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बनारसी साड़ियों पर कोरोना का काला साया, 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

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Published : Apr 26, 2021, 7:18 PM IST

बनारस की शान माने जाने वाले साड़ी उद्योग को कोरोना संकट के कारण काफी नुकसान हुआ है. देश-विदेश से ऑर्डर मिलना बंद होने के बाद उत्‍पादन में कई फीसदी तक गिरावट आई है. ऐसे में साड़ी उद्योग से जुड़े बुनकरों और कारोबारियों पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है. पढ़िये, ये खास रिपोर्ट...

बुनकर से लेकर कारोबारी परेशान.
बुनकर से लेकर कारोबारी परेशान.

वाराणसी: कोरोना संकट के दौर में लोगों का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. लगभग हर सेक्टर में मंदी की स्थिति है. कोरोना के चलते ठप पड़ी औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियों का बनारस के बुनकरों पर भी बड़ा असर पड़ा है. साल 2020 में कोरोना संकट की शुरुआत होने के बाद लोगों का कारोबार ठप हो गया था, जिसके इस साल पटरी पर लौटने की उम्मीद थी. लेकिन, साल 2021 में हालात पहले से अधिक बेकाबू दिख रहे हैं. अप्रैल के महीने में शुरू हुए लगन और शादी-विवाह के सीजन से साड़ी कारोबारियों को बहुत ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन अब यह उम्मीद दोबारा टूटती जा रही है.

स्पेशल रिपोर्ट.

दिसंबर में ऑर्डर और फरवरी में सप्लाई की तैयारी
बनारस की साड़ियां देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध हैं. देश के हर कोने में इन साड़ियों की सप्लाई की जाती है. इनमें सबसे ज्यादा डिमांड पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के राज्यों से आती है. साल 2020 के अंत में कोरोना के मामले जब कम हुए तो 2021 के लगन सीजन में बाहरी राज्यों से साड़ियों के लिए ऑर्डर आना शुरू हो गए. ऑर्डर आने के बाद बुनकर जोर-शोर के साथ साड़ियों को तैयार करने में जुट गए. इतना ही नहीं, फरवरी के अंत तक माल तैयार भी हो गया, लेकिन मार्च के बाद कोरोना ने दोबारा कहर बरपाना शुरू कर दिया.

बुनकर से लेकर कारोबारी परेशान.
बुनकर से लेकर कारोबारी परेशान.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार ने शादी में महज 50 लोगों के आने की अनुमति दी. इसके बाद पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों ने शादियां कैंसिल कर दी या फिर उन्हें टाल दिया. इस बार के लगन सीजन से साड़ी कारोबारियों को व्यापार में अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद थी. उन्हें उम्मीद थी कि इस साल की कमाई से पिछले साल लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी, लेकिन कोरोना ने उनके इस कमाई के मौके पर पानी फेर दिया है.

साड़ी कारोबार को बड़ा नुकसान.
साड़ी कारोबार को बड़ा नुकसान.

इसे भी पढ़ें : कोरोना संक्रमण: बनारस में एक सप्ताह नहीं खुलेंगी बनारसी साड़ी की दुकानें

100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
शादी में कम लोगों के आने से लोग बड़े पैमाने पर ऑर्डर कैंसिल कर रहे हैं. जिससे कारोबारियों को बड़ा नुकसान हुआ है. कारोबारियों का कहना है कि पहले से तैयार उनका करोड़ों रुपये का माल डम्प पड़ा है. उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत उड़ीसा से लगभग 100 करोड़ से ज्यादा का ऑर्डर कैंसिल हुआ है. इसके अलावा महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते वहां से नागपुर, मुंबई, पुणे से भी बड़ी संख्या में ऑर्डर कैंसिल हुए हैं. इस तरह ऑर्डर कैंसिल होने से बड़ा नुकसान हुआ है.

बुनकरों का पेमेंट रूका
साड़ी कारोबार से जुड़े बुनकरों को अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ऑर्डर कैंसिल होने से पेमेंट रुका हुआ है और जब तक पेमेंट नहीं आएगी, तब तक बुनकरों को वेतन नहीं दिया जा सकेगा. कोरोना ने एक तरह से छोटे कारोबारियों के पेट पर एक बार फिर से लात मारी है.

2 मई तक बनारस में बंद रहेंगी सभी साड़ी दुकानें

बता दें कि वस्त्र उद्योग एसोसिएशन ने रविवार को ऑनलाइन बैठक कर संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए 26 अप्रैल से 2 मई तक बनारस की समस्त बनारसी साड़ी की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है. इस फैसले को बनारसी साड़ी कारोबार से जुड़े अधिकांश लोगों ने सहमति प्रदान की है. बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि बनारस के हालात बेहद खराब हैं. सैलानी दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे हैं. दुकानों पर बैठना खतरे से खाली नहीं है.

वाराणसी: कोरोना संकट के दौर में लोगों का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. लगभग हर सेक्टर में मंदी की स्थिति है. कोरोना के चलते ठप पड़ी औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियों का बनारस के बुनकरों पर भी बड़ा असर पड़ा है. साल 2020 में कोरोना संकट की शुरुआत होने के बाद लोगों का कारोबार ठप हो गया था, जिसके इस साल पटरी पर लौटने की उम्मीद थी. लेकिन, साल 2021 में हालात पहले से अधिक बेकाबू दिख रहे हैं. अप्रैल के महीने में शुरू हुए लगन और शादी-विवाह के सीजन से साड़ी कारोबारियों को बहुत ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन अब यह उम्मीद दोबारा टूटती जा रही है.

स्पेशल रिपोर्ट.

दिसंबर में ऑर्डर और फरवरी में सप्लाई की तैयारी
बनारस की साड़ियां देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध हैं. देश के हर कोने में इन साड़ियों की सप्लाई की जाती है. इनमें सबसे ज्यादा डिमांड पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के राज्यों से आती है. साल 2020 के अंत में कोरोना के मामले जब कम हुए तो 2021 के लगन सीजन में बाहरी राज्यों से साड़ियों के लिए ऑर्डर आना शुरू हो गए. ऑर्डर आने के बाद बुनकर जोर-शोर के साथ साड़ियों को तैयार करने में जुट गए. इतना ही नहीं, फरवरी के अंत तक माल तैयार भी हो गया, लेकिन मार्च के बाद कोरोना ने दोबारा कहर बरपाना शुरू कर दिया.

बुनकर से लेकर कारोबारी परेशान.
बुनकर से लेकर कारोबारी परेशान.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार ने शादी में महज 50 लोगों के आने की अनुमति दी. इसके बाद पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों ने शादियां कैंसिल कर दी या फिर उन्हें टाल दिया. इस बार के लगन सीजन से साड़ी कारोबारियों को व्यापार में अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद थी. उन्हें उम्मीद थी कि इस साल की कमाई से पिछले साल लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी, लेकिन कोरोना ने उनके इस कमाई के मौके पर पानी फेर दिया है.

साड़ी कारोबार को बड़ा नुकसान.
साड़ी कारोबार को बड़ा नुकसान.

इसे भी पढ़ें : कोरोना संक्रमण: बनारस में एक सप्ताह नहीं खुलेंगी बनारसी साड़ी की दुकानें

100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
शादी में कम लोगों के आने से लोग बड़े पैमाने पर ऑर्डर कैंसिल कर रहे हैं. जिससे कारोबारियों को बड़ा नुकसान हुआ है. कारोबारियों का कहना है कि पहले से तैयार उनका करोड़ों रुपये का माल डम्प पड़ा है. उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत उड़ीसा से लगभग 100 करोड़ से ज्यादा का ऑर्डर कैंसिल हुआ है. इसके अलावा महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते वहां से नागपुर, मुंबई, पुणे से भी बड़ी संख्या में ऑर्डर कैंसिल हुए हैं. इस तरह ऑर्डर कैंसिल होने से बड़ा नुकसान हुआ है.

बुनकरों का पेमेंट रूका
साड़ी कारोबार से जुड़े बुनकरों को अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ऑर्डर कैंसिल होने से पेमेंट रुका हुआ है और जब तक पेमेंट नहीं आएगी, तब तक बुनकरों को वेतन नहीं दिया जा सकेगा. कोरोना ने एक तरह से छोटे कारोबारियों के पेट पर एक बार फिर से लात मारी है.

2 मई तक बनारस में बंद रहेंगी सभी साड़ी दुकानें

बता दें कि वस्त्र उद्योग एसोसिएशन ने रविवार को ऑनलाइन बैठक कर संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए 26 अप्रैल से 2 मई तक बनारस की समस्त बनारसी साड़ी की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है. इस फैसले को बनारसी साड़ी कारोबार से जुड़े अधिकांश लोगों ने सहमति प्रदान की है. बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि बनारस के हालात बेहद खराब हैं. सैलानी दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे हैं. दुकानों पर बैठना खतरे से खाली नहीं है.

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