वाराणसी: कहते हैं, जब देश दुनिया में त्योहारों का सीजन खत्म होता है, तब भी धर्म नगरी काशी में एक महापर्व को मनाए जाने की तैयारी की जाती है. यह महापर्व काशी के लिए और कितने बड़े रूप में विकसित हो चुका है, जिसको देखने के लिए देश-विदेश के कोने-कोने से लोग काशी पहुंचते हैं. इस महापर्व का नाम है देव दीपावली. 12 नवंबर को वाराणसी में देव दीपावली का महापर्व मनाए जाने की तैयारी है, जिसमें खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहेंगी.
इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. घाटों से लेकर हर तरफ साफ-सफाई चौकस रहे, इसकी व्यवस्था की जा रही है. इस महापर्व की शुरुआत प्रशासनिक तौर पर 8 नवंबर को गंगा महोत्सव के रूप में हो भी जाएगी.
देव दीपावली पर्व का आयोजन
दरअसल, दीपावली के लगभग 15 दिन बाद वाराणसी में देव दीपावली पर्व का आयोजन किया जाता है. देव दीपावली को देवताओं की दिवाली के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन खुद देवतागण काशी में मौजूद रहकर घाटों पर दीपावली का त्योहार मनाते हैं.
काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला
इस मान्यता के अनुरूप सदियों से यह परंपरा पंचगंगा घाट पर निभाई जाती रही है, लेकिन अब यह धीरे-धीरे काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला पर निभाई जाती है और इसकी जिम्मेदारी खुद प्रशासन उठाता है.
कार्यक्रम में बड़े कलाकारों की मौजूदगी
इस कार्यक्रम की शुरुआत 8 नवंबर को काशी गंगा महोत्सव के रूप में राजघाट पर होगी, जिसमें 12 नवंबर तक बड़े कलाकारों की मौजूदगी में विभिन्न सांस्कृतिक और संगीत के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही शिल्प मेला व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी वाराणसी में अलग-अलग स्थानों पर होगा.
भव्य गंगा आरती
देव दीपावली पर्व के लिए काशी में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती और शीतला घाट पर होने वाली महाआरती के अलावा अस्सी घाट, तुलसी घाट, ललिता घाट, पंचगंगा घाट, रामघाट, राजघाट, मणिकर्णिका घाट समेत अन्य स्थानों पर इन दिनों विशेष सजावट के साथ गंगा आरती का भी आयोजन किया जाता है.
राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी रहेंगे मौजूद
राजघाट पर प्रशासनिक स्तर पर आयोजित होने वाले गंगा महोत्सव कार्यक्रम के समापन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल की मौजूदगी होने वाली हैं, जिसे लेकर प्रशासन किसी तरह की कोई कमी नहीं रखना चाह रहा है.
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