वाराणसी : काशी में कोविड संक्रमण अपने पीक पर है. जिले में प्रतिदिन दो हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन और बेड एक बड़ी समस्या बनी हुई है. यदि अस्पताल में किसी तरह बेड मिल भी जा रहे हैं, तो ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है. वहीं, ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई न होने के कारण मरीज को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है. दो दिन पहले वाराणसी में ऑक्सीजन को लेकर के बड़ी किल्लत थी, जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन टैंकर मंगाए गए. अब जिला प्रशासन का दावा है कि जनपद में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं होगी. वर्तमान में जिले में ऑक्सीजन और सुविधाओं की क्या स्थिति है ? इसको लेकर की ईटीवी भारत की टीम ने अस्पतालों की वास्तविकता जानी.
हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले वाराणसी के कोविड अस्पताल पहुंची, जहां कोविड संक्रमण को लेकर के व्यवस्थाएं चरमराई दिखीं. वेंटिलेटर न मिल पाने पर रोज मौतों का सिलसिला जारी है. इसके साथ ही दवाओं, ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी चरम पर है. हालांकि, प्रशासन की इस पर पैनी नजर है और यही वजह है कि हर गैस प्लांट पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है, जहां एक-एक सिलेंडर का सत्यापन कराया जा रहा है. अस्पताल पहुंचने पर ईटीवी भारत की टीम ने मरीजों के तीमारदारों से बातचीत की, जहां उन्होंने अपनी व्यथा बताई.
तीमारदारों ने गिनाई समस्या
एक मरीज के परिजन का कहना था कि ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड की भयंकर किल्लत देखने को मिल रही है. इसकी वजह से परिजन काफी परेशान हैं. अस्पताल आने वालों में जिसका सोर्स और पहचान है, उसकी तो सहायता त्वरित हो जा रही है, लेकिन जिसका कोई नहीं वह दर-दर भटक रहा है. उन्होंने बताया कि हमारे मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है, वह उम्र दराज हैं. इलाज के लिए जब हम निजी अस्पताल में जा रहे हैं, तो हमसे मनमाना रकम वसूला जा रहा है. परिजनों ने बताया कि जब हम सरकारी अस्पताल में आ रहे हैं तो दुर्व्यवस्था की मार झेलनी पड़ रही है. मरीज की मूलभूत सुविधाओं के लिए हमें चिकित्सा अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. दावे तो तमाम हैं, लेकिन हम सब दुर्व्यवस्थाओं की मार झेल रहे हैं.
वाराणसी उद्यमी की नई पहल
वाराणसी की बेकाबू हालत पर नियंत्रण पाने के लिए जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग, प्रदेश के मंत्री वर्तमान भाजपा संगठन के लोग लगे हुए हैं, जिससे यहां पर कोई समस्या ना हो. इसके साथ-साथ निजी उद्योगपति भी वाराणसी में हुई ऑक्सीजन की समस्या को दूर करने के लिए अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके तहत जहां विधायक निधि से फंड जारी किया जा रहा है, तो वहीं शहर के उद्यमी आरके चौधरी ने धनराशि मुहैया कराकर पंडित दीनदयाल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में ऑक्सीजन को लेकर कोई दिक्कत ना हो.
10 दिन में स्थापित हो जाएगा ऑक्सीजन प्लांट
ईटीवी भारत से बातचीत में उद्योगपति आरके चौधरी ने बताया कि हमने देखा कि जिले में लगातार लोगों को ऑक्सीजन की समस्या हो रही है, जिसके बाद मुझे ख्याल आया कि वाराणसी में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाए. इसके लिए जिला प्रशासन से बातचीत की और उन्होंने हमारा सहयोग किया. उसके बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में ऑक्सीजन यूनिट स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है. आगामी 10 दिनों में अस्पताल में ऑक्सीजन उत्पादन शुरू हो जाएगा.
अब नहीं होगी ऑक्सीजन की किल्लत
इस बारे में डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि बीते दिनों में शहर में ऑक्सीजन को लेकर बड़ी किल्लत हुई है. मरीजों को उनके तीमारदारों को बेहद परेशान होना पड़ा है. लेकिन हमने उस समय भी कोशिश की थी कि किसी मरीज को कोई दिक्कत ना हो और वर्तमान में भी हमारी यही कोशिश जारी है. जिले में लगातार ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई थी जिसे देखते हुए हमने बाहर से ऑक्सीजन टैंकर मंगवाए हैं, जिससे कि जनपद में ऑक्सीजन की कमी ना हो. इसके साथ ही जनपद में कुछ नये प्लांट लगाए जा रहे हैं और कुछ पुराने प्लांट शुरू भी किये जा रहे हैं. डीएम ने बताया कि हमारे पास अभी भी सिलेंडरों को लेकर दिक्कत बनी हुई है. हालांकि, हमने 400 सिलेंडर बाहर से मंगवाए हैं, लेकिन अभी भी हमारे पास 3800 ही सिलेंडर हैं.
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में 99 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है. ऐसे में जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जिनकी स्थिति गंभीर है उन्हें ऑक्सीजन की अधिक जरूरत है, तो हम पहले वहां सप्लाई कर रहे हैं. उसके बाद आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है. उन्होंने कहा कि-
'मैं वादा करता हूं कि भविष्य में जनपद में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी. क्योंकि जनपद में 1000 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है, जिससे मरीजों को सभी सुविधाएं समय पर मिलेंगी.'