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Gyanvaapi Shringar Gauri case : एक स्थान पर सुनवाई की याचिका पर आदेश सुरक्षित, 1 मार्च को कोर्ट सुनाएगा फैसला - Swami Avimukteshwarananda Saraswati

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले से जुड़े सभी मुकदमों की एक स्थान पर सुनवाई की याचिका पर वाराणसी जिला न्यायालय ने आदेश सुरक्षित कर लिया है. मामले पर कोर्ट 1 मार्च को अपना फैसाल सुनाएगा.

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ज्ञानवापी श्रृंगार केस
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Published : Feb 22, 2023, 8:32 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार प्रकरण को लेकर कई मामलों की सुनवाई अलग-अलग न्यायालय में चल रही है. इस संदर्भ में बुधवार को वाराणसी जिला जज न्यायालय में वादी पक्ष की 4 महिलाओं की तरफ से सभी प्रार्थना पत्र को एक स्थान पर सुनने और उस पर कार्यवाही की मांग को लेकर दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी कर ली गई है. न्यायालय 1 मार्च को इस पर अपना डिसीजन ले सकता है.

दरअसल वादी पक्ष की सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और एक अन्य वादी महिला की तरफ से अलग-अलग न्यायालय में चल रहे सात मामलों को एक स्थान पर ही सुनने को लेकर एक याचिका पिछले दिनों जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दाखिल की गई थी. इस पर सुनवाई जारी है. इसे लेकर सुनवाई कल होनी थी, लेकिन कल जिला जज के अनुपस्थित होने की वजह से आज इस पर सुनवाई हुई. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत विश्व वैदिक सनातन संघ और अन्य कई लोगों ने इस मामले पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. सभी मुकदमों को एक जगह सुनने के प्रार्थना पत्र को सभी मुकदमों के खारिज किए जाने के उद्देश्य से दाखिल किया जाना बताया गया है.

इस मामले में इस प्रार्थना पत्र का विरोध करने वाले विश्व वैदिक सनातन संघ के वकील शिवम गौड़ का कहना है कि यह सिर्फ आदि विशेश्वर की जमीन को हड़पने और सारे मुकदमों को निरस्त करने को लेकर एक षड्यंत्र है, जिसे पूरा नहीं होने दिया जाएगा. इस पर हमने अपनी बातों को बड़े ही मजबूत तरीके से रखा है. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित कर लिया है और 1 मार्च को इसे लेकर न्यायालय अपना आदेश सुना सकता है.

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार प्रकरण को लेकर कई मामलों की सुनवाई अलग-अलग न्यायालय में चल रही है. इस संदर्भ में बुधवार को वाराणसी जिला जज न्यायालय में वादी पक्ष की 4 महिलाओं की तरफ से सभी प्रार्थना पत्र को एक स्थान पर सुनने और उस पर कार्यवाही की मांग को लेकर दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी कर ली गई है. न्यायालय 1 मार्च को इस पर अपना डिसीजन ले सकता है.

दरअसल वादी पक्ष की सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और एक अन्य वादी महिला की तरफ से अलग-अलग न्यायालय में चल रहे सात मामलों को एक स्थान पर ही सुनने को लेकर एक याचिका पिछले दिनों जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दाखिल की गई थी. इस पर सुनवाई जारी है. इसे लेकर सुनवाई कल होनी थी, लेकिन कल जिला जज के अनुपस्थित होने की वजह से आज इस पर सुनवाई हुई. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत विश्व वैदिक सनातन संघ और अन्य कई लोगों ने इस मामले पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. सभी मुकदमों को एक जगह सुनने के प्रार्थना पत्र को सभी मुकदमों के खारिज किए जाने के उद्देश्य से दाखिल किया जाना बताया गया है.

इस मामले में इस प्रार्थना पत्र का विरोध करने वाले विश्व वैदिक सनातन संघ के वकील शिवम गौड़ का कहना है कि यह सिर्फ आदि विशेश्वर की जमीन को हड़पने और सारे मुकदमों को निरस्त करने को लेकर एक षड्यंत्र है, जिसे पूरा नहीं होने दिया जाएगा. इस पर हमने अपनी बातों को बड़े ही मजबूत तरीके से रखा है. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित कर लिया है और 1 मार्च को इसे लेकर न्यायालय अपना आदेश सुना सकता है.

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