वाराणसी: बजट व सुविधाओं के अभाव में देश का सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय दुर्दशा की कगार पर है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार का साथ मिला है. यहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पहल की गई है. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने नई शुरुआत की है. जिसके तहत प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. सरकार की ओर से मांगे गए प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्य योजना की संस्तुति भेज दी गई है.
ढाई सौ करोड़ से बदलेगी संस्कृत विश्वविद्यालय की रूपरेखा
संस्कृत विश्वविद्यालय की दशा सुधारने के लिए खांका तैयार कर लिया गया है. इसके लिए एक बड़ा बजट प्रस्तावित किया गया है. संसकृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी बताते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से देश के पुराने विश्वविद्यालय के भविष्य की योजनाओं का प्रस्ताव मांगा गया था. जिसके तहत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भी चयनित किया गया है. अब सरकार के साथ से यहां नई सुविधाओं का विकास किया जाएगा. प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि ढाई सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार करके केंद्र सरकार को भेजा गया है. जिसमें लाइब्रेरी के लिए 43 करोड़ रुपये खेल मैदान को संवारने के लिए 27 करोड़ का प्रस्ताव है.
विश्वविद्यालय में श्रृजित होगीं नई सुविधाएं
ढाई सौ करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में विश्वविद्यालय को तमाम नई सुविधाओं की सौगात मिलेगी. इसके साथ ही सरस्वती भवन पुस्तकालय के जीर्णोद्धार के संग वहां की पांडुलिपियों को संरक्षित किया जाएगा. नई सुविधाओं में विश्वविद्यालय में स्टेडियम ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, B.Ed कॉलेज और हॉस्टल का निर्माण कराया जाएगा.
उद्योग वर्ग से ली जा रही थी मदद
बीते दिनों जब कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल काशी आईं थीं, तो उन्होंने सर्किट हाउस में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी से मुलाकात की थी. उस दौरान हुई बैठक में कुलाधिपति ने देश के सभी उद्योगपतियों का आवाहन किया था और कहा था कि जो भी सक्षम लोग हैं वह लोग संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विकास में अपना योगदान दें. जिसके बाद कई नामचीन हस्तियों ने विद्यालय के अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी उठाई. परंतु अब केंद्र सरकार के साथ से यह विश्वविद्यालय प्राचीनता के साथ आधुनिकता को समेटकर आगे बढ़ेगा.
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