ETV Bharat / state

शादियों के मौसम में कोरोना ने लगाया कमाई पर ग्रहण

author img

By

Published : Apr 25, 2021, 5:57 PM IST

कोरोना के प्रकोप के कारण जिले में शादियां टल रही हैं. अगर कहीं शादी हो भी रही है तो कोरोना गाइडलाइंस के कारण समारोह सादा ही रह रहा है. ऐसे हालात में सबसे अधिक प्रभावित ऐसे लोग हुए, जो शादी समारोहों में रौनक लाते हैं. जैसे बैंडवाले, फूल वाले और टेंट लगाने वाले. कोरोना ने न सिर्फ इनका काम छीन लिया है, बल्कि रोटी भी छिन ली है.

शादियों पर कोरोना का कहर
शादियों पर कोरोना का कहर

वाराणसी: पिछले साल लॉकडाउन ने शादी समारोहों पर रोक लगा दी थी. जब हालात कुछ सामान्य हुए तो लोगों ने शादी की तैयारियां शुरू भी कर दीं. जनवरी-फरवरी में ही अप्रैल में होने वाले शादी समारोहों को लिए कैटरिंग और बैंड की बुकिंग शुरू हो गई थी. शुभ कार्यों से जुड़े कारोबारी भी इस उम्मीद में थे कि पिछले साल हुए नुकसान की रिकवरी अब हो जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. एक बार फिर कोरोना ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. नवरात्र के बाद 22 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू भी हुआ. मगर कोरोना का हाल देख सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल को फिर लागू कर दिया है. प्रशासन ने शादी या अन्य किसी समारोह में सिर्फ 50 लोगों के आने की अनुमति दी है.

स्पेशल रिपोर्ट.

इस साल था तगड़ा लगन

कोरोना के कारण शादी-विवाह के कार्यक्रम टाल दिए गए हैं. लोगों ने घरों के छोटे-छोटे कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं. जिस कारण टेंट हाउस के व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. दरअसल, 22 अप्रैल से शुरू हुए लगन के सीजन में इस बार जुलाई तक लगभग 70 से ज्यादा तारीखों पर शादियां होनी थी. जिनमें 22 अप्रैल, 24 अप्रैल, 26 अप्रैल, 30 अप्रैल, 2 मई, 5 मई, 8 मई और सबसे तेज मुहूर्त 14 मई को माना जा रहा था.

शादी से जुड़े कारोबारी परेशान.
शादी से जुड़े कारोबारी परेशान.

इसे भी पढ़ें : बदहाली की कगार पर टेंट हाउस संचालक, कोरोना काल में ठप हुआ व्यापार

लगन के तगड़े सीजन को देखते हुए दिसंबर माह से ही कैटरिंग समेत सजावट, बिजली और हलवाई की बुकिंग लोगों ने करवानी शुरू दी थी. कैटरिंग कारोबार से जुड़े अलग-अलग लोगों ने एडवांस लेकर सामान मंगवाने से लेकर लेबर को भी बुक कर दिया था, लेकिन अचानक से कोरोना दोबारा से कहर बरपाने लगा. इसके बाद सरकार ने नई गाइडलाइन के तहत शादी में 50 लोगों के आने की अनुमति दी. कोरोना संक्रमण के चलते कुछ शादियां कैंसिल हो गईं. इसका बड़ा असर शादी समारोह से जुड़े कारोबारियों पर पड़ा है.

शादी का बाजार पड़ा फीका.
शादी का बाजार पड़ा फीका.

80 परसेंट बुकिंग कैंसिल
कैटरिंग का कारोबार करने वाले शरद श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले सीजन में कोरोना के चलते हालत बिगड़ी थी, लेकिन इस साल उसकी भरपाई होने की उम्मीद थी. बुकिंग अच्छी खासी मिल गई थी, लेकिन अचानक सरकार ने मेहमानों के आने पर रोक लगा दी. अब हालत यह हैं कि लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा शादियां इस सीजन में कैंसिल हुई हैं. वहीं 20% भी महज 50 से 100 लोगों के अंदर ही सिमट रही हैं. जिसकी वजह से कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है.

कैटरर शरद का दावा है कि वाराणसी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है. विवाह के लिए जिन लोगों ने एडवांस बुकिंग करा रखी थी, अब वे उसे कैंसिल या आगे बढ़वा रहे हैं. ऐसे में शादी के जरिए होने वाली कमाई का रास्ता बंद हो गया है.

इसे भी पढ़ें : चंदौलीः शहनाई की गूंज पड़ी फीकी, वेडिंग इंडस्ट्री को करोड़ो का नुकसान

कारोबार से जुड़े सभी के सामने संकट
शादी समारोह के कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में हलवाई, होम डेकोरेटर और बिजली का काम करने वाले लोगों के सामने भी बड़ा संकट है. इनका कहना है कि इतने कम लोगों के आयोजन में लेबर के लिए क्या बचेगा और क्या खुद को मुनाफा होगा. इस स्थिति में कारोबारियों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है. शादियों के मौसम में बैंड बाजा वालों से लेकर टेंट वाले तक व्यस्त रहते हैं. शादियों के मौसम में वह साल भर के लिए कमाई कर लेते हैं, कोरोना वायरस ने उनकी जेब खाली कर दी है.

वाराणसी: पिछले साल लॉकडाउन ने शादी समारोहों पर रोक लगा दी थी. जब हालात कुछ सामान्य हुए तो लोगों ने शादी की तैयारियां शुरू भी कर दीं. जनवरी-फरवरी में ही अप्रैल में होने वाले शादी समारोहों को लिए कैटरिंग और बैंड की बुकिंग शुरू हो गई थी. शुभ कार्यों से जुड़े कारोबारी भी इस उम्मीद में थे कि पिछले साल हुए नुकसान की रिकवरी अब हो जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. एक बार फिर कोरोना ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. नवरात्र के बाद 22 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू भी हुआ. मगर कोरोना का हाल देख सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल को फिर लागू कर दिया है. प्रशासन ने शादी या अन्य किसी समारोह में सिर्फ 50 लोगों के आने की अनुमति दी है.

स्पेशल रिपोर्ट.

इस साल था तगड़ा लगन

कोरोना के कारण शादी-विवाह के कार्यक्रम टाल दिए गए हैं. लोगों ने घरों के छोटे-छोटे कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं. जिस कारण टेंट हाउस के व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. दरअसल, 22 अप्रैल से शुरू हुए लगन के सीजन में इस बार जुलाई तक लगभग 70 से ज्यादा तारीखों पर शादियां होनी थी. जिनमें 22 अप्रैल, 24 अप्रैल, 26 अप्रैल, 30 अप्रैल, 2 मई, 5 मई, 8 मई और सबसे तेज मुहूर्त 14 मई को माना जा रहा था.

शादी से जुड़े कारोबारी परेशान.
शादी से जुड़े कारोबारी परेशान.

इसे भी पढ़ें : बदहाली की कगार पर टेंट हाउस संचालक, कोरोना काल में ठप हुआ व्यापार

लगन के तगड़े सीजन को देखते हुए दिसंबर माह से ही कैटरिंग समेत सजावट, बिजली और हलवाई की बुकिंग लोगों ने करवानी शुरू दी थी. कैटरिंग कारोबार से जुड़े अलग-अलग लोगों ने एडवांस लेकर सामान मंगवाने से लेकर लेबर को भी बुक कर दिया था, लेकिन अचानक से कोरोना दोबारा से कहर बरपाने लगा. इसके बाद सरकार ने नई गाइडलाइन के तहत शादी में 50 लोगों के आने की अनुमति दी. कोरोना संक्रमण के चलते कुछ शादियां कैंसिल हो गईं. इसका बड़ा असर शादी समारोह से जुड़े कारोबारियों पर पड़ा है.

शादी का बाजार पड़ा फीका.
शादी का बाजार पड़ा फीका.

80 परसेंट बुकिंग कैंसिल
कैटरिंग का कारोबार करने वाले शरद श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले सीजन में कोरोना के चलते हालत बिगड़ी थी, लेकिन इस साल उसकी भरपाई होने की उम्मीद थी. बुकिंग अच्छी खासी मिल गई थी, लेकिन अचानक सरकार ने मेहमानों के आने पर रोक लगा दी. अब हालत यह हैं कि लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा शादियां इस सीजन में कैंसिल हुई हैं. वहीं 20% भी महज 50 से 100 लोगों के अंदर ही सिमट रही हैं. जिसकी वजह से कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है.

कैटरर शरद का दावा है कि वाराणसी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है. विवाह के लिए जिन लोगों ने एडवांस बुकिंग करा रखी थी, अब वे उसे कैंसिल या आगे बढ़वा रहे हैं. ऐसे में शादी के जरिए होने वाली कमाई का रास्ता बंद हो गया है.

इसे भी पढ़ें : चंदौलीः शहनाई की गूंज पड़ी फीकी, वेडिंग इंडस्ट्री को करोड़ो का नुकसान

कारोबार से जुड़े सभी के सामने संकट
शादी समारोह के कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में हलवाई, होम डेकोरेटर और बिजली का काम करने वाले लोगों के सामने भी बड़ा संकट है. इनका कहना है कि इतने कम लोगों के आयोजन में लेबर के लिए क्या बचेगा और क्या खुद को मुनाफा होगा. इस स्थिति में कारोबारियों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है. शादियों के मौसम में बैंड बाजा वालों से लेकर टेंट वाले तक व्यस्त रहते हैं. शादियों के मौसम में वह साल भर के लिए कमाई कर लेते हैं, कोरोना वायरस ने उनकी जेब खाली कर दी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.