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यह अस्पताल है, यहां नशेड़ियों का है कब्जा और गंदगी का बोलबाला....

यूपी के वाराणसी में स्थित शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल का हाल बेदह खराब है. यहां चारों ओर गंदगी की भरमार है. इसके अलावा यह अस्पताल शराबियों का अड्डा बना हुआ है. जब जिम्मेदारों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.

शराबियों और गंदगी का अड्डा बना अस्पताल
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Published : Nov 19, 2019, 2:16 PM IST

वाराणसी: अस्पताल, जहां आने वाले मरीज अपना इलाज करवाने और स्वस्थ होकर जाने की इच्छा रखते हैं. लेकिन स्वास्थ्य का मंदिर अगर गंदगी और नशेड़ियों का अड्डा बन जाए तो फिर यह शर्मनाक स्थिति है. ऐसा ही कुछ हाल है वाराणसी के शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल का है. यहां पर न सिर्फ गंदगी का बोलबाला है बल्कि इमरजेंसी वार्ड के सामने और आसपास नशा करने वाले लोगों का हुजूम लगा रहता है.

शराबियों और गंदगी का अड्डा बना अस्पताल.

शराबियों और गंदगी का अड्डा बना अस्पताल

  • मामला वाराणसी का मंडलीय अस्पताल का है.
  • शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल वाराणसी मंडल ही नहीं बल्कि आसपास के कई राज्यों को भी कवर करता है.
  • बिहार झारखंड से भी बड़ी संख्या में लोग यहां मरीजों का इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं.
  • शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल की स्थिति इस समय बेहद खराब है.
  • यहां इमरजेंसी वार्ड के सामने ही सीवर ओवरफ्लो है.
  • सुलभ शौचालय के पानी निकासी की व्यवस्था न होने की वजह से अस्पताल परिसर में पानी भर रहा है.
  • अस्पताल परिसर के चारों तरफ एक ओर जहां गंदगी है वहीं शराब और बीयर की बोतलें भी यह साफ कर रही हैं कि अस्पताल की स्थिति बेहद खराब है.

सरकारी अस्पताल का यह हाल वह भी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में निश्चित तौर पर कई सवाल खड़े कर रहा है. अब अधिकारी भी गोल मटोल जवाब देकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं

वाराणसी: अस्पताल, जहां आने वाले मरीज अपना इलाज करवाने और स्वस्थ होकर जाने की इच्छा रखते हैं. लेकिन स्वास्थ्य का मंदिर अगर गंदगी और नशेड़ियों का अड्डा बन जाए तो फिर यह शर्मनाक स्थिति है. ऐसा ही कुछ हाल है वाराणसी के शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल का है. यहां पर न सिर्फ गंदगी का बोलबाला है बल्कि इमरजेंसी वार्ड के सामने और आसपास नशा करने वाले लोगों का हुजूम लगा रहता है.

शराबियों और गंदगी का अड्डा बना अस्पताल.

शराबियों और गंदगी का अड्डा बना अस्पताल

  • मामला वाराणसी का मंडलीय अस्पताल का है.
  • शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल वाराणसी मंडल ही नहीं बल्कि आसपास के कई राज्यों को भी कवर करता है.
  • बिहार झारखंड से भी बड़ी संख्या में लोग यहां मरीजों का इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं.
  • शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल की स्थिति इस समय बेहद खराब है.
  • यहां इमरजेंसी वार्ड के सामने ही सीवर ओवरफ्लो है.
  • सुलभ शौचालय के पानी निकासी की व्यवस्था न होने की वजह से अस्पताल परिसर में पानी भर रहा है.
  • अस्पताल परिसर के चारों तरफ एक ओर जहां गंदगी है वहीं शराब और बीयर की बोतलें भी यह साफ कर रही हैं कि अस्पताल की स्थिति बेहद खराब है.

सरकारी अस्पताल का यह हाल वह भी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में निश्चित तौर पर कई सवाल खड़े कर रहा है. अब अधिकारी भी गोल मटोल जवाब देकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं

Intro:खबर रैप के जरिये भेजी गई है...


स्पेशल:

वाराणसी: अस्पताल जिसे स्वास्थ्य और सेहत का मंदिर भी कहा जाता है. यहां लोग आते हैं अपना इलाज करवाने और स्वस्थ होकर जाने की इच्छा रखते हैं लेकिन अगर स्वास्थ्य के मंदिर में गंदगी नशेड़ियों का अड्डा बन जाए तो फिर सोचने वाली बात होती है. ऐसा ही कुछ हाल वाराणसी की मंडलीय अस्पताल का है शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल का है. यहां पर न सिर्फ गंदगी का बोलबाला है बल्कि इमरजेंसी वार्ड के सामने और आसपास कुछ ऐसा देखने को आसानी से मिल जाएगा इसके बाद आप भी कहीं यह अस्पताल है या नशा करने वालों का अड्डा.Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी का मंडली अस्पताल वाराणसी मंडल को ही नहीं बल्कि आसपास के कई राज्यों को भी कवर करता है. बिहार झारखंड से भी बड़ी संख्या में मरीज यहां पहुंचते हैं. अपनों का इलाज कराने के लिए यहां पर लो उन्हें लेकर भर्ती होते हैं. इस उम्मीद के साथ कि वह स्वस्थ होकर घर जाएंगे लेकिन अस्पताल की स्थिति देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां भर्ती होने वाला कोई भी मरीज स्वस्थ होना तो दूर शायद और भी ज्यादा बीमार होकर निकलेगा, क्योंकि पूरा अस्पताल से सीवर के पानी से बजबजा रहा है. हालात ये हैं कि इमरजेंसी वार्ड के सामने ही सीवर ओवरफ्लो पड़ा है और परिसर में ही स्थित सुलभ शौचालय भी पानी निकासी की व्यवस्था ना होने की वजह से अस्पताल परिसर में ही गड्ढा करके अपना काम चला रहा है.Conclusion:वीओ-02 अस्पताल परिसर के चारों तरफ एक और जहां गंदगी है. वही शराब और बीयर की बोतलें भी यह साफ कर रही हैं कि अस्पताल में कुछ ठीक नहीं है. सरकारी अस्पताल का यह हाल वह भी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में निश्चित तौर पर कई सवाल खड़े कर रहा है. चारों तरफ बीयर और शराब की बोतलों को देखकर नशा करने वालों के इस अड्डे के सामने आने के बाद अधिकारी भी गोल मटोल जवाब देकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और इलाज करवाने के लिए पहुंचने वाले परिजन और मरीज अस्पताल की स्थिति पर गुस्से का इजहार कर रहे हैं. फिलहाल सरकारी अस्पताल की स्थिति देखकर सवाल उठना लाजमी है कि जहां स्वस्थ रहने के लिए साफ-सफाई और बेहतर इलाज की बात की जाती है वहां अगर यह स्थिति देखने को मिल रही है तो भर्ती होने वाले मरीज गंदगी की वजह से किस कदर परेशान हो रहे होंगे.

बाईट- डॉ वीएन श्रीवास्तव, चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय अस्पताल
बाईट- दिलशाद अहमद, तीमारदार

गोपाल मिश्र

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