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बनारसी साड़ी उद्योग पर कोरोना वायरस का अटैक, 200 करोड़ रुपये का नुकसान - कोरोना वायरस से बनारसी साड़ी उघोगपतियों को हो रहा हानि

कोरोना वायरस का कहर मानो पूरे दुनिया को हिलाकर रख दिया हो. वहीं देश-दुनिया में मशहूर बनारसी साड़ी उद्योग कोरोना के हमले से संकट में है. इस कोरोना वायरस के वजह से बुनकरों को 200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

कोरोना वायरस से उघोगपतियों को हो रहा हानि
कोरोना वायरस से उघोगपतियों को हो रहा हानि
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Published : Feb 6, 2020, 12:51 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 1:46 PM IST

वाराणसी: बनारसी साड़ी पूरी दुनिया में अपने शानदार लुक और बनावट की वजह से एक अलग पहचान बना चुकी है. वहीं इन दिनों इस साड़ी उद्योग पर कोरोना वायरस का असर भी साफ दिखाई दे रहा है. यह वायरस चीन से फैला है, लेकिन चीन में फैले इस वायरस ने बनारसी साड़ी उद्योग को अच्छा खासा प्रभावित कर दिया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 10 फरवरी तक चीन से आने वाले रेशम और कच्चे धागे के आयात पर सरकार की तरफ से रोक लगा दी गई है. आयात पर रोक लगने से बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े बुनकर साड़ियां तैयार करने की स्थिति में ही नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता.


रेशम के धागे के आयात पर लगी रोक
इन दिनों शादी-विवाह का मौसम चल रहा है और बनारसी साड़ियों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारी इस सीजन के दौरान अच्छी खासी कमाई का अंदाजा लगाए बैठे थे. वहीं चीन से आए कोरोना वायरस ने बनारसी साड़ी कारोबार को झटका दे दिया है.

बुनकरों का कहना है कि सरकार की तरफ से 10 फरवरी तक 1500 टन रेशम के धागे के आयात पर रोक लगा दी गई है. इसकी वजह से बुनकरों के पास साड़ी तैयार करने के लिए मेटेरियल ही नहीं है, जिसका सीधा असर पावर लूम और हथकरघा पर पड़ रहा है. अब हालात ये हैं कि 40 हजार से ज्यादा बुनकर परिवार आने वाले समय में बेरोजगार हो सकते हैं.

कोरोना वायरस से परेशान हुए बुनकर
बनारसी साड़ी कारोबारियों का कहना है शादी का लगन होने के वजह से उनके पास आर्डर आ रहे हैं. इस आर्डर को पूरा करने के लिए बुनकर तैयार नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनके पास मेटेरियल ही नहीं है. बुनकरों का कहना है कि रोलेक्स सीट और कच्चा धागा लंबे वक्त से चाइना से ही आयात कर मंगाया जाता रहा है. इसका इस्तेमाल बनारसी साड़ी उद्योग में सबसे ज्यादा किया जाता है, लेकिन आयात पर लगी रोक के बाद यह प्रोडक्ट वहां से आना बंद हो चुका है.

कोरोना वायरस से हुआ 200 करोड़ रुपये की हानि

कारोबारियों का कहना है कि अब तक 1000 करोड़ रुपये के इस साड़ी कारोबार में लगभग 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की हानि उठानी पड़ी है. इस कोरोना वायरस की वजह से आगे कितनी हानि हो सकती है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

इसे भी पढ़ें:- बीएचयू के महिला महाविद्यालय में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन

वाराणसी: बनारसी साड़ी पूरी दुनिया में अपने शानदार लुक और बनावट की वजह से एक अलग पहचान बना चुकी है. वहीं इन दिनों इस साड़ी उद्योग पर कोरोना वायरस का असर भी साफ दिखाई दे रहा है. यह वायरस चीन से फैला है, लेकिन चीन में फैले इस वायरस ने बनारसी साड़ी उद्योग को अच्छा खासा प्रभावित कर दिया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 10 फरवरी तक चीन से आने वाले रेशम और कच्चे धागे के आयात पर सरकार की तरफ से रोक लगा दी गई है. आयात पर रोक लगने से बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े बुनकर साड़ियां तैयार करने की स्थिति में ही नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता.


रेशम के धागे के आयात पर लगी रोक
इन दिनों शादी-विवाह का मौसम चल रहा है और बनारसी साड़ियों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारी इस सीजन के दौरान अच्छी खासी कमाई का अंदाजा लगाए बैठे थे. वहीं चीन से आए कोरोना वायरस ने बनारसी साड़ी कारोबार को झटका दे दिया है.

बुनकरों का कहना है कि सरकार की तरफ से 10 फरवरी तक 1500 टन रेशम के धागे के आयात पर रोक लगा दी गई है. इसकी वजह से बुनकरों के पास साड़ी तैयार करने के लिए मेटेरियल ही नहीं है, जिसका सीधा असर पावर लूम और हथकरघा पर पड़ रहा है. अब हालात ये हैं कि 40 हजार से ज्यादा बुनकर परिवार आने वाले समय में बेरोजगार हो सकते हैं.

कोरोना वायरस से परेशान हुए बुनकर
बनारसी साड़ी कारोबारियों का कहना है शादी का लगन होने के वजह से उनके पास आर्डर आ रहे हैं. इस आर्डर को पूरा करने के लिए बुनकर तैयार नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनके पास मेटेरियल ही नहीं है. बुनकरों का कहना है कि रोलेक्स सीट और कच्चा धागा लंबे वक्त से चाइना से ही आयात कर मंगाया जाता रहा है. इसका इस्तेमाल बनारसी साड़ी उद्योग में सबसे ज्यादा किया जाता है, लेकिन आयात पर लगी रोक के बाद यह प्रोडक्ट वहां से आना बंद हो चुका है.

कोरोना वायरस से हुआ 200 करोड़ रुपये की हानि

कारोबारियों का कहना है कि अब तक 1000 करोड़ रुपये के इस साड़ी कारोबार में लगभग 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की हानि उठानी पड़ी है. इस कोरोना वायरस की वजह से आगे कितनी हानि हो सकती है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

इसे भी पढ़ें:- बीएचयू के महिला महाविद्यालय में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन

Intro:स्पेशल स्टोरी:

वाराणसी: पूरी दुनिया में अपने शानदार लुक और बनावट की वजह से एक अलग पहचान बना चुकी बनारसी साड़ी पर इन दिनों कोरोनावायरस का साफ असर दिख रहा है. आप सोच रहे होंगे की यह वायरस को चीन में फैला है, लेकिन चीन में फैले इस वायरस ने बनारसी साड़ी उद्योग को अच्छा खासा प्रभावित कर दिया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 10 फरवरी तक चीन से आने वाले रेशम और कच्चे धागे के आयात पर सरकार की तरफ से लगाई गई रोक के बाद बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े बुनकर साड़ियां तैयार करने की स्थिति में ही नहीं है, क्योंकि रेशम की कमी और मौजूद रेशम कारोबारियों के पास इसकी बढ़ा दी गई कीमत इस उद्योग को प्रभावित करने लगी है.


Body:वीओ-01 दरअसल आने वाले दिनों में होली और इन दिनों शादी ब्याह का मौसम चल रहा है जिसकी वजह से बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारी इस सीजन के दौरान अच्छी खासी कमाई का अंदाजा लगाए बैठे थे, लेकिन वे समय आए चीन के कोरोना वायरस ने बनारसी साड़ी कारोबार को झटका दे दिया है. बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े बुनकरों का कहना है कि सरकार की तरफ से 10 फरवरी तक 1500 टन रेशम के धागे के आयात पर रोक लगा दी गई है. जिसकी वजह से बुनकरों के पास साड़ी तैयार करने के लिए मेटेरियल ही नहीं है. जिसका सीधा असर पावर लूम और हथकरघा पर पड़ रहा है और हालात ये हैं कि 40,000 से ज्यादा बुनकर परिवार आने वाले समय में बेरोजगार हो सकते हैं.


Conclusion:वीओ-02 वही बनारसी साड़ी कारोबारियों का कहना है की उनके पास आर्डर है क्योंकि त्यौहार और लगन का समय है, लेकिन इस आर्डर को पूरा करने के लिए बुनकर तैयार नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनके पास मेटेरियल है ही नहीं बुनकरों का कहना है कि चाइना से लंबे वक्त से जरी तैयार करने वाली रोलेक्स सीट और कच्चा धागा लंबे वक्त से चाइना से ही आयात कर मंगाया जाता रहा है. जिसका इस्तेमाल बनारसी साड़ी उद्योग में सबसे ज्यादा किया जाता है लेकिन आयात पर लगी रोक के बाद यह प्रोडक्ट वहां से आना बंद हो चुका है जिसका सीधा असर बनारसी साड़ी उद्योग पर अब देखने को मिल रहा है. साड़ी कारोबारियों की मानें तो अब तक 1000 करोड़ रुपए के इस साड़ी कारोबार में लगभग 200 करोड रुपए से ज्यादा की हानि उठानी पड़ी है और कितनी होगी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कोरोना का असर अभी बना हुआ है और चाइना से आने वाले इन प्रोडक्ट के आयात पर रोक फिलहाल जारी रह सकती है.

बाईट- अरशद मेराज, बुनकर
बाईट- हारिश अमान, साड़ी कारोबारी

गोपाल मिश्र

9839809074
Last Updated : Feb 6, 2020, 1:46 PM IST
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