्ट ने 22 मार्च की तिथि निर्धारित की है. माना जा रहा है कि 22 मार्च को कोर्ट इस प्रकरण पर अपना आदेश जारी कर सकता है.


वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ होगी या नहीं, इस मामले में कोर्ट का आदेश 22 मार्च को आएगा. सोमवार को आदेश तैयार नहीं होने के कारण सुनवाई की अगली तिथि सुनिश्चित हुई. सभी मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है.

कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली सुरक्षित कर ली थी और फैसला सुनाने की पहले एक मार्च, फिर 13 मार्च की तिथि नियत की थी. हालांकि 13 मार्च को भी आदेश नहीं आ सका था. उस दिन अदालत ने आदेश के लिए 20 मार्च की तिथि तय की थी.

दरअसल, वादी पक्ष की सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास की तरफ से सात अलग-अलग मुकदमों को एक ही कोर्ट में सुनने के लिए 4 महिलाओं के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है. इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विश्व वैदिक सनातन संघ समेत कई अन्य लोग विरोध में हैं और इस प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए अलग-अलग सुनवाई का ही समर्थन कर रहे हैं. इसे लेकर लगातार कोर्ट में उनकी तरफ से दलीलें भी पेश की गई हैं.

ये हैं सात मुकदमें

1-वाद नंबर:- 839/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी लार्ड श्री आदि विशेश्वर, शीतला मंदिर महंत श्री शिवप्रसाद पाण्डेय आदि.

2-वाद नंबर:- 840/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी श्री नंदी महाराज व श्री सितेन्द चौधरी आदि.

3-वाद नंबर:- 350/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां श्रृंगार गौरी, रंजना अग्निहोत्री आदि.

4- वाद नंबर:- 245/2021, माननीय न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी सत्यम त्रिपाठी आदि.

5-वाद नंबर:- 358/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां गंगा व सुरेश चौव्हांण आदि.

6-वाद नंबर:- 761/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी वादिनी साध्वी पूर्णम्बा व देवी शरदम्बा.

7- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुकदमा 2022 में सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी कोर्ट में है, जिसमें कथित ज्ञानवापी मस्जिद में कमिशन के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग प्रकट हुए था, जिसके निरंतर पूजा का अधिकार मांगा गया था.

ये भी पढ़ेंः Umesh Pal murder case: शूटर गुलाम के मां और भाई बोले- घर ढहाने की कार्रवाई सही, एनकाउंटर किया तो लाश नहीं लेंगे

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई जारी है और सबसे महत्वपूर्ण प्रकरण सात अलग-अलग मुकदमों को एक ही जगह सुनने को लेकर जिला जज न्यायालय में भी विचाराधीन है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश को आज अपना फैसला सुनाना था कि 7 अलग-अलग मामलों की सुनवाई एक कोर्ट में होगी या नहीं लेकिन किन्ही कारणों से आज इस पर फैसला आ नहीं सका. अब कोर्ट ने 22 मार्च की तिथि निर्धारित की है. माना जा रहा है कि 22 मार्च को कोर्ट इस प्रकरण पर अपना आदेश जारी कर सकता है.


वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ होगी या नहीं, इस मामले में कोर्ट का आदेश 22 मार्च को आएगा. सोमवार को आदेश तैयार नहीं होने के कारण सुनवाई की अगली तिथि सुनिश्चित हुई. सभी मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है.

कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली सुरक्षित कर ली थी और फैसला सुनाने की पहले एक मार्च, फिर 13 मार्च की तिथि नियत की थी. हालांकि 13 मार्च को भी आदेश नहीं आ सका था. उस दिन अदालत ने आदेश के लिए 20 मार्च की तिथि तय की थी.

दरअसल, वादी पक्ष की सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास की तरफ से सात अलग-अलग मुकदमों को एक ही कोर्ट में सुनने के लिए 4 महिलाओं के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है. इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विश्व वैदिक सनातन संघ समेत कई अन्य लोग विरोध में हैं और इस प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए अलग-अलग सुनवाई का ही समर्थन कर रहे हैं. इसे लेकर लगातार कोर्ट में उनकी तरफ से दलीलें भी पेश की गई हैं.

ये हैं सात मुकदमें

1-वाद नंबर:- 839/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी लार्ड श्री आदि विशेश्वर, शीतला मंदिर महंत श्री शिवप्रसाद पाण्डेय आदि.

2-वाद नंबर:- 840/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी श्री नंदी महाराज व श्री सितेन्द चौधरी आदि.

3-वाद नंबर:- 350/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां श्रृंगार गौरी, रंजना अग्निहोत्री आदि.

4- वाद नंबर:- 245/2021, माननीय न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी सत्यम त्रिपाठी आदि.

5-वाद नंबर:- 358/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां गंगा व सुरेश चौव्हांण आदि.

6-वाद नंबर:- 761/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी वादिनी साध्वी पूर्णम्बा व देवी शरदम्बा.

7- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुकदमा 2022 में सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी कोर्ट में है, जिसमें कथित ज्ञानवापी मस्जिद में कमिशन के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग प्रकट हुए था, जिसके निरंतर पूजा का अधिकार मांगा गया था.

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