वाराणसी: मोहब्बत सच्ची हो तो भगवान भी दो प्यार करने वाले को ज्यादा देर तक अलग नहीं रख सकते हैं. वाराणसी के सिंधौरा के बसंतपुर में एक दंपति की मौत इलाके में चर्चा का विषय बन गई है. लोग अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि डॉक्टर राम बाबू और उनकी धर्म पत्नी शारदा देवी अब इस दुनिया में नहीं हैं. दोनों ने एक ही दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया और साथ जीने-मरने के वादे को मरते दम तक भी निभाया.
यह है पूरा मामला
वाराणसी के सिंधौरा के बसंतपुर निवासी बुजुर्ग दंपति की मौत इलाके में चर्चा में है. ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि पति और पत्नी को एक साथ चिता पर लिटाया गया हो. बसंतपुर के निवासी इस घटना को ताउम्र नहीं भूल पाएंगे. क्योंकि इस गांव के लोगों ने डॉक्टर बाबू राम शर्मा (85) औरा शारदा देवी (76) वर्ष को एक साथ चिता में जलते देखा.
पुत्र पप्पू शर्मा ने बताया कि पिता डॉक्टर बाबू राम शर्मा (85) एवं माता शारदा देवी (76) वर्ष 1965 में परिणय सूत्र में बंधे थे. पिता डॉ बाबू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने कहा कि वे दो भाई और एक बहन हैं. दूसरा भाई राकेश शर्मा सीआरपीएफ में तैनात है.
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उन्होंने घटना के बारे में बताया कि एक दिन पहले शुक्रवार की रात माँ शारदा देवी की अचानक स्वास्थ्य खराब होने से मौत हो गई थी, पिता बाबू राम शर्मा इस गम को बर्दाश्त नहीं कर पाए और एक घंटे बाद ही हार्ट अटैक से उन्होंने भी दमतोड़ दिया. रामनगर स्थित श्मशान घाट पर शनिवार की शाम दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया. बुजुर्ग दंपति की एक ही दिन मौत इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.