वाराणसी: रोहनिया थाना क्षेत्र के गंगापुर में 3 दिन पहले कोरोना वायरस के संदिग्ध के रूप में बीएचयू अस्पताल में भर्ती किए गए 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. रविवार की देर रात उसके शव का अंतिम संस्कार परिवार के 2 लोगों की मौजूदगी में हरिश्चंद्र घाट के इलेक्ट्रॉनिक क्रीमेशन सेंटर में संपन्न हुआ. सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस ने शव को घर ले जाने की जगह सीधे घाट पहुंचाया और घाट पर जाने वाले तमाम रास्तों को पहले ही बंद कर दिया था. इस मौके पर सिर्फ कुछ पुलिसकर्मी, डॉक्टर और परिवार के 2 सदस्य मौजूद रहे.
इलेक्ट्रॉनिक शवदाह मशीन में किया गया दाह संस्कार
इस दौरान डोम समाज के लोगों ने कोरोना से मौत होने की वजह से शव को आग के हवाले करने से मना कर दिया. इसके बाद पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक शवदाह मशीन में उसका दाह संस्कार संपन्न कराया.
मरने के बाद आई कोरोना रिपोर्ट
दरअसल 3 दिन पहले रोमानिया गंगापुर निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति की बीएचयू में अस्पताल के दौरान मृत्यु हो गई थी. मौत होने तक उसकी कोरोना जॉच की रिपोर्ट भी नहीं आई थी. रविवार 5 अप्रैल को जब उसकी जांच रिपोर्ट आई तब उसके पॉजिटिव होने की सूचना के बाद हड़कंप मच गया. इसके बाद तत्काल सेफ्टी मेजरमेंट को ध्यान में रखते हुए उसकी डेड बॉडी को परिवार के दो सदस्यों को सौंपा गया.
देर रात पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स की टीम एंबुलेंस से जब डेड बॉडी लेकर हरिश्चंद्र घाट पहुंची तो डेड बॉडी पूरी तरह से सेफ्टी किट में कवर थी. जिसे देखते ही वहां मौजूद डोम समाज के लोगों को इस पर शक हुआ. शक के आधार पर लोगों ने जब पता किया तो व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली. इसके बाद लोगों ने शव का दाह संस्कार अग्नि में नहीं करने की बात कहते हुए इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में उसके अंतिम संस्कार के लिए कहा. इसके बाद परिवार वालों की मौजूदगी में शव का दाह संस्कार इलेक्ट्रॉनिक्स शवदाह गृह में संपन्न कराया गया.