वाराणसी: अचानक से हुई बरसात के बाद जिले में ठंड बढ़ गई है. मौसम में हुआ यह बदलाव सबसे ज्यादा उन गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बना है जो लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारते हैं. दरअसल जिले में बनाए गए रैन बसेरों के ताले भी नहीं खोले गए है, जिसके कारण गरीब और असहाय लोगों को खुले आसमान के नीजे रात गुजारनी पड़ रही है.
गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत
जिले में गुरुवार रात हुई जोरदार बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है. यह बदलाव खुले आसमान के नीजे रात गुजारने वाले गरीब और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. दरअसल हर बार नवंबर महीने से ही रैन बसेरों के ताले खोलकर उसमें गरीब और असहायओं को रखने का काम शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार ठंड देर से पड़ने से प्रशासनिक अमला सुस्त पड़ गया.
रैन बसेरों पर लटके ताले
अचानक हुई बारिश के बाद ठंड बढ़ गई तो मजदूरों को रैन बसेरों की तरफ जाना पड़ा, लेकिन रैन बसेरों में लगे ताले की वजह से ही वह अंदर दाखिल नहीं हो पाए और खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने पर मजबूर रहें. स्थानीय लोगों ने भी इस मामले पर काफी नाराजगी जाहिर की. लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि खुले आसमान के नीचे गरीबों को न रहना पड़े और इनकी जिंदगी भी सुरक्षित रहें.
किसानों के घर को भारी नुकसान
वहीं बड़ागांव थाना क्षेत्र के कोइराजपुर गांव में गुरुवार रात आकाशीय बिजली गिरने से कई किसानों के घर को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा चांदपुर, रोहनिया मिर्जामुराद समेत कई इलाकों में घरों की दीवारें फटने और बिजली की वायरिंग पूरी तरह से जल जाने की जानकारी सामने आई है.
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