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वाराणसी: जलकल विभाग नहीं कर रहा ठेकेदार के टेंडर के पैसों का भुगतान, खाया जहर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ठेकेदार ने जलकल विभाग से लंबे वक्त तक पेमेंट न मिलने से परेशान होकर जहर खाकर जान देने की कोशिश की. आनन-फानन में परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत गंभीर बनी हुई है.

वाराणसी में ठेकेदार ने खाया जहर.
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Published : Sep 30, 2019, 9:32 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 10:55 PM IST

वाराणसी: जिले में सोमवार को जलकल विभाग में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार विनय कुमार श्रीवास्तव ने घर में जहर खाकर जान देने की कोशिश की, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया. ठेकेदार का कहना है कि लंबे वक्त से उसके लगभग 10 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान न किए जाने और उसे ब्लैक लिस्टेड किए जाने की वजह से उसने यह कदम उठाया.


क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों की तरफ से काम कराए जाने के बाद लंबे वक्त तक पेमेंट न मिलने से परेशान ठेकेदार अब जानलेवा कदम उठाने लगे हैं. बीते दिनों लखनऊ सचिवालय के पास एक ठेकेदार ने खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की, तो वहीं वाराणसी में पीडब्ल्यूडी के बकाए से परेशान होकर एक ठेकेदार ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर ली. सोमवार को नया मामला सामने आया.

ठेकेदार की हालत गंभीर बनी हुई है.


ठेकेदार ने खाया विषाक्त पदार्थ
वाराणसी जलकल विभाग में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार विनय कुमार श्रीवास्तव ने अपने कमरे में विषाक्त पदार्थ खा लिया. जब घर के लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो आनन-फानन में उसे कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे बीएचयू के लिए रेफर कर दिया.

पढ़ें- वाराणसी: रामनगर पुल की सड़क धंसी, दो साल पहले PM मोदी ने किया था लोकार्पण

जलकल विभाग से नहीं हुआ भुगतान
बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी में विनय का इलाज फिलहाल जारी है. विनय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जलकल विभाग से उसका लगभग 10 से 15 लाख रुपये का भुगतान नहीं हुआ है. बार-बार दौड़ने के बाद उसके पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. अधिकारी उसे परेशान कर रहे हैं. जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में था और उसने यह कदम उठाया.

पढ़ें- बारिश से काशी में पानी-पानी, पार्क बने स्वीमिंग पूल


10 महीने से नहीं मिला ठेका
विनय के के पिता और चाचा ने बताया कि विनय बीके इंटरप्राइजेज नाम से ठेके लेने का काम करता था. जलकल विभाग में लंबे वक्त से सीवर सफाई का ठेका लेकर ईमानदारी से काम कर रहा था, लेकिन बीते आठ से 10 महीनों से नए अधिकारियों के आने के बाद से उसे ठेका मिल ही नहीं रहा था और बकाया पैसे का भुगतान भी उसका नहीं किया जा रहा था.


अधिकारियों से भुगतान के लिए लगाई गुहार
उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया, जिससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान था. इससे तंग आकर उसने कई बार नगर आयुक्त, जलकल जीएम, राज्य मंत्री समेत कई अन्य अधिकारियों से अपने भुगतान के लिए गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जिससे आज उसने यह जानलेवा कदम उठाया. वहीं इस पूरे मामले में न ही पुलिस और न ही प्रशासनिक कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार है.

वाराणसी: जिले में सोमवार को जलकल विभाग में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार विनय कुमार श्रीवास्तव ने घर में जहर खाकर जान देने की कोशिश की, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया. ठेकेदार का कहना है कि लंबे वक्त से उसके लगभग 10 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान न किए जाने और उसे ब्लैक लिस्टेड किए जाने की वजह से उसने यह कदम उठाया.


क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों की तरफ से काम कराए जाने के बाद लंबे वक्त तक पेमेंट न मिलने से परेशान ठेकेदार अब जानलेवा कदम उठाने लगे हैं. बीते दिनों लखनऊ सचिवालय के पास एक ठेकेदार ने खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की, तो वहीं वाराणसी में पीडब्ल्यूडी के बकाए से परेशान होकर एक ठेकेदार ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर ली. सोमवार को नया मामला सामने आया.

ठेकेदार की हालत गंभीर बनी हुई है.


ठेकेदार ने खाया विषाक्त पदार्थ
वाराणसी जलकल विभाग में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार विनय कुमार श्रीवास्तव ने अपने कमरे में विषाक्त पदार्थ खा लिया. जब घर के लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो आनन-फानन में उसे कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे बीएचयू के लिए रेफर कर दिया.

पढ़ें- वाराणसी: रामनगर पुल की सड़क धंसी, दो साल पहले PM मोदी ने किया था लोकार्पण

जलकल विभाग से नहीं हुआ भुगतान
बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी में विनय का इलाज फिलहाल जारी है. विनय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जलकल विभाग से उसका लगभग 10 से 15 लाख रुपये का भुगतान नहीं हुआ है. बार-बार दौड़ने के बाद उसके पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. अधिकारी उसे परेशान कर रहे हैं. जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में था और उसने यह कदम उठाया.

पढ़ें- बारिश से काशी में पानी-पानी, पार्क बने स्वीमिंग पूल


10 महीने से नहीं मिला ठेका
विनय के के पिता और चाचा ने बताया कि विनय बीके इंटरप्राइजेज नाम से ठेके लेने का काम करता था. जलकल विभाग में लंबे वक्त से सीवर सफाई का ठेका लेकर ईमानदारी से काम कर रहा था, लेकिन बीते आठ से 10 महीनों से नए अधिकारियों के आने के बाद से उसे ठेका मिल ही नहीं रहा था और बकाया पैसे का भुगतान भी उसका नहीं किया जा रहा था.


अधिकारियों से भुगतान के लिए लगाई गुहार
उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया, जिससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान था. इससे तंग आकर उसने कई बार नगर आयुक्त, जलकल जीएम, राज्य मंत्री समेत कई अन्य अधिकारियों से अपने भुगतान के लिए गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जिससे आज उसने यह जानलेवा कदम उठाया. वहीं इस पूरे मामले में न ही पुलिस और न ही प्रशासनिक कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार है.

Intro:वाराणसी: उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों की तरफ से काम कराए जाने के बाद लंबे वक्त तक पेमेंट ना मिलने से परेशान ठेकेदार अब जानलेवा कदम उठाने लगे हैं बीते दिनों लखनऊ सचिवालय के पास एक ठेकेदार ने खुद को आग लगाकर जान देने की, कोशिश की तो वाराणसी में पीडब्ल्यूडी के लंबे बताए से परेशान होकर एक ठेकेदार ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर ली आज नया मामला सामने आया है. वाराणसी जलकल विभाग में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार विनय कुमार श्रीवास्तव ने घर में विषाक्त पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की जिसके बाद उसे गंभीर हालत में बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है परिवार सहित विनय का आरोप है, कि लंबे वक्त से उसके लगभग 10 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान न किए जाने और उसे ब्लैक लिस्टेड किए जाने की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान था जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया.


Body:वीओ-01 बताया जाता है कि वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहंगे पुरा निवासी विनय कुमार श्रीवास्तव ने आज सुबह अपने कमरे में विषाक्त पदार्थ खा लिया. जब घर के लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो आनन-फानन में हुआ. उसे कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल लेकर पहुंचे जहां हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे बीएचयू के लिए रेफर कर दिया बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी में विनय का इलाज फिलहाल जारी है. विनय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जलकल विभाग में लगभग 10 से 15 लाख रुपए का भुगतान उसका फंसा हुआ है बार-बार दौड़ने के बाद उसके पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है और अधिकारी उसे परेशान कर रहे हैं जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में था और उसने यह कदम उठाया.

बाइट- विनय कुमार श्रीवास्तव, ठेकेदार जल कल


Conclusion:वीओ-02 वही विनय के के पिता और चाचा ने बताया कि विनय बीके इंटरप्राइजेज नाम से ठेके लेने का काम करता था. जलकल विभाग में लंबे वक्त से व सीवर सफाई का ठेका लेकर ईमानदारी से काम कर रहा था लेकिन बीते आठ से 10 महीनों से नए अधिकारियों के आने के बाद से उसे ठेका मिल ही नहीं रहा था और बकाया पैसे का भुगतान भी उसका नहीं किया जा रहा था. इतना ही नहीं उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया, जिससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान था इससे तंग आकर उसने कई बार नगर आयुक्त, जलकल जीएम, राज्य मंत्री समेत कई अन्य अधिकारियों से अपने भुगतान के लिए गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ जिससे आज ही जाकर उसने यह जानलेवा कदम उठाया. वहीं इस पूरे मामले में ना ही पुलिस और ना ही प्रशासनिक कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार है.

बाइट- निहाल चंद्र श्रीवास्तव, ठेकेदार, विनय के पिता
बाइट- रमेश चंद्र श्रीवास्तव, ठेकेदार, विनायक के चाचा

गोपाल मिश्र

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Last Updated : Sep 30, 2019, 10:55 PM IST
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