वाराणसी: वैश्विक महामारी में संक्रमण काल के दौरान वाराणसी के प्रसिद्ध हरिश्चंद्र घाट पर स्थित सीएनजी शवदाह गृह में दिन रात शवों का अंतिम संस्कार किए जाने के कारण यहां की दोनों भट्टियां खराब हो गई थीं. रविवार दोपहर इनमें से एक भट्टी की मरम्मत कर देर शाम तक शवदाह गृह को चालू कर दिया गया. जबकि, दूसरी भट्टी की मरम्मत का कार्य अभी किया जा रहा है, जिसे सोमवार रात तक चालू कर दिया जाएगा.
सीएनजी भट्टी में कोरोना संक्रमितों का हो रहा शव दाह
हरिश्चंद्र घाट पर सीएनजी शवदाह की भट्टी बंद होने से मृतकों के परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शव के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 4 से 5 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. शवदाह गृह की दोनों भट्टियों के चालू होने के बाद एक शव का अंतिम संस्कार करने में केवल 2 घंटे लगेंगे. बीएचयू में जितने भी व्यक्तियों की मौत कोरोना संक्रमण से हो रही है, उनके शवों को सीएनजी शवदाह गृह के माध्यम से डिस्पोजल किया जा रहा है, जिससे इस पर दबाव बढ़ गया है.
जल्द चालू हो जाएगी दोनों भट्टी
नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय राम ने बताया कि एक भट्ठी का कार्य पूरा हो गया है. अब इसके अत्याधिक गर्म होने की शिकायत नहीं होगी. दूसरी भट्टी का मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, इसके लिए वह भट्टी बंद कर दी गई है. ताकि भट्टी की ब्रिक बदली जा सके. आज देर रात तक दूसरी भट्टी भी चालू कर दी जाएगी. नगर निगम की ओर से अधिकृत महेंद्र चौधरी के सहयोग के साथ शाम 7 बजे तक लगभग 6 कोविड संक्रमित शव का दाह संस्कार किया गया.
यहां भी हो रहा है अंतिम संस्कार
हरिश्चंद्र घाट के अलावा सामने घाट स्थित विश्व सुंदरी पुल के नीचे बने अस्थाई श्मशान घाट पर भी कोरोना संक्रमितों के शवों का दाह संस्कार नगर निगम की ओर से कराया जा रहा है. लकड़ी के लिए नगर निगम ने 7000 रुपया रेट निर्धारित किया है. कोई असमर्थ व्यक्ति है, तो उसके शव की अंत्येष्टि के लिए सिर्फ 500 रुपया पंजीयन शुल्क देना होगा.
इसे भी पढ़ें- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड औषधि का वितरण