वाराणसी: कैंट थाना क्षेत्र के नदेसर में करीब 21 साल पूर्व हुए गोली कांड में वादी मुकदमा पूर्व सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में हाजिर हुए. इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह से एक आरोपी संदीप सिंह उर्फ पप्पू के अधिवक्ता स्वामी नाथ यादव व अनुज यादव ने जिरह की. जिरह की कार्यवाही पूरी होने पर अदालत ने इस मामले में सफाई साक्षियों की लिस्ट देने के लिए 20 अक्टूबर की तिथि नियत कर दी है.
बता दें कि चार अक्टूबर 2002 की शाम छह बजे धनंजय सिंह वाराणसी से जौनपुर जा रहे थे. जैसे ही नदेसर स्थित टकसाल सिनेमाघर के पास पहुंचे तभी उनके ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी. इस हमले में धनंजय सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह, संतोष सिंह, अंगरक्षक बासुदेव पांडेय व ड्राइवर दिनेश गुप्ता घायल हो गए थे. वहीं, धनंजय सिंह ने इस मामले में अभय सिंह समेत चार-पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाना में मुकदमा दर्ज कराया था.
वहीं, एक अन्य मामले की सुनवाई में विशेष न्यायाधीश पाक्सो अनुतोष कुमार शर्मा की अदालत ने 17 वर्षीय पीड़िता को बहला फुसलाकर काम देने के बहाने अनैतिक देह व्यापार के जैतपुरा थाने के एक मामले में इंदौर निवासी आरोपी महिला सपना और आरोपी प्रकाश विश्वकर्मा की जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी है. आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध एडिजिसी के साथ पीड़िता के अधिवक्ता अलख नरायण रॉय और अमन राज गुप्त ने किया.
गौरतलब है कि पीड़िता के घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर 12 फ़रवरी 2023 को कैंट स्टेशन आई वहां दो महिला और एक पुरुष उसको काम दिलाने की बात कहकर इंदौर लेते गए. जहां उसको नशा देने के साथ होटलों में भेजकर दुराचार करवाकर अनैतिक देह व्यापार कराते रहे. 15 दिन बाद किसी तरह पीड़िता ने अपने परिचित गोलू नामक युवक को फोन किया, तब उसने इन आरोपियों के चंगुल से छुड़ाकर पुलिस को पीड़िता को सौंप दिया.
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