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वाराणसी: बारिश ने बढ़ा दी ठंड, मजदूरों की बढ़ी मुसीबत

यूपी के वाराणसी जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश बेसहारा लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. दरअसल गरीब और असहाय लोगों के लिए रैन बसेरों के ताले अब तक खोले नहीं गए हैं, जिसके चलते उन्हें खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है.

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रैन बसेरों पर पड़े ताले.
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Published : Dec 13, 2019, 11:17 AM IST

वाराणसी: अचानक से हुई बरसात के बाद जिले में ठंड बढ़ गई है. मौसम में हुआ यह बदलाव सबसे ज्यादा उन गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बना है जो लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारते हैं. दरअसल जिले में बनाए गए रैन बसेरों के ताले भी नहीं खोले गए है, जिसके कारण गरीब और असहाय लोगों को खुले आसमान के नीजे रात गुजारनी पड़ रही है.

रैन बसेरों पर पड़े ताले.

गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत
जिले में गुरुवार रात हुई जोरदार बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है. यह बदलाव खुले आसमान के नीजे रात गुजारने वाले गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. दरअसल हर बार नवंबर महीने से ही रैन बसेरों के ताले खोलकर उसमें गरीब और असहायओं को रखने का काम शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार ठंड देर से पड़ने से प्रशासनिक अमला सुस्त पड़ गया.

रैन बसेरों पर लटके ताले
अचानक हुई बारिश के बाद ठंड बढ़ गई तो मजदूरों को रैन बसेरों की तरफ जाना पड़ा, लेकिन रैन बसेरों में लगे ताले की वजह से ही वह अंदर दाखिल नहीं हो पाए और खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने पर मजबूर रहें. स्थानीय लोगों ने भी इस मामले पर काफी नाराजगी जाहिर की. लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि खुले आसमान के नीचे गरीबों को न रहना पड़े और इनकी जिंदगी भी सुरक्षित रहें.

किसानों के घर को भारी नुकसान
वहीं बड़ागांव थाना क्षेत्र के कोइराजपुर गांव में गुरुवार रात आकाशीय बिजली गिरने से कई किसानों के घर को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा चांदपुर, रोहनिया मिर्जामुराद समेत कई इलाकों में घरों की दीवारें फटने और बिजली की वायरिंग पूरी तरह से जल जाने की जानकारी सामने आई है.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़: नहीं मिला स्वेटर, ठंड से ठिठुर रहे प्राइमरी स्कूलों के बच्चे

वाराणसी: अचानक से हुई बरसात के बाद जिले में ठंड बढ़ गई है. मौसम में हुआ यह बदलाव सबसे ज्यादा उन गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बना है जो लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारते हैं. दरअसल जिले में बनाए गए रैन बसेरों के ताले भी नहीं खोले गए है, जिसके कारण गरीब और असहाय लोगों को खुले आसमान के नीजे रात गुजारनी पड़ रही है.

रैन बसेरों पर पड़े ताले.

गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत
जिले में गुरुवार रात हुई जोरदार बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है. यह बदलाव खुले आसमान के नीजे रात गुजारने वाले गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. दरअसल हर बार नवंबर महीने से ही रैन बसेरों के ताले खोलकर उसमें गरीब और असहायओं को रखने का काम शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार ठंड देर से पड़ने से प्रशासनिक अमला सुस्त पड़ गया.

रैन बसेरों पर लटके ताले
अचानक हुई बारिश के बाद ठंड बढ़ गई तो मजदूरों को रैन बसेरों की तरफ जाना पड़ा, लेकिन रैन बसेरों में लगे ताले की वजह से ही वह अंदर दाखिल नहीं हो पाए और खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने पर मजबूर रहें. स्थानीय लोगों ने भी इस मामले पर काफी नाराजगी जाहिर की. लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि खुले आसमान के नीचे गरीबों को न रहना पड़े और इनकी जिंदगी भी सुरक्षित रहें.

किसानों के घर को भारी नुकसान
वहीं बड़ागांव थाना क्षेत्र के कोइराजपुर गांव में गुरुवार रात आकाशीय बिजली गिरने से कई किसानों के घर को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा चांदपुर, रोहनिया मिर्जामुराद समेत कई इलाकों में घरों की दीवारें फटने और बिजली की वायरिंग पूरी तरह से जल जाने की जानकारी सामने आई है.

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Intro:खबर रैप से भेजी है।

गोपाल मिश्र, 9839809074

वाराणसी: अचानक से हुई बरसात के बाद बढ़ गई ठंड में सबसे ज्यादा मुसीबत उन गरीब और असहाय लोगों की बढ़ा दी है जो खुले आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर होते हैं. ऐसे ही लोगों में गिनती होती है रोज कमाने रोज खाने वाले मजदूरों की, वाराणसी के मैदागिन इलाके में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. यहां विशेश्वरगंज आढ़त मंडी के साथ ही आसपास की दूसरी मंडियों की वजह से यहां मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन रात में बारिश की वजह से इनकी मुसीबतें बढ़ गई हैं. हालात यह है कि रात में ठंड के बाद भी सर छुपाने के लिए इस इलाके में बनाए गए रैन बसेरों के ताले भी नहीं खोले गए जिसकी वजह से इनको भीगते हुए खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारनी पड़ी और सुबह से यह रैन बसेरों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं. वही कल रात में हुई जोरदार बारिश के दौरान कई इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने से लोगों का काफी नुकसान भी हुआ है.Body:वीओ-01 दरअसल हर बार नवंबर महीने से ही रैन बसेरों के ताले खोलकर उसमें गरीब और असहायओं को रखने का काम शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार ठंड देर से क्या पड़ी प्रशासनिक अमला भी इसे लेकर सुस्त पड़ गया. अचानक से बारिश के बाद ठंड बढ़ गई तो मजदूरों को रैन बसेरों की तरफ जाना पड़ा लेकिन रैन बसेरों में लगे ताले की वजह से ही अंदर दाखिल नहीं हो पाए और खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने पर मजबूर रहे. जिसे लेकर आसपास रहने वाले लोगों में काफी नाराजगी है. लोगों का कहना है सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि खुले आसमान के नीचे इन गरीबों को न रहना पड़े और इनकी जिंदगी भी सुरक्षित रहें.

बाईट- अनिल कुमार, स्थानीय निवासीConclusion:वीओ-02 वहीं बड़ागाँव थाना क्षेत्र में हरहुआ पुलिस चौकी के अंतर्गत पड़ने वाले कोइराजपुर गांव में बीती रात कई किसानों के घरों पर आकाशीय बिजली गिरने से भारी नुकसान हुआ है. कई घरों के इलेक्ट्रिक उपकरण जल गए है. इसके अलावा चांदपुर, रोहनिया मिर्जामुराद समेत कई इलाके हैं इन इलाकों में भी कई घरों में दीवारें फटने और बिजली की वायरिंग पूरी तरह से जल जाने की जानकारी सामने आई है.

बाईट- अखिलेश कुमार राय, स्थानीय निवासी
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