वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे. दौरे के पहले दिन उन्होंने विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया. साथ ही भीषण ठंड में रैन बसेरे की व्यवस्था की भी पड़ताल की. सीएम ने गरीब और असहाय लोगों में कंबल का भी वितरण किया.
नगर निगम ने लोगों को तीन घंटे पहले बुलाया
वहीं जिन लोगों को मुख्यमंत्री के हाथों कंबल दिया जाना था, उनको तीन घंटे पहले से ही नगर निगम के कर्मचारियों ने बुलाकर जमीन पर खुले आसमान के नीचे बैठा कर रखा था. इसके बाद सवाल उठना लाजमी है कि ऐसा कंबल देने का क्या फायदा जिसके चलते कोई बीमार हो जाए.
सीएम ने लोगों में कंबल बांटे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम को लगभग 5:30 बजे वाराणसी पहुंचे और यहां आने के बाद उन्होंने सर्किट हाउस में विकास कार्यों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की. इसके बाद वह रात लगभग 9 बजे निकले विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए. साथ ही उन्होंने रैन बसेरों के हालत को जानने की कोशिश की. इसके चलते सीएम सबसे पहले मैदागिन इलाके के टाउन हाल में बने रैन बसेरे पर पहुंचे. मैदान में बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के हाथों कंबल लेने वाली महिलाओं और पुरुषों की भीड़ थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि इनमें से कोई भी महिला यह जानती ही नहीं थीं कि कंबल देने आया कौन है.
काशी विश्वनाथ मंदिर में किया पूजन
हालांकि कंबल बांटने के बाद मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. विश्वनाथ कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां के बाद सीधे कैंट लहरतारा रोड पर बन रहे निर्माणाधीन ओवरब्रिज का निरीक्षण, लगभग 100 मीटर पैदल चलकर ब्रिज के ऊपर जाकर किया. 15 जनवरी तक हर हाल में काम को पूरा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने इसके बाद आदमपुर इलाके के गोल गड्ढा क्षेत्र में स्थाई रैन बसेरे का निरीक्षण कर यहां पर भी गरीबों में कंबल वितरण किया.
भीषड़ ठंड में जमीन पर बैठे रहे लोग
मुख्यमंत्री के हाथों कंबल दिए जाने के लिए जिन लोगों को बुलाया गया था, उनके लिए नगर निगम का काफी अमानवीय चेहरा भी सामने आया है. लोगों को कंबल देने के लिए यहां पर तीन घंटे पहले बुलाकर रखा गया था और जमीन पर बैठा दिया गया था. फिलहाल इस पूरे मामले में नगर आयुक्त का कहना है कि रैन बसेरे का जो भी इंचार्ज होगा उससे इस बारे में पूछताछ कर आवश्यक एक्शन लिया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बात करते हुए यह भी साफ कर दिया कि जनवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी दौरा होगा और लगभग पंद्रह सौ करोड़ से ज्यादा की सौगात वह अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को देंगे.
अराजकता फैलाने वालों पर की जाए कार्रवाई
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए को लेकर कहा कि अराजकता फैलाने का प्रयास करने वाले मास्टरमाइंड जो है, उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाए. प्रबुद्ध जनों के साथ बैठक कर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के बारे में चर्चा करें. लोगों को वास्तविकता से अवगत कराएं. भ्रम अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाए. बनारस में शासकीय संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अराजकता फैलाने के प्रयास करने वालों के लिए फोर्स लगा, उस पर खर्चा आया. यह खर्चा भी हिंसक प्रदर्शनकारियों पर चार्ज किया जाए.
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