वाराणसी: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपनी जमीन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. इस बीच कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं तो कई बड़े नाम पार्टी में शामिल भी हुए हैं. इस दौरान कांग्रेस में शामिल हो चुके इंटरनेशनल बॉक्सर व ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाने वाले बॉक्सर विजेंद्र सिंह वाराणसी पहुंचे थे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी भूमिका पर कहा कि पार्टी की ओर से उनकी भूमिका निर्धारित की गई है. वहीं, पंजाब में सिद्धू और वहां के मुख्यमंत्री चन्नी के बीच चल रही सियासी खींचतान पर उन्होंने कहा कि इस ओर हमारा ध्यान ही नहीं है. उनका कहना था कि हम यानी कांग्रेस के लोग इन बातों को तवज्जो नहीं देते हैं, क्योंकि हमारे लिए देश पहले है.
विजेंद्र सिंह से खास बातचीत में उनसे जब उत्तर प्रदेश में उनकी भूमिका को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के सिपाही हैं. हम हर तरह से तैयार हैं. पार्टी हमें जो भी जिम्मेदारी देगी हम उस किरदार में नजर आएंगे. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं. पार्टी कहेगी तो वहां जाकर भी प्रचार करेंगे. हालांकि पंजाब में जारी सिद्धू-चन्नी विवाद को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका इस ओर ध्यान नहीं है. लेकिन अगर विवाद है भी तो उसे बातचीत के जरिए खत्म किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पंजाब में सिद्धू और वहां के मुख्यमंत्री चन्नी के बीच ऐसा कोई विवाद नहीं है.
राहुल गांधी की मौजूदगी में पांच कांग्रेस सांसदों के शामिल न होने पर उनका कहना था कि ऐसी कोई बात नहीं है. वहां सब कुछ ठीक है. राहुल जी ने जाकर वहां पर मत्था टेका और लंगर में भी शरीक हुए. ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. कहीं पर यदि दो बर्तन होते हैं तो आवाज होती ही है, लेकिन हमारा ध्यान ऐसे विवादों की तरफ नहीं है, बल्कि देश की बड़ी समस्याओं और मुद्दों पर हम ध्यान केंद्रित किए हुए हैं.
विजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के दौरान अपने खेल रत्न पुरस्कार को वापस करने के संबंध में कहा कि मैं भले ही खिलाड़ी हूं, लेकिन मेरे परिवार के लोग किसान हैं. मेरे बाप-दादा सेना में रह चुके हैं. लेकिन जिस तरह से सरकार सेना के जवानों और किसानों की बातों को नजरअंदाज कर रही है. उनके विरोध में मैं खड़ा हूं. मेरे पास और कुछ तो था नहीं, इसलिए मैंने अपना अवार्ड वापस करने की घोषणा की थी.
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