ETV Bharat / state

वाराणसी: बीएचयू के छात्रों ने राष्ट्रपति से की कुलपति की शिकायत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रपति से कुलपति की शिकायत की है. छात्रों का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के पद की नियुक्त के लिए हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव करना हिंदी भाषा का अपमान है. करीब 150 से ज्यादा छात्रों और पूर्व छात्रों ने हस्ताक्षर कर कुलपति की शिकायत की है.

etv bharat
छात्रों ने की कुलपति की शिकायत.
author img

By

Published : Jan 13, 2020, 9:25 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है. कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया था. इस मामले में पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर एवं राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कुलपति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

छात्रों ने की कुलपति की शिकायत.

हिंदी भाषी छात्रों द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर पर राजभाषा हिंदी और हिंदी विरोधी होने का आरोप लगाया गया है. राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी छात्रों द्वारा पत्र की कॉपी भेजी गई. बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर आक्रोश मार्च निकाल कर इसका विरोध किया. करीब डेढ़ सौ से अधिक पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर भी किए हैं. छात्रों का दवा है कि 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं और प्रोफेसरों के हस्ताक्षर की प्रति दोबारा राष्ट्रपति को भेजी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज बस हादसा: अखिलेश यादव ने घायलों से की मुलाकात, सरकार को ठहराया जिम्मेदार

पूर्व छात्र और हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर हुए इंटरव्यू में जिस तरह हिंदी भाषी छात्रों का अपमान किया गया, यह कहीं से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम लोग विभिन्न तरह से इस बात को सबके सामने रख रहे हैं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर और देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बीएचयू के कुलपति शिकायत की है. इनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं एक अन्य पूर्व छात्र गौरव शुक्ल ने बताया कि जिस तरह कुलपति द्वारा हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव किया गया है, यह पूर्णत: गलत है. यह राजभाषा हिंदी का अपमान है. हम इस लड़ाई को आगे भी जारी रखेंगे, इसलिए हमने राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखा है.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है. कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया था. इस मामले में पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर एवं राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कुलपति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

छात्रों ने की कुलपति की शिकायत.

हिंदी भाषी छात्रों द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर पर राजभाषा हिंदी और हिंदी विरोधी होने का आरोप लगाया गया है. राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी छात्रों द्वारा पत्र की कॉपी भेजी गई. बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर आक्रोश मार्च निकाल कर इसका विरोध किया. करीब डेढ़ सौ से अधिक पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर भी किए हैं. छात्रों का दवा है कि 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं और प्रोफेसरों के हस्ताक्षर की प्रति दोबारा राष्ट्रपति को भेजी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज बस हादसा: अखिलेश यादव ने घायलों से की मुलाकात, सरकार को ठहराया जिम्मेदार

पूर्व छात्र और हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर हुए इंटरव्यू में जिस तरह हिंदी भाषी छात्रों का अपमान किया गया, यह कहीं से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम लोग विभिन्न तरह से इस बात को सबके सामने रख रहे हैं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर और देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बीएचयू के कुलपति शिकायत की है. इनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं एक अन्य पूर्व छात्र गौरव शुक्ल ने बताया कि जिस तरह कुलपति द्वारा हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव किया गया है, यह पूर्णत: गलत है. यह राजभाषा हिंदी का अपमान है. हम इस लड़ाई को आगे भी जारी रखेंगे, इसलिए हमने राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखा है.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए कुछ दिन पहले हुए इंटरव्यू में हिंदीभाषी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर एवं राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कुलपति के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग किया।


Body:हिंदी भाषी छात्रों द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए। पत्र में कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर पर राजभाषा हिंदी और हिंदी भाषी विरोधी होने का आरोप लगाया। राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री व मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी छात्रों द्वारा पत्र की कॉपी भेजी गई। बीएचयू के छात्र छात्राओं ने अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर आक्रोश मार्च निकाल किया था विरोध प्रदर्शन। लगभग डेढ़ सौ से अधिक पूर्व और वर्तमान छात्र छात्राओं ने किया हस्ताक्षर। छात्रों का दवा 1000 से ज्यादा छात्र छात्राओं और प्रोफेसरों के हस्ताक्षर के प्रति दोबारा राष्ट्रपति तक भेजा जाएगा।


Conclusion:सौरभ तिवारी ने बताया असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर हुए इंटरव्यू में जिस तरह हिंदी भाषी छात्रों का अपमान किया गया। यह कहीं से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम लोग विभिन्न तरह से इस बात को सबके सामने रख रहे। इसी तहत काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर और देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बीएचयू के कुलपति शिकायत किया है। इनके ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

बाईट :-- सौरभ तिवारी, अधिवक्ता, हाईकोर्ट और पूर्व छात्र बीएचयू।

गौरव शुक्ल ने बताया कि जिस तरह कुलपति महोदय द्वारा हिंदी भाषी छात्रों भेदभाव किया गया है। यह पूर्णता गलत है। हिंदी राजभाषा का अपमान है।हम इस लड़ाई को आगे भी जारी रखेंगे इसलिए हमने राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखा है।

बाईट :-- गौरव शुक्ल, पूर्व छात्र बीएचयू।

आशुतोष उपाध्याय
7007459303
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.