लखनऊ: हवाई यात्राओं पर कोरोना (Coronavirus) का असर दिखने लगा है. कोरोना वायरस के डर (Corona Fear) से लोग इस समय हवाई यात्रा करने से बच रहे हैं. एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के मन में कोरोना को लेकर कितना डर बसा हुआ है. जहां यात्री इस कोरोना संकट के दौर में यात्रा करने से बच रहे हैं. वाराणसी में इन दिनों हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट देखने को आई है. हालात ये है कि तेजी से कैंसिल हो रहे टिकट का असर एयरलाइंस कंपनियों पर पड़ रहा है.
बरेली में 8 मार्च से दिल्ली के लिए हवाई यात्रा की शुरुआत हुई थी. कोरोना संकट के चलते विमानन कंपनियां, एयरपोर्ट प्रशासन और यात्री तीनों ही लोगों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है. विमानन कंपनिया न तो कोई ठोस कदम उठा रही हैं और न ही एयरपोर्ट प्रशासन इस बारे में कोई निर्णय ले रहा है. इससे यात्रियों के मन में दुविधा रहती है कि बुकिंग कराने के बाद कहीं फ्लाइट कैंसिल न हो जाए.
वाराणसीः लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट अपने आप में काफी अहम है. ये एयरपोर्ट पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में आता है. लगातार एयरपोर्ट की बढ़ रही सुविधाओं की वजह से ये हवाई अड्डा देश के सर्वोत्तम हवाई अड्डों में से एक है. लेकिन लगातार कम हो रही यात्रियों की संख्या निश्चित तौर पर भारी नुकसान की ओर इशारा कर रही हैं. हालात ये है कि यात्रियों की कम हो रही संख्या और तेजी से कैंसिल हो रहे यात्रा का गहरा असर एयरलाइंस कंपनियों पर पड़ रहा है. जिसकी वजह से वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पैसेंजर कम आ रहे हैं.
50 फीसदी से कम हुए पैसेंजर्स
महामारी के दौर से पहले बाबतपुर एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स की अच्छी-खासी संख्या रहती थी. बीते 2014-15 की अगर बात की जाए तो 10,20,118 पैसेंजर बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. जबकि 2015-16 में ये संख्या बढ़कर 13,83,982 पर पहुंच गई थी. 2016-17 में यह संख्या और भी ज्यादा बढ़ी और लगभग 19,16,454 पैसेंजर यहां आए. 2017-18 में जबरदस्त तरीके से यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ और 20,87,581 पैसेंजर बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. 2018- 19 बीच में यह संख्या बढ़कर 27,85,015 पर पहुंच गई. वही 2019-20 में सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए और 30,10,702 पैसेंजर 1 साल के अंदर में बनारस एयरपोर्ट पर पहुंचे. हालांकि 2020-21 में यह संख्या कम हो गई और केवल 14,66,718 पैसेंजर्स वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचे.
यात्री और विमानों की संख्या | डोमेस्टिक | इंटरनेशनल | टोटल |
यात्रियों की संख्या (जनवरी 2021) | 1,66,484 | 2614 | 1,69,038 |
विमानों की संख्या (जनवरी 2021) | 1,813 | 20 | 1,833 |
यात्रियों की संख्या (फरवरी 2021) | 1,59,837 | 2,231 | 1,62,068 |
विमानों की संख्या (फरवरी 2021) | 1,618 | 19 | 1,637 |
यात्रियों की संख्या (मार्च 2021) | 1,47,818 | 4,952 | 1,52,770 |
विमानों की संख्या (मार्च 2021) | 1,539 | 64 | 1,603 |
यात्रियों की संख्या (अप्रैल 2021) | 1,47,478 | 4,950 | 1,52,428 |
विमानों की संख्या (अप्रैल 2021) | 1,467 | 64 | 1,531 |
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उम्मीद है सुधर जाएंगे जल्द हालात
यानी कि बीते लगभग 2014 से अब तक में 2020-21 में यात्रियों की संख्या में बड़ी कमी दर्ज की गई है, जो बीते सालों की तुलना में 50 फीसदी से भी कम है. हवाई यात्रियों की कमी की असल वजह यह संक्रमण है. इंटरनेशनल उड़ानों के बंद होने की वजह से काफी ज्यादा लोग अपने घरों में ही रहना बेहतर समझ रहे हैं. वाराणसी यूपी में काफी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है. बाबा विश्वनाथ, माता गंगा के तट पर मौज मस्ती करने विदेशी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. होली दिवाली और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बड़ी संख्या में लोगों का बनारस आना होता है. लेकिन 2020 में होली, दिवाली, देव दीपावली जैसे महापर्व पर भी बनारस में यात्रियों की कमी थी. जिसका बड़ा असर बाबतपुर एयरपोर्ट पर भी देखने को मिला है. इस बारे में एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से कई बड़ी एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी उड़ानों को रद्द किया है. जिसकी वजह से पहले से प्लान करके यात्रा करने वाले यात्री भी बनारस एयरपोर्ट पर नहीं आ सकते हैं. यह संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. हालांकि अब उम्मीद है कि चीजें सुधरेगी और बनारस में स्थिति बेहतर हो जाएगी, क्योंकि संक्रमण की दर भारत में भी तेजी से कम हुई है और कई अन्य देशों में भी अब संक्रमण काबू में आ चुका है. इसलिए बनारस एयरपोर्ट फिर से गुलजार होगा यह पूरी उम्मीद है.
बरेली एयरपोर्ट पर भी पड़ा उड़ानों पर असर
बरेली में 8 मार्च से दिल्ली के लिए हवाई यात्रा की शुरुआत हुई थी. लंबे समय से लोग एयरपोर्ट से उड़ान भरने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में कुछ ही महीनों में यहां हवाई यात्रा पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा है. पिछले करीब एक महीने से भी अधिक समय से तो एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ, जिस दिन फ्लाईट फुल रही हो. वर्तमान में लगे लॉक डाउन और RT-PCR की रिपोर्ट में हुई देरी भी एक अहम वजह मानी जा रही है. बरेली एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मई में हवाई यात्रा करने वाले यात्री दोनों तरफ से ही घट गए. मई के मध्य में 16 मई को तो सिर्फ 15 यात्री लेकर ही फ्लाइट दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. जबकि दिल्ली से भी 22 यात्री बरेली आने वाले मिले. 24 मई को 24 यात्री बरेली से गये. वहीं 16 यात्री दिल्ली से बरेली पहुंचे. 45 से 50 फीसदी तक घटे यात्री तो कभी इस आकंड़े से भी नीचे यात्रियों की संख्या पहुंच गई. एयरपोर्ट अथॉरिटी से ही जुड़े अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि अप्रैल माह में सिर्फ 825 यात्रियों ने दिल्ली के लिए हवाई यात्रा की. जबकि 624 यात्री दिल्ली से हवाई जहाज से बरेली को आए. इस बारे में बरेली के सीएमओ सुधीर कुमार गर्ग कहते हैं कि दूसरी लहर में कोविड टेस्ट की RT-PCR रिपोर्ट आने में समय इसलिये लगा क्योंकि टेस्ट बहुत अधिक हो रहे थे. हजारों लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग थी.
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कोविड-19 से बैकों पर भी पड़ा असर
कोविड-19 की वजह से बैकों पर भी काफी असर पड़ा. सबकुछ बंद होने की वजह से लोग अपने लोन की ईएमआई तक नहीं दे पाए. हालांकि देशभर में तेजी से कम हो रहे कोरोना के असर के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्फ्यू में ढील दी है. जिसकी वजह से सोमवार को लखनऊ में राज्यस्तरीय बैंकर समिति ने मंगलवार 01 जून 2021 से बैंकों में सामान्य कामकाज शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद अब बैंकिंग का समय सुबह 10 बजे से 2 बजे के स्थान पर सुबह 10 से शाम 4 बजे तक कर दिया गया है. अब सीमित लेनदेन के स्थान पर बैंकों में सभी कार्य सामान्य तरीके से होंगे. लेकिन बैंक अभी भी न्यूनतम 50 प्रतिशत स्टॉफ क्षमता से कामकाज करेंगे. इस संबंध में जानकारी देते हुए भारतीय स्टेट बैंक प्रशासनिक कार्यालय गोरखपुर के डीजीएम श्री पी सी बरोड़ ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक सदैव अपने ग्राहकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और हमने कठिन संक्रमण काल में भी अपनी शाखाओं में सीमित स्टॉफ के बावजूद भी ग्राहकों को हर संभव बैंकिंग सेवाएं प्रदान की. 01 जून से हम और अधिक तत्परता से सभी सामान्य बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगे.