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सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का पार्षदों ने किया निरीक्षण, गंदे पानी को लेकर उठाए सवाल - sarnath water treatment plant in varanasi

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कई पार्षदों ने सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने इस प्लांट से हो रही पेयजल आपूर्ति पर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि जब पानी फिल्टर करके लाया जाता है तो लोगों के घरों में गंदा पानी क्यों आ रहा है.

सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण.
सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण.
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Published : Sep 30, 2020, 4:23 PM IST

वाराणसी: नगर निगम के पार्षद अशोक मौर्य, दिनेश यादव, बृजेश चंद्र श्रीवास्तव, सुनील सोनकर, लकी वर्मा और सुरेंद्र राजभर की उपस्थिति वाले प्रतिनिधिमंडल ने सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का मंगलवार को निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वहां से वरुणा पार के विभिन्न ओवरहेड टैंकों में पानी की आपूर्ति किए जाने की बारीकी से जानकारी ली.

निरीक्षण के बाद पार्षदों ने बताया कि चंद्रावती से गंगा का पानी पंपिंग के द्वारा सारनाथ प्लांट में लाया जाता है. फिर वहां लगभग 10 जगह फिल्टर होने के बाद पानी विभिन्न टंकियों में सप्लाई किया जाता है. इसी पानी की आपूर्ति वरुणा पार के समूचे क्षेत्र में की जाती है. खुले आकाश के नीचे बनाए गए ओवरहेड टैंक में पानी इकट्ठा किया जाता है, जिसमें पक्षियों के मल भी गिरते रहते हैं.

पार्षदों ने वहां उपस्थित जल निगम की कार्यदायी संस्था मेघा कंपनी के प्लांट इंचार्ज इंजीनियर रमाकांत से जानकारी ली कि जब यहां फिल्टर होने के बाद पानी की एकदम स्वच्छ आपूर्ति हो रही है तो फिर लोगों के नलों में पानी गंदा क्यों आ रहा है, जिसका उत्तर वह नहीं दे सके.

वहीं प्रतिनिधिमंडल ने जल निगम एवं जलकल द्वारा पहले से बिछाई गई पाइप लाइनों में हो रही लीकेज को इसका सबसे बड़ा कारण मानते हुए कार्यवृत्त बनाकर जीर्ण-शीर्ण हो चुके पाइप लाइनों को बदल कर नया करने की मांग की है. पार्षदों ने बताया कि जब तक टूटे-फूटे पाइप लाइनों को बदल कर नया नहीं किया जाएगा तब तक वरुणा पार के जनमानस को स्वच्छ पानी की आपूर्ति करना संभव नहीं है.

वाराणसी: नगर निगम के पार्षद अशोक मौर्य, दिनेश यादव, बृजेश चंद्र श्रीवास्तव, सुनील सोनकर, लकी वर्मा और सुरेंद्र राजभर की उपस्थिति वाले प्रतिनिधिमंडल ने सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का मंगलवार को निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वहां से वरुणा पार के विभिन्न ओवरहेड टैंकों में पानी की आपूर्ति किए जाने की बारीकी से जानकारी ली.

निरीक्षण के बाद पार्षदों ने बताया कि चंद्रावती से गंगा का पानी पंपिंग के द्वारा सारनाथ प्लांट में लाया जाता है. फिर वहां लगभग 10 जगह फिल्टर होने के बाद पानी विभिन्न टंकियों में सप्लाई किया जाता है. इसी पानी की आपूर्ति वरुणा पार के समूचे क्षेत्र में की जाती है. खुले आकाश के नीचे बनाए गए ओवरहेड टैंक में पानी इकट्ठा किया जाता है, जिसमें पक्षियों के मल भी गिरते रहते हैं.

पार्षदों ने वहां उपस्थित जल निगम की कार्यदायी संस्था मेघा कंपनी के प्लांट इंचार्ज इंजीनियर रमाकांत से जानकारी ली कि जब यहां फिल्टर होने के बाद पानी की एकदम स्वच्छ आपूर्ति हो रही है तो फिर लोगों के नलों में पानी गंदा क्यों आ रहा है, जिसका उत्तर वह नहीं दे सके.

वहीं प्रतिनिधिमंडल ने जल निगम एवं जलकल द्वारा पहले से बिछाई गई पाइप लाइनों में हो रही लीकेज को इसका सबसे बड़ा कारण मानते हुए कार्यवृत्त बनाकर जीर्ण-शीर्ण हो चुके पाइप लाइनों को बदल कर नया करने की मांग की है. पार्षदों ने बताया कि जब तक टूटे-फूटे पाइप लाइनों को बदल कर नया नहीं किया जाएगा तब तक वरुणा पार के जनमानस को स्वच्छ पानी की आपूर्ति करना संभव नहीं है.

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