वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में संत समाज की तरफ से आज कथित शिवलिंग के जलाभिषेक को लेकर संत समुदाय के ऐलान के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को उनके मठ में ही रोके जाने के बाद वह अनशन पर बैठे हुए हैं और लगातार कानूनी स्तर पर पूजा के अधिकार की मांग करते हुए अपनी लड़ाई को आगे बढ़ने की बात भी कर रहे हैं. इन सबके बीच इस मामले में पुलिस अधिकारियों की तरफ से भी बयान जारी किया जा रहा है.
डीसीपी काशी जोन आर. एस. गौतम की तरफ से वीडियो बयान जारी करते हुए कहा गया है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और इस मामले में जो भी व्यक्ति कानून के खिलाफ जाएगा और कानून का उल्लंघन करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. चाहे वह कोई भी हो.
डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने अपने वीडियो बयान में कहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से एक बार अनुमति के लिए पत्र भेजा गया था, लेकिन उनको यह स्पष्ट कर दिया गया था कि न्यायालय में मामला होने की वजह से ज्ञानवापी परिसर में सील वाले स्थान पर जाने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने दूसरी बार प्रार्थना पत्र भेजा. जिस पर भी उन्हें जवाब देते हुए स्पष्ट किया गया कि पहली बार ही आपको चीजें स्पष्ट कर दी गई थी. इसलिए अब यह स्पष्ट है कि यदि किसी के द्वारा कानून का उल्लंघन करने का प्रयास किया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
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डीसीपी का कहना है कि अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अनशन पर बैठे हैं और अन्न जल त्याग चुके हैं. वह अपने मठ के अंदर कोई भी गतिविधि कर सकते हैं. मठ के बाहर किसी तरह की गतिविधि मान्य नहीं होगी. यदि उनके द्वारा कोई लिखित शिकायत या लिखित प्रार्थना पत्र मिलता है तो उस पर विचार किया जाएगा.
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